बुधवार, 25 दिसंबर 2013

पश्चिमी यूपी: मुस्लिमों पर कांग्रेस की नजर!

राजनीति: सियासी जमीन तलाशने की मुहिम
ओ.पी.पाल

लोकसभा चुनाव के लिए बनाई गई रणनीतियों में कांग्रेस मुजफ्फरनगर समेत यूपी में हुए दंगों के बाद सपा से दूरी बनाते दिख रहे मुस्लिमों में अपनी पैठ बनाने के अभियान में जुट गई है। दो दिन पूर्व कांग्रेस युवराज राहुल गांधी का मुजफ्फरनगर और शामली के राहत शिविरों में अल्पसंख्यकों के बीच जाकर उनका दुखदर्द सुनना इसी राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है। वहीं अल्पसंख्यकों के लिए केंद्र की सभी योजनाओं को लागू कर दिये जाने से भी कांग्रेस अल्पसंख्यकों पर भरोसा जता रही है।
लोकसभा की रणनीति में सपा से नाराज मुस्लिम वर्ग को कांग्रेस अपने खेमे में लाने के लिए उनके बीच जाकर चिकित्सा सहायता, कौशल विकास और महिलाओं के बीच नेतृत्व विकास जैसी अल्पसंख्यक उन्नमुख योजनाओं का हवाला देकर इस वर्ग का भरोसा जीतने का भी प्रयास करने में जुटी हुई है। दूसरी ओर जाट आरक्षण पर यूपीए सरकार का फैसला भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह की जयंती पर सोमवार को मेरठ में आयोजित संकल्प रैली में साफ जाहिर हुआ कि रालोद के साथ मिलकर कांग्रेस पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासी जमीन तैयार कर रही है। एक दिन पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को राहत शिविरों में मुस्लिम समुदाय के बीच जाना और उससे अगले दिन इन दंगों से बिखरे जाटों और मुसलमानों को एकजुट करने के प्रयास को कांग्रेस ने पूरी हवा दी।
सरकारी योजनाओं के प्रचार पर जोर
कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को सरकारी योजनाओं का जोरशोर से प्रचार कने और उनके बीच ज्यादा काम करने के दिशानिर्देश भी जारी किये हैं। सूत्रों के अनुसार अल्पसंख्यकों तक अपनी पहुंच बनाने के इरादे से ही सरकार ने अल्पसंख्यकों की ऋण तक आसान पहुंच, वक्फ सुधार और मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन के तहत अल्पसंख्यकों के लिए एक नयी स्वास्थ्य योजना को हाल ही में अमलीजामा पहनाया है। वहीं मौजूदा योजनाओं के तहत 2013-2014 के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित करके कांग्रेस ने सीधे वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव का लक्ष्य साध है। इससे पहले कांग्रेस नेतृत्व ने 2014 के लिए पार्टी के चुनावी घोषणपत्र में अल्पसंख्यकों के मुद्दों और उनके उत्थान वाली योजनाओं पर मुस्लिमों की राय जानने के लिए बैठक करके रणनीति भी तैयार की है। यही नहीं कांग्रेस ने देशभर के सैकड़ों नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों से भी राय हासिल की है, जिसका मकसद है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अल्पसंख्यकों तक अपनी पहुंच कैसे बनाएगी।
25Dec-2013

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