मंगलवार, 16 दिसंबर 2014

सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण रोकने एक पड़ाव पार!

लोकसभा ने दी सार्वजनिक परिसर के संशोधन विधेयक को मंजूरी
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
देश में सार्वजनिक भूमियों और भवनों पर अवैध रूप से कब्जे और अतिक्रमण जैसे मामलों से सख्ती से निपटने के लिए कानून में सख्त प्रावधान करने की तैयारी का सरकार ने एक पड़ाव पार कर लिया है। मसलन लोकसभा में सार्वजनिक भवन (अनधिकृत कब्जाधारियों को हटाने) विधेयक-2014 को मंजूरी मिल गई है।
संसद का शीतकालीन सत्र के चौथे सप्ताह में प्रवेश होते ही सोमवार को शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने सार्वजनिक भूमि एवं भवनों पर अवैध कब्जा हटाने के लिए सख्त कानून बनाने वाले सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों को हटाने) विधेयक-2014 पेश किया। इस विधेयक की चर्चा की शुरूआत कांग्रेस की असम के सिचर की सांसद सुष्मिता देव ने की और चर्चा के बाद नायडू ने जवाब देकर इस विधेयक के उद्देश्य और और राष्टÑ व जनहित में मकसद की जानकारी दी। इसके बाद इस विधेयक को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। खास बात यह रही कि कांगे्रेस जैसे कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक के समर्थन में सरकार द्वारा उठाए गये कदमों को उचित ठहराया। इस विधेयक में यह चौथा संशोधन पेश करके पारित कराया गया। इससे पहले सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) अधिनियम 1971 सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा जमाए अनधिकृत लोगों की बेदखली की व्यवस्था को चुस्त बनाने के लिए चौथा संशोधन पारित किया गया है। इससे पहले 1980, 1984, 1994 में संशोधन किया गया है।
अदालती पेंच में फंसा था विधेयक
इससे पहले सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) संशोधन विधेयक लोकसभा में यूपीए सरकार द्वारा 23 नवंबर 2011 को पेश कर दिया था, लेकिन तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने पांच जनवरी 2012 को इस विधेयक को शहरी विकास पर संसद की स्थाई समिति को जांच पड़ताल के लिए भेजा दिया और समिति ने भी 14 मई 1012 को अपनी कुछ सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट संसद में पेश कर दी, लेकिन तभी इसी दौरान उच्चतम न्यायालय ने एस डी बंदी बनाम डिवीजनल ट्राफिक आॅफीसर कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम तथा अन्य के मामले में अपील संख्या 4064/2004 में 5 जुलाई 2013 को अपने फैसले में सार्वजनिक स्थानों से (अनधिकृत लोगों की बेदखली) पर छूट में तेजी लाने के बीस सुझाव दिये। इस प्रक्रिया के चलते ही 15वीं लोकसभा भंग हो गई और संशोधन विधेयक-2011 अधर में लटका रह गया था। अब सोलहवीं लोकसभा में मोदी सरकार ने संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों और उच्चतम न्यायालय के सुझावों पर अमल करते हुए सार्वजनिक परिसर(अनधिकृत लोगों की बेदखली) अधिनियम 1971 की धारा 2, 4, 5, 7 तथा 9 में उचित संशोधन का प्रस्ताव नए संशोधन विधेयक-2014 का मसौदा तैयार करके इसे लोकसभा ने पारित करा लिया है।
दायरे में आई मेट्रो रेल परियोजना
इस संशोधन विधेयक के पारित होने से दल्ली मेट्रो रेल कापोर्रेशन यानि डीएमआरसी के अलावा भविष्य में आने वाले मेट्रो रेल की संपत्तियों तथा नई दिल्ली पालिका परिषद यानि एनडीएमसी की संपत्तियों को सार्वजनिक परिसर में अनधिकृत लोगों की बेदखली अधिनियम 1971 भी दायरे में शामिल हो गया है।
16Dec-2014

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