सोमवार, 15 दिसंबर 2014

हंगामे में होम संसद में बहुत हुआ काम!

लोकसभा में 13 व राज्य सभा में नौ बिल पास
सरकार को उम्मीद बनेगा विधायी कामकाज का रिकार्ड
ओ.पी. पाल.
नई दिल्ली।
कुछ विवादित मुद्दों पर हंगामे में होम होती रही संसद में मोदी सरकार को मौजूदा शीतकालीन सत्र में विधायी कार्य करने का रिकार्ड बनने की उम्मीद है, लेकिन सरकार के सामने खासकर राज्यसभा में बीमा, कंपनी, कोयला खान जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। सरकार अभी तक एक पखवाड़े में तेरह विधेयक पारित कराने में सफल रही है।
संसद के 24 नवंबर से आरंभ हुए शीतकालीन सत्र में 12 दिसंबर तक 15 दिनों की बैठक हो चुकी है, जिसमें लोकसभा में तेरह और राज्यसभा में नौ विधेयकों को पारित कराने में सरकार सफल रही है। संसद में ऐसे कई विवादित मुद्दे सामने आए जिसमें विपक्ष ने सरकार को घेरकर जमकर हंगामा करके दोनों ही सदनों की कार्यवाही बाधित भी की है। इसके बावजूद विधायी कार्यो की गति को देखते हुए सरकार ने उम्मीद जताई है कि एक दशक बाद संसद के शीतकालीन सत्र में विधायी कार्यो के निपटान का रिकार्ड कायम होगा। लोकसभा में पहले पारित और चार विधेयकों को राज्य सभा में चर्चा के बाद पारित कराने की चुनौती होगी। वहीं उच्च सदन की कार्य कार्य मंत्रणा समिति ने अपहरण रोधी (संशोधन) विधेयक-2014 और सार्वजनिक भवन विधेयक-2014 के अलावा पेट्रोल और डीजल पर मूल आबकारी शुल्क में वृद्धि के लिए 2 दिसंबर 2014 के केंद्र सरकार की अधिसूचना को रद्द और संशोधित करने से संबंधित दो प्रस्तावों पर चर्चा का समय आवंटित कर दिया है।
यह सप्ताह महत्वपूर्ण
सोमवार 15 दिसंबर से संसद के शीतकालीन सत्र का चौथा सप्ताह सरकार के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा, कि उसे सरकार बीमा कानून (संशोधन) विधेयक-2008, कंपनी(संशोधन) विधेयक 2014 तथा कोयला खान(विशेष उपबंध) विधेयकों जैसे विधेयकों को दोनों सदनों में पारित कराने के लिए पेश करने हैं, हालांकि कोयला खान विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में उसकी राह आसान नहीं है। इसी दौरान संसद के दोनों सत्रों में लोकपाल और लोकायुक्त संशोधन विधेयक 2014 पर भी विचार किया जा सकता है। लोकसभा में पारित हो चुके कोयला खान विधेयक के अलावा विनियोजन विधेयक-2014, भुगतान और प्रणाली(संशोधन) विधेयक तथा निरस्त करना (द्वितीय संशोधन)विधेयक को अभी राज्यसभा की मंजूरी का इंतजार है। बाकी नौ विधेयक जिन्हें मौजूदा सत्र के एक पखवाड़े में दोनों सदनों की मंजूरी मिल चुकी है उनमें दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) विधेयक-2014, श्रम कानून (कुछ प्रतिष्ठानों द्वारा रिटर्न जमा कराने और रजिस्टर रखने से छूट) संशोधन विधेयक-2014, वस्त्र उपक्रम (राष्ट्रीयकरण)कानून (संशोधन और वैधता)विधेयक-2014, मर्चेंट शिपिंग (संशोधन) विधेयक, मर्चेंट शिपिंग (द्वितीय संशोधन) विधेयक-2014, संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक-2014, योजना और वास्तुकला विधेयक-2014,केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2014 तथा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधेयक-2014 शामिल है।
इनके भी पेश होने की संभावना
मौजूदा सत्र के बाकी दिनों में लोकसभा में सरकार द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक संशोधन विधेयक-2014, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कानून (विशेष प्रावधान संशोधन) विधेयक-2014, सार्वजनिक भवन (अनधिकृत कब्जाधारियों को हटाने) विधेयक 2014, विमान अपहरण रोधी (संशोधन) विधेयक-2014 और वेयर हाऊसिंग कापोर्रेशन (संशोधन) विधेयक-2014 भी पारित कराने के लिए पेश किये जाने हैं।
15Dec-2014

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