
समझौता
कर छह राज्यों ने कार्यान्वयन पर लगाई मुहर
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
यमुना नदी
बेसिन राज्यों की पिछले चार दशक से ज्यादा समय से लंबित पड़ी तीन बहुउद्देय बांध
परियोजनाओं में से लखवाड़ के बाद रेणुकाजी बांध परियोजना को शुरू करने का रास्ता
साफ हो गया है। हिमाचल प्रदेश की इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए हरियाणा,
हिमाचल, दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड व राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने एक समझौता
हस्ताक्षर कर दिये हैं। इन परियोजनाओं से सभी छह राज्यों को जल संकट से राहत
मिलेगी।
नई दिल्ली
में शुक्रवार को आयोजित एक समझौता कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन
गड़करी और जल संसाधन राज्य मंत्रियों सत्यपाल सिंह व अर्जुनराम मेघवाल की मौजूदगी
में हिमाचल प्रदेश के मुख्यंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल,
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ, दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल व राजस्थान के मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत ने उत्तर भारत की उपरी यमुना बेसिन पर यमुना नदी की सहायक गिरी नदी पर रेणुकाजी
बहुउद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण के लिए एक समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किये
हैं। इस परियोजना पर 4596.76 करोड़ रुपये लागत का अनुमान लगाया गया है, जिसका 90
प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करेगी और बाकी दस प्रतिशत का खर्च जल उपलब्धता के आधार
पर इन सभी छह राज्यों को करना होगा। इस समझौते का मकसद रेणुकाजी बहुउद्देशीय बांध परियोजना
की भंडारण क्षमता 0.404 एमएएफ करना है, जिससे 23 क्यूमेक जल बेसिन राज्यों को आपूर्ति
किया जा सकेगा। वहीं रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण के उपरांत यमुना
की सहायक नदी गिरी की बहाव क्षमता में 110 प्रतिशत की वृद्धि होगी। रेणुकाजी बहुद्देशीय
बांध परियोजना से उच्चतम बहाव के दौरान 40 मेगावाट तक विद्युत उत्पादन भी होगा, जिसका
90 फीसदी खर्च राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली द्वारा किया जाएगा।
केंद्र करेगा 90 फीसदी खर्च
हिमाचल
प्रदेश के सिरमौर जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल रेणुका के निकट ददाहू नामक कस्बे
के किनारे गिरि नदी कुल 1508 हैक्टेयर में 148 मीटर उंची रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध
परियोजना कार्यान्वित होगी और 24 किमी लंबी झील बनेगी। रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध परियोजना की कुल 4596.76
करोड़ रुपये लागत में सिंचाई व पेयजल का घटक 4325.43 करोड़ रूपये तथा विद्युत उत्पादन
का घटक 277.33 करोड़ रूपये है। रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध परियोजना के सिंचाई व पेयजल
घटक का 90 प्रतिशत यानि 3892,83 करोड़ रूपये का खर्च केंद्र सरकार तथा शेष 10 प्रतिशत
यानि 432.54 करोड़ रुपये का खर्च यमुना बेसिन राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड,
हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली द्वारा वहन किया जाएगा।
हरियाणा को मिलेगा सर्वाधिक जल
रेणुकाजी बहुद्देशीय
बांध परियोजना से 498 मीलियन घन मीटर जल का उपयोगी भंडारण करने की योजना है,
जिसमें प्रतिदिन 525 मिलियन गेलन पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। परियोजना पूरी होने पर बेसिन
राज्यों हरियाणा को 47.82 प्रतिशत,उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड को 33.65 प्रतिशत, हिमाचल
प्रदेश को 03.15 प्रतिशत, राजस्थान को 09.34 प्रतिशत व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
06.04 प्रतिशत जल मुहैया कराया जाएगा।
रेणुकाजी परियोजना पूरी होने पर संग्रहित जल का गर्मियों में अतिरिक्त
प्रवाह की आपूर्ति प्राथमिकता के साथ ऊपरी यमुना बोर्ड द्वारा निर्धारित मात्रा के
आधार पर दिल्ली को की जाएगी। रेणुका बांध परियोजना में संग्रहित जल को हरियणा के
हथीनीकुंड बैराज से राजस्थान, यूपी एवं दिल्ली के वजीराबाद बैराज से दिल्ली और
ओखला बैराज से हरियाणा, यूपी व राजस्थान को मुहैया कराने का प्रस्ताव है।
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यमुना नदी की बढ़ेगी क्षमता:
गडकरी
केंद्रीय
जलसंसाधन मंत्री नीतिन जयराम गडकरी ने कहा कि देश में पर्याप्त जल संसाधन हैं। राज्यों
की आवश्यकता अनुसार जल उपयोग के लिए प्रस्तावित परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाना
ही केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। उपरी यमुना बेसिन पर यमुना व उसकी सहायक नदियों
पर निर्मित की जाने वाली तीन जल भंडारण बांध परियोजनाओं के परिणामस्वरूप हरियाणा, उत्तर
प्रदेश, राजस्थान व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पर्याप्त सिचाई व पेयजल उपलब्ध
हो सकेगा। यमुना नदी की क्षमता में 160 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
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हरियाणा को सर्वाधिक लाभ:
मनोहर लाल
हरियाणा
के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उपरी यमुना बेसिन पर यमुना व उसकी सहायक नदियों
पर निर्मित की जाने वाली तीन जल भंडारण बांध परियोजनाओं लखवाड, रेणुकाजी व किशाऊ बहुद्देशीय
बांध परियोजना का 47.82 प्रतिशत जल हरियाणा प्रदेश को मिलेगा। उन्होंने कहा कि
रेणुकाजी परियोजना के लिए राज्य सरकार अपने हिस्से में से 25 करोड़ रुपये जारी कर
चुकी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि रेणुकाजी बहुउद्देशीय बांध परियोजना
से हरियाणा राज्य को 47.82 प्रतिशत पानी मिलेगा।
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उत्तराखंड में बढ़ेगी जल क्षमता: रावत
रेणुका जी
परियोजना के निर्माण के बाद उत्तराखण्ड राज्य को 19.72 एमसीएम (कुल जल का 3.81 प्रतिशत)
जल सिंचाई, घरेलू व औद्योगिक उपयोग हेतु प्राप्त होगा, जिसके आधार उत्तराखण्ड राज्य
द्वारा जल घटक के सापेक्ष कुल 16.50 करोड़ की धनराशि को दो किश्तों में खर्च करेगा।
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किसाऊ परियोजना पर आज समझौता
यमुना नदी
बेसिन राज्यों की पिछले चार दशक से विकास की बाट जो रही तीन बहुउद्देय बांध
परियोजनाओं में लखवाड़ व रेणुकाजी के बाद 11550 करोड़ रूपए लागत वाली तीसरी किशाऊ
बहुउद्देश्य बांध परियोजना के कार्यान्वयन पर भी कल शनिवार 12 जनवरी को इन सभी छह
राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान व हरियाणा के
मुख्यमंत्रियों के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। यह परियोजना
उत्तराखंड के देहरादून में टोंस नदी पर निर्मित होगी, जिससे 660 मेगावाट जलविद्युत
उत्पादन के साथ ही 617 एमसीएम पानी की उपलब्धता हासिल होगी। यह फैसला केंद्रीय जल
संसाधन मंत्री नितिन गडकरी के साथ इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुए विचार
विमर्श के बाद लिया गया है।
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प्रयागराज में
908.16 करोड़ की दो परियोजनाएं मंजूर
नमामि
गंगे: केंद्र का यूपी जल निगम के साथ हुआ करार
हरिभूमि ब्यूरो. नई दिल्ली।
केंद्र
सरकार ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ट्रांस गंगा व यमुना क्षेत्रों में 908.16
करोड रुपये की लागत वाली दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री
नितिन गडकरी और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की मौजूदगी में एनएमसीजी के
साथ यूपी जल निगम और प्रयागराज वाटर लि.
के बीच एक करार पर हस्ताक्षर किये गये हैं।
नई
दिल्ली में शुक्रवार को हिमाचल की रेणुकाजी बहुउद्देशीय बांध परियोजना के कार्यान्वयन
हेतु आयोजित एक समझौता कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गड़करी
और जल संसाधन राज्य मंत्रियों सत्यपाल सिंह व अर्जुनराम मेघवाल और मौजूदगी में छह
राज्यों के मुख्यमंत्रियों हिमाचल प्रदेश के जयराम ठाकुर, हरियाणा के मनोहरलाल,
उत्तराखंड के त्रिवेंद्र रावत, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, दिल्ली के अरविंद
केजरीवाल व राजस्थान के अशोक गहलोत ने एक करार पर हस्ताक्षर किये। इसी दौरान उत्तर
प्रदेश के प्रयागराज में 908.16 करोड़ रुपये की लागत वाली दो परियोजनाओं को भी
मंजूरी दी। इन परियोजनाओं में 72 एमएलडी कुल क्षमता के तीन नये एसटीपी का निर्माण,
80एमएलडी का सुदृढ़ीकरण तथा मौजूदा 254 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का संचालन व रखरखाव
शामिल है। इस अवसर पर केन्द्रीय जल संसाधन सचिव उपेन्द्र प्रताप सिंह सहित केन्द्र
व राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
ये हैं प्रयागराज की
परियोजनाएं
नमामि
गंगे परियोजना के तहत प्रयागराज में ट्रान्स गंगा व यमुना क्षेत्र में सीवेज प्रबधंन
के लिए दो परियोजनाओं और मौजूदा सीवरेज परिसंपत्तियों के आपरेशन व रखरखाव के लिए
908.16 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के फलस्वरूप आई.एण्ड.डी. नेटवर्क
के साथ 72 एमएलडी क्षमता के तीन नये एसटीपी का निर्माण, 80 एमएलडी का सुदृढीकरण,
254 एमएलडी के मौजूदा क्षमता केएसटीपी का बेहतर संचालन व रखरखाव के अलावा 10 नये पम्पिंग
स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। वहीं नैनी में 42 एमएलडी, फाफामऊ में 14 एमएलडी तथा
झूंसी में 16 एमएलडी के एसटीपी तैयार होंगे। वहीं सभी सीवरेज परिसंपत्तियों के आपरेशन
व रखरखाव का कार्य 15 वर्ष के लिए होगा। मसलन ये दोनों परियोजनायें प्रयागराज शहर के
सीवरेज प्रबंधन के लिए टिकाऊ व जवाबदेह तरीके से हाइब्रिड वार्षिकी आधारित पीपीपी मोड
पर तथा कार्यान्वयन के लिए एक शहर-एक संचालक अवधारणा पर आधारित है।
12Jan-2019