रविवार, 6 जनवरी 2019

चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं कैदी

देशभर की जेलों में स्वीकृत 43 फिसदी डाक्टरों की नियुक्ति नहीं
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा देश की जेलों के आधुनिकीकरण के साथ वहां विचाराधीन कैदियों के स्वास्थ्य संबन्धी सुविधाओं का विस्तार करने की योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन तमाम जेलों में चिकित्सकों की कमी का कैदियों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। मसलन देशभर की जेलों में स्वीकृत स्वीकृत चिकित्सकों के मुकाबले करीब 57 फीसदी ही जेल अस्पतलों में नियुक्त हैं।
यह जानकारी बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया के सवालों के लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने स्वीकार किया कि मंत्रालय के पास इस सबंध में 2015 तक के ही आंकड़े हैं, जिसमें जेलों में कैदियों के अनुपात के आधार पर 29 राज्यों व 7 केंद्र शासित प्रदेशो की जेलों में 1152 रेजिडेंट मेडिकल आफीसर और मेडिकल आफीसर के पद स्वीकृत हैं, लेकिन 657 चिकित्साधिकारी ही तैनात हैं। उन्होंने कहा कि जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य संबन्धी सुविधाओं का विस्तार करने की योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है और राज्यों में कैदियों के अनुपात के आधार पर चिकित्सकों की जेलों के अस्पतालों में तैनाती की जाती है, जो राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। अहीर ने सदन में बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जारी मॉडल कारागार मैनुअल के अनुसार सभी केंद्रीय और जिला कारागारों की प्राथमिकता के पांच प्रतिशत के पैमाने पर अस्पताल की सुविधा और उनमें कैदियों के अनुपात के आधार पर चिकित्सकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि 50 बिस्तरों और उससे अधिक के बड़े अस्पतालों को ‘क’ श्रेणी तथा 50 बिस्तरों से कम वाले अस्पतालों को ‘ख’ श्रेणी के अस्पताल के रूप में वर्गीकृत किया गया है। मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार देश में प्रत्येक जेल के लिए नियुक्त चिकित्साधिकारियों में स्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, ह्दय रोग विशेषज्ञ और अन्य रोगों के जानकार डाक्टरों को तैनात करने के अलावा फार्मेसिस्ट और पराचिकित्सक कर्मचारियों के पद सृजित किये गये हैं।
छग में नौ, मप्र में 10 व हरियाणा में 19 डाक्टर
गृह मंत्रालय के अनुसार देशभर में केंद्रीय व जिला जेलों में स्वीकृत 1162 की तुलना में तैनात 657 चिकित्साधिकारियों में छत्तीसगढ़ राज्य में 43 चिकित्साधिकारियों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इस राज्य में अभी तक 34 पद रिक्त हैं यानि केवल नौ डाक्टर ही तैनात हैं। जबकि मध्य प्रदेश में स्वीकृत 57 चिकित्साधिकारियों के पदों के सापेक्ष केवल 10 पदों पर ही डाक्टर काम कर रहे हैं। इसी प्रकार हरियाणा राज्य की जेलों के अस्पतालों में 38 चिकित्साधिकारियों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें मंत्रालय में उपलब्ध आंकड़ो के आधार पर 19 चिकित्सकों ही तैनाती है। यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जेल अस्पतालों में 63 चिकित्साधिकारी तैनात हैं, जबकि यहां स्वीकृत पदों के मुताबिक 134 चिकित्साधिकारियों की तैनाती होनी चाहिए।
03Jan-2019


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