रविवार, 6 जनवरी 2019

राज्यसभा में हंगामा: पेश नहीं हो सका तीन तलाक विधेयक

प्रवर समिति से जांच कराने की मांग पर अड़ा रहा विपक्ष                 
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
लोकसभा में संशोधनों के साथ पारित हुए तीन तलाक संबन्धी विधेयक पर सोमवार को राज्यसभा में चर्चा होनी थी, लेकिन इसे जांच के लिए प्रवर समिति को भेजने की मांग पर अड़िग विपक्ष के हंगामे के कारण इस विधेयक को उच्च सदन में पेश नहीं किया जा सका।
संसद के शीतकालीन सत्र का 12वें दिन भी राज्यसभा हंगामे के नाम रही, जहां सोमवार को तीन तलाक संबन्धी मुस्लिम महिलाएं (विवाह अधिकारों संरक्षण) विधेयक पर चर्चा तय थी, जिसे पिछले सप्ताह लोकसभा ने संशोधनों के साथ पारित किया था। सोमवार को एक बार के स्थगन के बाद जब उच्च सदन की कार्यवाही दो बजे फिर शुरू हुई तो अन्नाद्रमुक सदस्यों के कावेरी मुद्दे को लेकर आसन के करीब आकर नारेबाजी करने लगे, इसी हंगामे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति विधेयक पेश किया। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने तीन तलाक संबन्धी ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2018 पेश करने की प्रक्रिया शुरू करने का प्रयास किया, तो विपक्षी दल अपनी सीटों पर खड़े होकर तीन तलाक बिल को जांच के लिए प्रवर समिति के सुपुर्द करने की मांग करने लगे। इस हंगामे के बीच सत्ता व विपक्ष के बीच चले आरोप-प्रत्यारोप के कारण केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद तीन तलाक बिल को पेश करने के लिए खड़े भी नही हो सके, जिन्होंने सदन में व्यवस्था बनाने की ओर इशारा किया। इसी बीच तृणमूल कांग्रसे के डेरेक ओ' ब्रायन और बाद में प्रतिपक्ष नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित करने और सदन की कार्यवाही को चलाने के पक्ष में हैं, लेकिन इससे पहले नियम 125 के तहत 15 प्रमुख विपक्षी दलों की ओर से इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने का नोटिस दिया है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए। सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच तर्क-वितर्क के साथ हंगामे को देखते हुए उपसभापति ने सदन की कार्यवाही को दस मिनट बाद ही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इस बीच उपसभापति के कक्ष में सत्ता और विपक्ष के कई नेता मंत्रणा और चर्चा करने के लिए गये, लेकिन जब फिर सदन की कार्यवाही शुरू होने पर तीन तलाक विधेयक पेश करने के लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर खड़े हुए और उन्होंने कहा कि विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कल तक तीन तलाक हुए हैं। इस विधेयक को लटकाया नहीं जा सकता है। उच्चतम न्यायालय ने भी कानून बनाने के लिए कहा है। इस विषय पर विपक्षी दलों के आने वाले सुझावों को भी सुना जाएगा, लेकिन सदन में हंगामा शुरू हो गया और कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
आरोप-प्रत्यारोप
सदन में हंगामे के बीच संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि जो कांग्रेस पहले इस विधेयक का समर्थन कर चुकी है, जबकि आज वह विरोध में खड़ी होकर तीन तलाक पर राजनीति कर रही है। इसके जवाब में कांग्रेस के आनंद शर्मा ने उल्टे तीन तलाक पर सरकार और सत्ता पक्ष पर राजनीति करने का आरोप मंढना शुरू किया, जिसके कारण सत्ता व विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे और दोनों ही पक्षों के अपने-अपने रुख पर कायम रहे यानि विपक्ष इसे प्रवर समिति में भेजने और सत्ता पक्ष प्रवर समिति में न भेजने पर अडिग रहा। इसी वजह से इस विधेयक को राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका और सदन की कार्यवाही को कुछ मिनटों बाद ही दो जनवरी 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
अन्य मुद्दों पर हंगामा
सोमवार को सुबह उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर प्रख्यात फिल्मकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य मृणाल सेन के निधन पर शोक व्यक्त किया गया और सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद आवश्यक दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखवाया गया, जिसके बाद शून्यकाल शुरू करने का ऐलान होते ही अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी मुद्दे को लेकर आसन के करीब आकर नारेबाजी करने लगे और अन्य दलों के सदस्य भी विभिन्न मांगों को लेकर अपनी सीटों पर खड़े हो गये। सदन में हंगामा देख उपसभापति ने सदन की कार्यवाही को करीब सवा ग्यारह बजे दोपहर बाद दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
01Jan-2019

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