सोमवार, 27 अक्तूबर 2014

एयर इंडिया की उड़ानों से छंटे खतरे के बादल!

खुलासा: बिना लाइसेंस से उड़ान भर रहे थे सौ से ज्यादा पायलट
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
भारत की प्रमुख विमानन सेवा एयर इंडिया की उड़ाने भी हवाई यात्रियों के लिहाज से जोखिम से कम नहीं है। जेट एयरवेज के 131 पायलटों के लाइसेंस निरस्त करने के बाद अब एयर इंडिया के ऐसे 102 पायलटों का खुलासा हुआ है जो बिना लाइसेंस के उड़ाने भर रहे हैं।
नागर विमानन मंत्रालय के अनुसर एयर इंडिया के 102 पायलटों के उड़ान भरने के लिए लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं हुआ है, जो विमानन सेवा के नियमों का उल्लंघन ही नहीं है, बल्कि हवाई यात्रियों की जान को भी जोखिम में डालने वाला मुद्दा है। इस बात का खुलासा होने पर एयर इंडिया ने ऐसे 102 पायलटों की सूचना डीजीसीए को दे दी है। इन पायलटो के बारे में बताया गया कि इनके उड़ान लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी है और उसके बावजूद ये हवाई जहाज उड़ा रहे हैं। पिछले महीने पांच सितंबर को डीजीसीए ने जेट एयरवेज के 131 पायलटों के लाइसेंस निरस्त करने के नोटिस देकर उन्हें इस सेवा से वंचित कर दिया है, जिन्होंने योग्यता हासिल करने वाली परीक्षा नहीं दी थी। एयर इंडिया के इन पायलटों की स्थिति भी उसी तरह की है, जिसके लिए अब डीजीसीए उनके लाइसेंसों को निरस्त करने की कार्यवाही करेगा। इन पायलटों को तो ऐसे पायलटों को एयर इंडिया के बोइंग विमानों को उड़ाने की जिम्मेदारी मिली हुई है। एयर इंडिया की ओर से नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को दी गयी जानकारी में हुए खुलासे के बाद इनके खिलाफ कार्यवाही की तैयारियां शुरू कर दी हैं और अब इन पायलटों के लाइसेंसों का नवीनीकरण भी नहीं किया जाएगा। जेट एयरवेज की तरह एयर इंडिया के पायलटों के लिए विमानन कंपनी के प्रशिक्षण विभाग की गंभीर चूक सामने आई है, जिसमें डीजीसीए को दी गई जानकारी के अनुसार यह भी स्वीकार किया गया है कि इन 102 पाइलट का तयशुदा शेड्यूल के मुताबिक हर छह महीने में होने वाला रूट चेक नहीं किया गया था, इसलिए उनका लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई है। नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार डीजीसीए ने अब एयर इंडिया से उसके एयरबस ए-320 एयरक्राμट के पायलट के लाइसेंस और ट्रेनिंग की स्थिति की भी जानकारी मांगी है।
नए दिशा निर्देशों का उल्लंघन
नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों की माने तो पिछले दिनों सामने आए कुछ मामलों में डीजीसीए के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी फर्जी पायलट लाइसेंस जारी करने में भूमिका सामने आ चुकी है तो इस प्रक्रिया को और कड़ा किया जा रहा है। विमानों में पायलटों को प्रशिक्षण नागर विमानन अपेक्षाएं विनियमन के अनुसार दिया जाता है। राजग सरकार ने हवाई मार्ग और हवाई यात्रा में यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जाली पायलट लाइसेंसो की उच्च स्तरीय जांच करने के दिशा निर्देश जारी किये हैं, इसमें जाली μलार्इंग स्कूलों के खिलाफ भी कार्यवाही का पैमाना तय किया जा रहा है। नए दिशा निर्देशों के अनुसार नागर विमानन नियामक डीजीसीए ने लाइसेंस जारी करने से पूर्व दस्तावजों के सत्यापन के लिए ठोस कदम उठाने शुरू कर दिये हैं,जिसमें विदेशों से पढ़ाई करके लौटे भारतीय पायलटों को भी जांच के दायरे में लाया जा रहा है। मसलन विदेशी लाइसेंस को भारतीय लाइसेंस में परिवर्तित करने के लिए पायलट के लाइसेंसों का सत्यापन विदेशी लाइसेंस जारी करने वाले वाले देश के संबधित विनियामक प्राधिकरण से कराना अनिवार्य बना दिया गया है।
27Oct-2014

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें