सोमवार, 13 अक्तूबर 2014

फिर शुरू हुई तीसरे विकल्प की सियासत!

12 तुगलक रोड को चौधरी चरण सिंह स्मारक के मुद्दे पर होगा संग्राम
चरण सिंह को भारत रत्न दिलाने के लिए भी जागा किसानों का स्वाभिमान
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
सरकारी आवास 12 तुगलक रोड को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह का स्मारक बनाने के साथ उन्हें भारत रत्न देने की मांग को लेकर मेरठ में हुई किसान स्वाभिमान रैली में रालोद को अन्य दलों का भी समर्थन मिला और केंद्र सरकार के खिलाफ तीसरा विकल्प तैयार करके संग्राम करने का ऐलान तक कर दिया गया। वहीं लोकसभा में गैर भाजपाई और गैरकांग्रेसी दलों ने विपक्ष की भूमिका के रूप में सरकार घेरने की रणनीति भी तैयार की है।
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करके राजनीतिक अस्तित्व गंवा चुके रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह को अपने सरकारी आवास 12-तुगलक रोड को भी विरोध के बावजूद खाली करना पड़ा है, जिसे रालोद और भाकियू जैसे किसान संगठनों ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह का स्मारक बनाने की मांग को लेकर आंदोलन भी किया। इस मांग के लिए पूर्व घोषित रणनीति के तहत रविवार को मेरठ के गायत्री मैदान में चौधरी चरण सिंह विचार मंच व और भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान स्वाभिमान रैली में इस मांग ने फिर तूल पकड़ा। स्मारक के साथ इस रैली में रालोद के अलावा सपा, जदयू, जद-एस, और अन्य दलों के राजनीतिक दिग्गजों ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग को भी शामिल कर लिया। वहीं लोकसभा में विपक्ष नाम की चीज न होने पर गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी दलों को फिर से एक मंच पर लाकर विपक्ष की भूमिका निभाने और केंद्र सरकार को घेरने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया। इस रैली के सहारे रालोद ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खोई हुई सियासी जमीन को भी पाने के लिए किसानों को एकजुट होने का आव्हान किया गया, जिसमें अन्य दलों के दिग्गजों ने भी रैली में उमडे किसानों और समर्थकों को नसीहत दे डाली कि ऐसे क्या हालात बने कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वे किसानों की हितैषी रालोद को एक भी सीट नहीं दिलवा सके। रैली में प्रस्ताव पारित किया गया है कि केंद्र सरकार से 12 तुगलक रोड को चौधरी चरण सिंह स्मारक बनवाने और उन्हें भारत रत्न दिलावने की मांग की जाएगी। यदि सरकार ने नानुकर की तो संग्राम का बिगुल बजाया जाएगा और संसद में भी सभी दल एकजुटता के साथ मोदी सरकार को घेरने में पीछे नहीं रहेंगे। रैली में रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह व जयंत चौधरी, जदयू के प्रमुख शरद यादव, नीतिश कुमार व केसी त्यागी, जद-एस प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा के अलावा सपा नेता एवं यूपी में कबीना मंत्री शिवपाल यादव के अलावा भाकियू नेता राकेश टिकैत भी गरजते नजर आए।
मोदी सरकार के खिलाफ लामबंदी!
रविवार को किसान स्वाभिमान रैली भले ही 12 तुगलक रोड को चौधरी चरण सिंह का स्मारक बनाने की मांग के मुद्दे पर हुई हो, लेकिन रैली के मंच से एक ऐसे नये सियासी धु्रवीकरण की इबारत लिखने के संकेत सामने आए हैं, जिसमें तीसरी ताकत को मजबूत करके केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ एक मजबूत लामबंदी की पटकथा तैयार हो सके। इसका मकसद यही है कि रालोद की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासी जमीन को फिर से सींचा जा सके और राष्टÑीय स्तर पर एक नया राजनीतिक समीकरण की इमारत खड़ी की जा सके।
कांग्रेस ने मुहं मोड़ा
लोकसभा चुनाव से पहले इसी मैदान पर चौधरी चरण सिंह की जयंती पर हुई किसान स्वाभिमान रैली में जदयू के अलावा कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय भी मंच से गरजे थे, लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के साथ सहयोगी रालोद का भी सफाया हो जाने के बाद कांग्रेस ने रालोद से मुहं मोड लिया और उसके स्थान को सपा के लेने से यह भी पुष्टि हो गई है कि कांग्रेस-रालोद की दोस्ती टूटने लगी है और सपा से रालोद की नजदीकियां बढ़ने लगी है। यही नहीं रैली में जिस प्रकार से गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी दलों को एक मंच पर आकर एकजुटता के साथ तीसरे विकल्प की तैयारियों पर जोर दिया गया है उस तीसरी ताकत में फिर जान फूंकने की रणनीति तेज हो रही है।
किसने क्या कहा
इस रैली में प्रमुख रूप से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि यूपी में भाजपा ने चौधरी चरण सिंह की विचारधारा और किसान एकता को कमजोर करने के लिए साजिश के तहत जाटों और मुसलमानों को अलग-अलग किया है। हम उसके मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे। शरद यादव ने कहा कि चौधरी चरण सिंह के नाम पर पूरे देश भर के किसान एक हो जाएं। किसानों के बिखरने के कारण ही आज देश में सियासी पाखंड बनती दिखाई दे रही है। देश के किसान अगर एक हो जाएंगे तो पाखंडियों की सियासत खत्म हो जाएगी और दिल्ली में किसान नेता चौधरी चरण सिंह की स्मारक बनाने से हमें कोई रोक नहीं पाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि चौधरी चरण सिंह के जनता परिवार को फिर से एक होने की जरूरत है। अगर ऐसा हुआ तो देश भर में फिर से समाजवादी क्रांति आ जाएगी। इस मौके पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ बिहार में सभी दल एक हो गए हैं, इसलिए अब देश भर में ऐसी ही एकता बनाने की जरूरत है। रैली में रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह, उनके पुत्र जयंत चौधरी को यूपी में सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी का साथ मिलने से ज्यादा बल मिला, जिसके तहत उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव मंच पर मौजूद थे।
13Oct-2014

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