शुक्रवार, 5 दिसंबर 2014

नेतृत्व के वजूद को लेकर उलझन में महामोर्चा!

मुलायम को सौंपा जनता परिवार की एक छत बनाने का जिम्मा
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
भले ही संसद में मोदी सरकार के खिलाफ समूचा विपक्ष एकजुट नजर आ रहा हो, लेकिन गैर भाजपा व गैर कांग्रेसी दलों के महामोर्चा में नेतृत्व के वजूद की उलझन पुराने जनता परिवार को एकजुट करके संयुक्त नेता का चयन अधर में लटका हुआ नजर आ रहा है। शायद इसी कारण महामोर्चा के राजनीतिक दल के नाम को भी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है? हालांकि जनता परिवार की राजनीतिक छत बनाने का जिम्मा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को सौंपा दिया गया।
लोकसभा चुनाव से पहले तीसरे विकल्प के टूटे सपने के बाद सपा प्रमुख की पहल पर केंद्र की सत्ता में आई मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए फिर से बीस साल पहले बिखरे जनता परिवार को एकजुट करने की कवायद की गई। इसका मकसद गैर भाजपाई व गैर कांग्रेसी दलों को एकजुट करके संसद के शीतकालीन सत्र में संयुक्त मंच के रूप में विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरना था। हालांकि संसद में कुछ मुद्दों पर समूचे विपक्ष की पिछले तीन दिनों से एकजुटता नजर आ रही है, लेकिन महामोर्चा की कवायद को दावों के बावजूद अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया। सूत्रों की माने तो पिछले महीने छह नवंबर को मुलायम के सरकारी आवास पर हुई छह दलों की बैठक में महामोर्चा को ‘समाजवादी जनता दल’ के रूप में राजनीतिक शक्ल देने पर सहमति बनी थी और संसद का सत्र के शुरूआती दिनों में ही दोनों सदनों में एक संयुक्त नेता का चुनाव करने का निर्णय लिया गया था। बहरहाल संसद सत्र के दो सप्ताह पूरे होने वाले हैं तो गुरुवार को फिर इन दलों के नेता सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के सरकारी आवास पर महामोर्चा को संयुक्त राजनीतिक दल का नाम देने व इसका नेतृत्व को लेकर विचार विमर्श किया, लेकिन शायद तीसरे विकल्प में नेतृत्व के वजूद में पिछले कई प्रयासों की तरह किसी एक नेता पर सहमति नहीं बन पायी और न ही महामोर्चा का नामकरण हो पाया। इस बैठक में एक निर्णय जरूर लिया गया, जिसमें महामोर्चा में गैर भाजपाई और गैर कांग्रेसी खासकर जनता परिवार के दलों को एकजुट करने की जिम्मेदारी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को सौंपी गई है। फिलहाल इस मोर्चा में शामिल दलों की संसद में दलीय स्थिति के अनुसार लोकसभा 15 और राज्यसभा में 30 सांसदों का संख्याबल है।
22 को फिर होगा प्रयास
सपा प्रमुख के आवास पर गुरुवार को हुई बैठक की जानकारी देते हुए जदयू नेता नीतीश कुमार ने बताया कि फिलहाल भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ असरदार मोर्चा बनाने के लिए जनता दल परिवार ने एक साथ काम करने का फैसला किया है। वहीं सभी इस एका में शामिल दलों के नेताओं की बनी सहमति के अनुसार संसद के भीतर और बाहर एक साथ मिलकर जनहित के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ काम किया जाएगा तथा 22 दिसंबर को कालाधन, बेरोजगारी, किसानों की समस्या और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर धरना आयोजित करने का निर्णय हुआ है, वहीं इस दौरान फिर से गंभीरता के साथ एक सशक्त राजनीतिक विकल्प तैयार करने पर विचार विमर्श होगा। इस बैठक सपा प्रमुख मुलायम सिंह के अलावा जदयू प्रमुख शरद यादव, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, सपा के महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, इंडियन नेशनल लोकदल के अभय चौटाला, समाजवादी जनता पार्टी के नीरज सिंह सहित कई नेता मौजूद थे।
05Dec-2014

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें