सोमवार, 22 दिसंबर 2014

संसद में मोदी सरकार के दो दिन चुनौती से कम नहीं!

धर्मांतरण पर राज्यसभा में हंगामे बरकरार हैं आसार
संसद में आज पेश होंगे बीमा विधेयक व लोकायुक्त विधेयक!
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र के दो दिन शेष रह गये हैं और सोमवार को उच्च सदन में बीमा कानून(संशोधन) विधेयक और कोयला खान(विशेष उपबंध) विधेयक पेश करने और उन्हें पारित कराना मोदी सरकार के लिए आसान राह नहीं है। इसका कारण साफ है कि उच्च सदन में धर्मांतरण के मुद्दे पर विपक्षी दलों का हंगामा बरकरार रहने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं सोमवार को लोकसभा में लोकपाल और लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक पेश होना है। मसलन संसद में काम कराने के लिए मोदी सरकार के पास केवल दो दिन शेष बचे हैं, जो चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हालांकि मोदी सरकार विधायी कार्यो को निपटाने में पिछले एक दशक में रिकार्ड कायम करने की उम्मीद लगाए हुए है, लेकिन लोकसभा में तो सरकार बहुमत में होने के कारण करीब डेढ़ दर्जन विधेयकों को मंजूर कराने में सफल रही, लेकिन लोकसभा में पारित विधेयकों और उसके अलावा सरकार की प्राथमिकता वाले बीमा कानून कानून(संशोधन) विधेयक को राज्यसभा में पारित कराना एक बड़ी चुनौती है। इसका कारण है कि पिछला सप्ताह लगभग धर्मांतरण के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ चुका है, जिसके कल सोमवार को भी थमने के आसार नहीं हैं। सोमवार को संसद के दोनों सदनों में सरकार के एजेंडे में बहुत काम है, लेकिन उच्च सदन में धर्मांतरण का बवाल सरकार के विधायी कार्यो में बाधक बना हुआ है, यही कारण है कि राज्यसभा में अभी तक करीब दस विधेयक ही पारित हो सके हैं।
उच्च सदन में मुश्किल में सरकार
सोमवार को जब संसद की कार्यवाही शुरू होगी तो लोकसभा में सरकार के सामने विधायी कार्यो में मुख्य रूप से लोकपाल एवं लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (संशोधन) विधेयक के अलावा राज्यसभा में लाये गये विनियम (संख्या-4) विधेयक जैसे विधायी कार्य हैं। जबकि राज्यसभा में बीमा कानून कानून(संशोधन) विधेयक के अलावा लोकसभा में पारित हो चुके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून (विशेष प्रावधान संशोधन) विधेयक-2014, सार्वजनिक भवन (अनधिकृत कब्जाधारियों को हटाने) विधेयक 2014, कोयला खान(विशेष उपबंध) विधेयक-2014, मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक-2014 के साथ श्रम संबन्धी कारखाना (संशोधन) विधेयक-2014 भी सोमवार की कार्यसूची में शामिल किये गये हैं। इसके अलावा उच्च सदन में सरकार के एजेंडे में सोमवार की कार्यसूची में ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, योजना आयोग की मौजूदा आर्थिक स्थिति और नितिगत विकल्प संबन्धी प्रतिवेदन के साथ ही रक्षा मंत्रालय के रक्षा बजट, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार व सूचना प्रौद्योगिकी, डाक विभाग की अनुदान मांगे जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। राज्यसभा में इन विधायी कार्यो को विपक्षी दलों की धर्मांतरण के मुद्दे पर जारी जिदबंदी के सामने आगे बढ़ाना केंद्र सरकार के लिए आसान राह नहीं लगती।
सरकार को बड़ी उम्मीदें
संसद के शीतकालीन सत्र के शेष दो दिनों में मोदी सरकार को बीमा विधेयक जैसे कई अन्य विधायी कार्यो को पूरा करने की उम्मीद है और सरकार का तर्क है कि विपक्षी दलों के मुद्दे को हल करने के प्रयास किये जा रहे हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली की चिंता वित्तीय विधेयको को लेकर है, लेकिन जेटली का कहना है कि सरकार बीमा क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसमें राजनीतिक अवरोध को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। जेटली और संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू को उम्मीद है कि बीमा विधेयक पर चर्चा के बाद पारित करा लिया जाएगा। गौरतलब है कि बीमा विधेयक को संसद की स्थायी समिति और राज्यसभा की प्रवर समिति मंजूरी दे चुकी है, जिसे अब केवल संसद की मंजूरी का इंतजार है।
22Dec-2014

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