उच्च
सदन की एक दिन ओर चलेगी बैठक
सीबीआई
कार्यवाही के विरोध में विपक्ष का हंगामा
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
संसद के
शीतकालीन सत्र में मंगलवार को भी राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण होम हो गई,
लेकिन इसके विपरीत लोकसभा में अंतिम दिन जमकर हुए कामकाज के चलते पारित कराए गये
कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर संसद की मुहर लगवाने के मकसद से राज्यसभा की बुधवार को
भी बैठक होगी। ऐसी संभावना है कि गरीब सवर्णो को 10 फीसदी आरक्षण संबन्धी संविधान
(संशोधन) विधेयक एवं नागरिक (संशोधन) विधेयकों को बुधवार को होने वाली उच्च सदन की
कार्यवाही के दौरान पेश किये जाएंगे, जिन्हें सरकार पारित कराने का प्रयास करेगी।
संसद
के शीतकालीन सत्र के दौरान 11 दिसंबर को शुरूआत से ही दोनों सदनों में विभिन्न
मुद्दों को लेकर विपक्ष का हंगामा बरपता रहा है। राज्यसभा में मंगलवार को भी सीबीआई
के कथित दुरूपयोग, राफेल पर जेपीसी के गठन की मांग जैसे विभिन्न मुद्दों पर सपा,
बसपा, आप, कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने लगातार हंगामा
किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बार-बार 5 बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए
स्थगित कर दी गई। हंगामे के कारण उप सभापति हरिवंश ने जब साढ़े तीन बजे की
कार्यवाही को बुधवार 11 बजे तक स्थगित किया गया तो इस बात की पुष्टि की गई कि सदन
के विभिन्न दलों की सहमति के बाद राज्यसभा की कार्यवाही को एक दिन का विस्तार दिया
गया है यानि बुधवार को भी राज्यसभा की कार्यवाही होगी। इससे पहले मंगलवार को सुबह
कार्यवाही शुरू होते ही सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल
पर रखवाए और नियम 267 के तहत सदस्यों के नोटिसों को खारिज करने की जानकारी दी तो
सदन में विभिन्न मुद्दों पर हंगामा शुरू होने के कारण कार्यवाही को दो बजे तक
स्थगित कर दिया गया। दो बजे के बाद भी हंगामे की यही स्थिति रहने के कारण कुछ देर
बाद ही साढ़े तीन बजे तक चार बार स्थगित करना पड़ा और बाद में पूरे दिन के लिए
कार्यवाही स्थगित हो गई। हालांकि इसी हंगामे के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
जेपी नड्डा ने भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक पेश किया और एक सदस्य
ने इस पर चर्चा की शुरूआत भी की, लेकिन यह चर्चा हंगामे के शोर में दबकर रह गई।
यहां बनी रही भ्रम की स्थिति
राज्यसभा
के उपसभापति हरिवंश ने जब तीसरे पहर साढ़े तीन बजे शुरू हुई कार्यवाही के दौरान
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को नौ जनवरी बुधवार 11 बजे तक स्थगित करने का
ऐलान किया तो सदन विपक्षी दलों ने आश्चर्य जताया और काफी देर तक सदन में ही डटे
रहे। मसलन विपक्षी दलों ने उच्च सदन की एक दिन की बैठक अवधि बढ़ाने के फैसले को
सरकार का मनमाना फैसला करार देते हुए आरोप लगाया और इस निर्णय को संसदीय परंपरा और
नियमों के विरुद्ध करार देते हुए कहा कि इस पर सदन में विभिन्न दलों से काई राय या
सहमति नहीं ली गई। इसके विपरीत संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने विपक्ष के
आरोप को खारिज करते हुए कहा कि ससदन की बैठक को सद के सभी दलों के नेताओं की राय
पर ही बढ़ाया गया है।
आज हो सकती है संविधान और
नागरिक संशोधन विधेयक पर चर्चा
राज्यसभा
की बुधवार को एक और बैठक होने पर उम्मीद है कि लोकसभा में मंगलवार को पेश हुए
संविधान (संशोधन) विधेयक एवं नागरिक (संशोधन) जैसे विधेयकों को पारित होने की
स्थिति में बुधवार को राज्यसभा में लाया जाएगा। सरकार की ओर से मिली जानकारी के
अनुसार राज्यसभा की एक बैठक का विस्तार करने का मकसद यही है कि लोकसभा में पारित
महत्वपूर्ण विधेयकों पर उच्च सदन में पारित कराया जा सके। इनके अलावा राज्यसभा में
तीन तलाक जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी कार्यसूची में लंबित चल रहे हैं,
लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण उन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सका है। उधर लोकसभा में
इस मौजूदा सत्र के दौरान मंगलवार ऐसा दिन रहा, जब बिना किसी हंगामे के सदन की
कार्यवाही सुचारू रूप से चलती रही और इस दौरान सरकार की ओर से नागरिक (संशोधन) विधेयक,
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (संशोधन)विधेयक, और सवर्णो के गरीब व कमजोर लोगों
को शिक्षा एवं नौकरियों में 10 आरक्षण प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने संबंधी संविधान (124वां
संशोधन) विधेयक पेश किये गये। इन विधेयकों पर निचले सदन में समाचार लिखे जाने तक चर्चा
जारी थी।
09Jan-2019
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