सोमवार, 14 जनवरी 2019

छत्तीसगढ़ के भूजल में बढ़ा जहर का दायरा

रायपुर समेत फ्लोराइड की जद में 285 आबादी
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
देश में ज्यादातर राज्यों के अधिकांश इलाकों के संदूषित होते जा रहे भूजल की गुणवत्ता में सुधार आने का नाम ले रहा है। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य की छत्तीसगढ़ राज्य के 27 जिलों में से रायपुर समेत दस जिलों की 285 बसावटों के भूमिजल में मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक जलजनित बीमारी के खतरे को पैदा करने वाला फ्लोराइड का मिश्रण की मात्रा बढ़ रही है। हालांकि अन्य संदूषित पदार्थो का असर कम से कम 19 जिलों की 513 बसावटों में दर्ज किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य के लिए चिंता का विषय बना यह ताजा आंकड़ा पिछले सप्ताह दो जनवरी को ही प्रयोगशालाओं से लिए गये पेयजल के नमूनों के बाद सामने आया है। मसलन केंद्रीय भूजल बोर्ड के हवाले से यह जानकारी आज सोमवार को राज्यसभा में राज्य की कांग्रेस सांसद छायावर्मा के एक सवाल के लिखित जवाब मे केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने सदन के पटल पर रखा है। इस आंकड़े के अनुसार छत्तीसगढ़ के तमाम जिलों में कहीं न कहीं कुल 513 बसावटों का भूजल जहरीले मिश्रण के दायरे में है। इसमें 285 बसावटों में तो मानव स्वास्थ्य के लिए सर्वाधिक खतरनाक माने जाने वाले फ्लोराइड का मिश्रण है, जिसमें राजधानी रायपुर व कांकेर की 14-14 आबादी इसके दायरे में हैं, जबकि फ्लोराइड वाले भूजल की चपेट में सर्वाधिक 185 आबादी कोरबा जिले में पाई गई हैं। इसके अलावा महासमुंद में 39, कोरिया में 15, कवर्धा में 14 तथा बीजापुर, कोडागांव, जंजागीर-चंपा, सूरजपुर व सरगुजा जिले की तीन-तीन आबादी फ्लोराइडयुक्त भूजल की चपेट में हैं।  इसके अलावा राज्य 282 आबादी के भूजल में अन्य पदार्थो के साथ आर्सेनिक जैसा जहर पाया गया है।
227 आबादी के भूजल में लौह
राज्य की 227 बसावटों के भूजल में लौह और दो बसावटों  में नाइट्रेट पाया गया है। कोरबा जिले की सबसे ज्यादा 225 बसावटों का भूजल संदूषित है। राज्य के 12 जिलो का भूजल नाइट्रेट, 17 जिले लौह और एक-एक जिला शीशा, कैडमियम व क्रोमियम से प्रभवित है।
इससे पहले ये थी स्थिति
मंत्रालय के आंकड़ो के मुताबिक एक अप्रैल 2018 को राज्य की 516 बसावटों के भूजल में फ्लोराइड, लौह और नाइट्रोजन के मिश्रण पाए गये थे। जबकि 2017 में राज्य की 1181 बसावटों का भूजल जहरीला पाया गया, जिसमें 406 आबादी के पानी में फ्लोराइड और 20 आबादी में आर्सेनिक, तथा 743 बस्तियों में लौह का मिश्रण सामने आया था। इससे पहले एक अप्रैल 2016 में राज्य की 874 बसावटें संदूषित भूजल के दायरे में थी, जिसमें 75 बस्तियों में फ्लोराइड और 780 में लौह का मिश्रण देखा गया था।
देश में  61551 बसावटों के भूजल में फ्लोराइड
मंत्रालय के ताजा आंकड़ो के अनुसार देश के 23 राज्यों में पिछले सप्ताह दो जनवरी की स्थिति के आधार पर 61551 बसावटों के भूजल में फ्लोराइड, 9655 में आर्सेनिक, 15795 में लौह, 13494 में नाइट्रेट, 1562 में शीशा, कैडमियम व क्रोमियम जैसी भारी धातु का मिश्रण खुला है। जबकि देश की 18939 आबादी के भूजल में लवणता का घोल पाया गया है।  
08Jan-2018

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