शुक्रवार, 5 दिसंबर 2014

सरिता की पैरवी में सचिन की पहल पर गंभीर सरकार

खेल मंत्री की भारतीय बाक्सर के निलंबन को रद्द करने की मांग
ओ.पी. पाल
. नई दिल्ली।
महान क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर संसद के शीतकालीन सत्र में पहली बार लगातार पहले तीन दिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेकर राजनीतिक पिच पर गंभीरता को प्रकट ही नहीं किया, बल्कि बाक्सर सरिता देवी की पैरवी करते हुए सरकार से ठोस कार्रवाही की मांग भी की। इसी का नतीजा है कि खेल मंत्री भारतीय बॉक्सर सरिता देवी के निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सिंग एसोसिएशन को पत्र लिखा है।
सचिन तेंदुलकर ने पिछले सप्ताह ही खेल मंत्री सर्वदानंद सोनवाल से मुलाकात करके उन्हें भारतीय मुक्केबाज सरिता देवी के निलंबन को समाप्त कराने की कार्यवाही के लिए सुझाव के साथ पत्र दिया था। सचिन की इस पहल के बाद केंद्र सरकार भारतीय महिला मुक्केबाज सरिता देवी के मामले को सुलझाने के लिए आगे आई है। खेल मंत्री सर्बानंद अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज ऐसोसिएशन को पत्र लिखकर सरिता के निलंबन को रद्द करने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर ने सोनवाल से मुलाकात के दौरान कहा था कि सरिता के मामले में कैसे आगे बढ़ा जाए और एआईबीए से अपील की जाए कि सरिता देवी के प्रति नरमी बरती जाए। गौरतलब है कि इससे पहले भी सचिन ने अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज ऐसोसिएशन से सरिता पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के खिलाफ अपील की थी और केंद्र सरकार से भी सरिता देवी को जरूरी सहयोग की मांग की थी।
सोनवाल ने बढ़ाया हौंसला
खेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने हरिभूमि को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज ऐसोसिएशन को भेजे पत्र में सोनवाल कहा है है कि वह एसोसिएशन से निवेदन करते हैं कि सरिता देवी एक अच्छी पृष्ठभूमि से हैं और उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और योग्यता से इस खेल में यह मुकाम हासिल किया है। सरिता के निलंबन से उन दूसरी उभरती खिलाड़ियों का हौंसला गिरेगा, जो सरिता को अपना आदर्श मानते हैं। गौरतलब है बॉक्सिंग की इंटरनेशन संस्था को यह भी अवगत कराया है कि बॉक्सिंग की अंतर्राष्ट्रीय संस्था एआईबीए ने अक्टूबर में सरिता देवी को एशियन गेम्स में विरोध की वजह से निलंबित कर दिया है। सरिता देवी के साथ ही उनके कोच और भारत के शेफ डे मिशन को भी निलंबित किया गया था। इंचिओन में हुए एशियन गेम्स में सरिता ने रेफरी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कांस्य पदक को लेने से इंकार कर दिया था। हालांकि बाद में सरिता ने मेडल ले लिया था। इस प्रतिबंध के बावजूद सरिता किसी भी अंतर्राष्ट्रीय टूनार्मेंट में हिस्सा नहीं ले सकती हैं। अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सिंग की इंटरनेशन एसोसिएशन ने मामले को अनुशासनात्मक समिति के पास भेज दिया था।
04Dec-2014

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