गुरुवार, 16 अक्तूबर 2014

राष्ट्रीय खेल संघों पर कसेगा वित्तीय शिकंजा!

सरकार को खेलों को प्रोत्‍साहन देने पर जोर
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
देश में पिछले दिनों भारतीय खेल संघों की उठापटक और वित्तीय अनियमिताओं के सामने आये मामलों के कारण भारतीय खेलों और खिलाड़ियों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आने वाली बाधाओं को रोकने की दिशा में मोदी सरकार ने ठोस कमद उठाने शुरू कर दिये हैं। केंद्र सरकार ने देश में खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की दिशा में राष्ट्रीय खेल संघों पर वित्तीय शिकंजा कसने की कवायद में कुछ दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ और अन्य राष्ट्रीय खेल संघों को अपने वार्षिक खातों और बैलेंस शीटों में पारदर्शिता बरतनी अनिवार्य होगी।
केंद्रीय कौशल विकास, उद्यमिता, युवा मामले और खेल मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार आईओए और राष्ट्रीय खेल संघों से बीते वित्त वर्ष के अपने अंकेक्षित वार्षिक खातों और अपनी बैलेंस शीट को हर साल 30 जून तक अपनी वेबसाइट पर डालने को कहा है। सरकार का मकसद है कि खेलों को प्रोत्साहन देकर भारतीय खिलाड़ियों के हौंसले बुलंद रखना रखना जरूरी है। सरकार के निर्देशों के मुताबिक अब भारतीय ओलंपिक संघ और सभी राष्ट्रीय खेल संघों के लिए कैग (सीएजी) के पैनल में शामिल चार्टर्ड एकाउंटेंटों द्वारा अपने खातों को अंकेक्षित कराना जरूरी कर दिया गया है। वहीं सरकार ने वित्तीय शिकंजा कसते हुए राष्ट्रीय खेल संघों और सभी संबंधित पक्षों को जारी दिशा निर्देशों में यह भी चेतावनी दी है कि यदि इन दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया गया और निदेर्शों का पालन न किया गया तो सरकार की ओर से उन्हें जारी होने वाली वित्तीय मदद को रोका जा सकता है, वहीं खेल संघों की मान्यता को निरस्त भी किया जा सकता और फिर से उनका नवीकरण नहीं हो सकेगा।
निर्देशों का उल्लंघन हुआ तौ खैर नहीं
खेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आज बुधवार को जारी दिशा निर्देशों में भारतीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय खेल संघों को इससे पहले 17 जुलाई तथा 6 अगस्त को भेजे गए पत्रों का भी जिक्र किया गया है। जिसमें सरकार ने राष्ट्रीय खेल संघों द्वारा कोष का उपयोग किए जाने और राष्ट्रीय खेल संघों द्वारा अपनी विभिन्न गतिविधियों से जुड़ी सूचनाओं का स्वत: खुलासा करने को कहा गया था, लेकिन उन दिशा निर्देशों को नजरअंदाज किया गया है। खेल मंत्रालय ने ताजा दिशा निर्देशों को एक नोटिस के रूप में जारी करते हुए स्पष्ट कहा है कि भारतीय ओलंपिक संघ तथा ज्यादातर राष्ट्रीय खेल संघों ने इससे पहले मांगी गई सूचनाएं अभी तक खेल मंत्रालय को मुहैया नहीं कराई हैं और न ही खेल संघों ने एसीटीसी के विवरण, वार्षिक अंकेक्षित खातों तथा बैलेंस शीट के बारे में सूचनाएं जैसी अपनी महत्वपूर्ण गतिविधियों को अपनी वेबसाइट पर डालने का प्रयास किया। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि यह निर्देश भारतीय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता-2014 का ही अभिन्न हिस्सा होगा।
आईओए के निलंबन का झेला दंश
भारतीय खिलाडियों को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा भारतीय ओलंपिक संघ के चुनावों में ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन होने के कारण मान्यता निरस्त कर दिये जाने के कारण संकट का दंश झेलना पड़ा और केंद्र सरकार को भी मशक्कत करनी पड़ी है। आईओए चुनावों में ओलंपिक चार्टर, खेल संहिता और उच्च न्यायालय किसी के भी दिशानिदेर्शों का उल्लंघन होने का आरोप लगा था। भविष्य में ऐसी स्थिति न आए इस लिए मौजूदा राजग सरकार ने ऐसे दिशा निर्देश जारी करके नियंत्रण रखने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
16Oct-2014

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