आरक्षण
संशोधन विधेयक रही सरकार की बड़ी उपलब्धि
फिर
अधर में लटके रहे तीन तलाक व मोटर वाहन जैसे अहम बिल
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली।
संसद के
शीतकालीन सत्र में सरकार के कामकाज पर विपक्षी दलों का हंगामा भले ही हावी रहा हो,
लेकिन अंतिम दिनों में मोदी सरकार ने संसद में सवर्णो के गरीब लोगों के लिए दस
प्रतिशत आरक्षण देने वाले संविधान संशोधन विधेयक पर संसद की मुहर लगवाकर कई दशकों
से दबी आ रही आवाज को बुलंद करके बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नतीजन हंगामे के कारण
होम होती दोनों सदनों की कार्यवाही के दौरान सरकार केवल पांच विधेयक पर ही संसद की
मुहर लगवा सकी है।

लोकसभा में पास हुए 14 बिल
संसदीय कार्य मामलों के मंत्रालय के अनुसार शीतकालीन सत्र के लिए
सरकार के एजेंडे में संविधान (संशोधन) विधेयक के अलावा सात नए विधेयकों समेत 46
बिल शामिल थे, लेकिन लोकसभा में तीन अध्यादेश और 12 विधेयकों के अलावा राज्यसभा
में पांच विधेयकों को पेश किया जा सका। लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह संरक्षण अधिकार)
अध्यादेश, भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) अध्यादेश तथा कंपनी संशोधन अध्यादेशों
को विधेयक के रूप में कुल 14 विधेयकों को पारित कराया सका, लेकिन राज्यसभा में तीनों
अध्यादेश वाले विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक लटके रह गये। राज्यसभा में देश
में सड़क सुरक्षा संबन्धी नए मोटर वाहन समेत महत्वपूर्ण बिलों के अटकने के कारण वे
कानून का रूप नहीं ले सके।
चार विधेयक हुए वापस
सरकार ने दोनों सदनों में पुराने चार विधेयकों नालंदा
विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक,
होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) विधेयक-2005 तथा केंद्रीय परिषद (संशोधन)
विधेयक-2015 को वापस लिया है।
समय की बर्बादी
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 17 बैठकों के दौरान
46.48 घंटे कामकाज किया गया। लोकसभा में हंगामें के कारण बर्बाद हुए समय की पूर्ति
के लिए सदन की कार्यवाही को 48 घंटे से जयादा अतिरकक्त समय तक चलाया गया। लोकसभा
में 88 गैर सरकारी विधेयक भी पेश किये गये। दूसरी ओर राज्यसभा में शीतकालीन सत्र
में 11 दिसंबर 2018 से नौ जनवरी 2019 के बीच केवल 18 बैठकों के दौरान केवल चार
विधेयक पारित कराए गये। जबकि उच्च सदन में तीन दिन की कार्यवाही निरस्त हुई, तो एक
दिन की बैठक को बढ़ाया गया। राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान केवल 27 घंटे ही काम
हो सका, जबकि 78 घंटे हंगामे के कारण बर्बाद हुए। हालांकि समय की पूर्ति करने के
मकसद से छह घंटे अतिरक्त समय के लिए कार्यवाही भी चलाई गई।
सरकार ने ठोकी अपनी पीठ
संसदीय
कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान
संसद के दोनों सदनों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने
संबंधी 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने को मोदी सरकार की एक बड़ी
उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि यह करोड़ों वंचित भारतीय नागरिकों की अकांक्षा को
पूरा करेगा। सरकार का यह ऐसा दांव रहा कि विपक्षी दल भी इसका चाहते हुए भी विरोध
नहीं कर सके।
11Jan-2019
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