सोमवार, 23 दिसंबर 2013

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नई सियासी बिसात की तैयारी!

चौ. चरण सिंह की जयन्ती पर मेरठ में संकल्प रैली आज
ओ.पी.पाल

जाट आरक्षण का शगूफा छोड़ने के बाद यूपीए सरकार का नेतृत्व कर रही कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह की जयंती पर यूपीए की सहयोगी  राष्ट्रीय लोकदल की संकल्प रैली में शामिल होने का संदेश देकर साफ कर दिया है कि वह लोकसभा चुनाव में रालोद का पूरा साथ निभाएगी।
माना जा रहा है कि संकल्प रैली के बहाने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोट बटोरने की राजनीति को गति मिलेगी। इस रैली में रालोद ने राजग से नाता तोड़ चुके जदयू को भी आमंत्रित करके भविष्य की नई रणनीति के संकेत दे दिए है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह की 111वीं जयन्ती पर राष्ट्रीय लोकदल ने मेरठ में कल सोमवार को संकल्प रैली का आयोजन किया है, जिसमें यूपीए के कांग्रेस-रालोद के साथ जदयू भी हिस्सा ले रही है। हालांकि जदयू यूपीए में शामिल नहीं है। जदयू के सांसद के.सी. त्यागी संकल्प रैली में अपने दल के नेताओं के शामिल होने को किसी राजनीति से जोड़कर न देखने का अनुरोध करते है। उन्होंने हरिभूमि को बताया कि जदयू के नेता चौधरी चरण सिंह को हमेशा अपना आदर्श मानते रहे हैं और इस रैली में रालोद के प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने जदयू को आमंत्रित भी किया है इसलिए हम अपने नेता को श्रद्धाजलि देने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। लेकिन राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले जद यू के संकल्प रैली में शामिल होने को भी भविष्य की राजनीति का संकेत मान रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है कि मुजफ्फरनगर व आसपास पिछले दिनों हुए दंगों से टूटे मुसलिम और जाट समीकरण को एक बार फिर ठीक करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने सहयोगी दल रालोद के साथ मिलकर इस संकल्प रैली का सहारा तलाशा है, जबकि इन दंगे के बाद एकाएक भाजपा ने मिशन यूपी शुरू करके वोटों के धुव्रीकरण का लाभ उठाने की कवायद शुरू कर दी और चार राज्यों में मिली सफलता ने भाजपा की इस कवायद को और जोशीला बना दिया। अब यूपीए सरकार ने जाट आरक्षण का पासा फेंककर रालोद की इस संकल्प रैली के सहारे सियासी बिसात पर वोट बटोरने की कवायद शुरू कर दी है। पिछले सप्ताह ही केंद्रीय कैबिनेट ने जाटों को ओबीसी में आरक्षण के प्रस्ताव पर पिछड़ा आयोग को इस पर जल्द कार्यवाही करने का काम सौपा है। जाट आरक्षण पर कैबिनेट के फैसले पर रालोद ने तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जोर-शोर से अपनी सफलता का प्रचार भी शुरू कर दिया है जिसकी काट ढूंढने के लिए सपा भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
तय होंगे राजनीतिक समीकरण
मेरठ की इस संकल्प रैली में चौधरी चरण की सिंह की जयंती पर रालोद के प्रमुख एवं केंद्रीय नागर विमानन मंत्री चौधरी अजित सिंह, रालोद के सांसद जयंत चौधरी व संजय सिंह चौहान के साथ ही कांग्रेस के राष्टÑीय महासचिव दिग्विजय सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, सांसद दीपेन्द्र हुड्डा, केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा व जदयू अध्यक्ष शरद यादव व महासचिव केसी त्यागी की मौजूदगी रहेगी। इस रैली में रालोद-कांग्रेस-जेडीयू की त्रिवेणी बहेगी तो जाहिर सी बात है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजनीति के नये समीकरण भी तय होगें।
सियासत में सपा भी आगे
रालोद की संकल्प रैली के मुकाबले यूपी में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी ने भी जाटों को लुभाने के लिए चरण सिंह की जयंती पर छुट्टी और उन्हें भारत रत्न देने की मांग को जोरशोर से उठाया है। चौधरी चरण सिंह जयंती से एक दिन पहले मेरठ में यूपी सरकार के मंत्री शाहिद मंजूर एवं लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव के आगमन का मतलब भी यही माना जा रहा है। यही नहीं शिवपाल यादव ने मेरठ में विभागीय समीक्षा बैठक करके किसानों के साथ हमदर्दी जताने के मुद्दों पर भी बातचीत की।
23Dec-2013

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