रविवार, 20 अक्तूबर 2013

सचिन को नीति निर्धारक बनाने की कवायद!

सचिन को नौकरी का ऑफर
केंद्र सरकार ने दुनिया के महानतम क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट को अलविदा कहते ही उन्हें सरकारी नौकरी देने की योजना बना ली है यानि उन्हें सरकारी नीतियों को बनाने का अधिकार देने की तैयारी की जा रही है।
सचिन तेंदुलकर ने 200वां टेस्ट मैच खेलते ही संन्यास की घोषणा की है तो उनके लिए नौकरी के नए ऑफर भी आने शुरू हो गए और स्वयं उसके लिए खेल मंत्रालय ने पहले से ही योजना बनानी शुरू कर दी है। खेल मंत्रालय की योजना है कि सचिन को एक ऐसी परिषद में सदस्य बनाने का प्रस्ताव दे सकता है जो सरकारी नीतियों पर चर्चा करेगा और उन्हें मंजूरी दे सकेगा।
पित्रोदा ने रखा था विचार
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार सैम पित्रोदा ने खेल क्षेत्र में एक इनोवेशन काउंसिल बनाने का विचार रखा था, जिसका प्रधानमंत्री कार्यालय से सर्मथन मिला है। इस काउंसिल में विभिन्न क्षेत्रों के जानेमाने लोग शामिल किए जाएंगे। खेल जगत, खेल संघों और गवर्नमेंट स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्डस, औद्योगिक जगत के दिग्गज, न्यायविद और पत्रकारों को इसमें शामिल किया जाएगा। खेल मंत्रालय को यह योजना दो महीने पहले भेज दी गई थी। खेल मंत्रालय सचिन और बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण को इस काउंसिल में शामिल कर सकती है।
सचिन ने दिया था सुझाव
सचिन तेंदुलकर ने खेल को बढ़ावा देने के लिए स्कूल के स्तर पर इस संबंध में काम करने का सुझाव दिया था और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र भी लिखा था। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक तब से मंत्रालय उन्हें काउंसिल का सदस्य बनाना चाहता है क्योंकि दोनों का मकसद एक ही है।
खेल मंत्री होंगे काउंसिल के अध्यक्ष
खेल मंत्री जितेंद्र सिंह काउंसिल के अध्यक्ष होंगे। खेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने यह फैसला सचिन के सुझावों के बाद ही किया है। सरकार खेल क्षेत्र में बेहतर नीतियों के लिए नीति निर्माण के स्तर पर इनोवेटिव तकनीक का इस्तेमाल करना चाहती है। जिसका काम यह प्रस्तावित काउंसिल ही करेगी। काउंसिल नीतियों का विस्तृत अध्ययन करेगा, उसमें बदलाव और स्वीकृति भी करेगा।
20Oct-2013

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