शनिवार, 5 अक्तूबर 2013

यूपी में क्रिकेट प्रतिभाओं का भविष्य अधर में लटका !

कानपुर के कमला क्लब ग्राउंड: क्रिकेट प्रशिक्षण अकादमी अचानक बंद

कमला क्लब ग्राउंड पर बनी क्रिकेट अकादमी बंद उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने कानपुर के कमला क्लब ग्राउंड पर बनी क्रिकेट प्रशिक्षण अकादमी को अचानक बंद करने का फैसला किया. युवाओं को क्रिकेटरों के गुर और बारीकियां सिखाने वाली 14 साल पुरानी क्रिकेट प्रशिक्षण अकादमी को अचानक यूपीसीए ने बंद करने का फैसला किया है. इस अकादमी को प्रदेश की रणजी टीम के पुराने धुरंधर खिलाड़ी चलाते थे और इसमें बहुत ही कम फीस पर आठ साल से 22 साल तक के युवाओं को क्रिकेट का प्रशिक्षण दिया जाता था. इस अकादमी के बंद होने से यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे करीब 120 युवा क्रिकेटर बहुत आहत और परेशान हैं. पिछले कई सालों से सुरेश रैना, भुवनेश्वर कुमार, पीयूष चावला बनने का सपना देख रहे इन बच्चों को अब अपना भविष्य अंधकारमय लग रहा है.
क्रिकेट अकादमी क्यों बंद की गयी, इस बाबत जब यूपसीए के उपाध्यक्ष एम एम मिश्रा से बात की तो उन्होंने कहा कि अब यूपीसीए अगले साल से एक नयी अकादमी खोलने का विचार कर रहा है इस लिये पूर्व रणजी खिलाड़ियों द्वारा चलायी जा रही इस क्रिकेट प्रशिक्षण अकादमी को बंद करने के निर्देश दिये गये है.
उनसे पूछा गया कि जो बच्चे इस अकादमी में इस समय प्रशिक्षण ले रहे थे उनका क्या होगा इस पर उन्होंने कहा जब नयी अकादमी खुलेगी तब देखा जायेंगा. उन्होंने कहा कि इस अकादमी को बंद करने का फैसला यूपीसीए की कार्यकारिणी में लिया गया है.
सबसे बड़ी बात तो यह है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष और यूपीसीए के सचिव राजीव शुक्ला ने अभी 27 सितंबर 2013 को यूपीसीए की एजीएम में कानपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि यूपीसीए अब नये और युवा क्रिकेटरों को आगे लायेंगी और उन्हें प्रशिक्षण देकर आगे बढ़ने का मौका देगी. इसके लिये क्षेत्रीय स्तर पर क्रिकेट अकादमी खोली जायेंगी और क्रिकेट प्रशिक्षण शिविर लगाये जायेंगे. लेकिन यूपीसीए कमला क्लब में क्रिकेट अकादमी बंद कर शुक्ला के सपनों को साकार होने से पहले ही ग्रहण लगा दिया है.
वर्ष 1999 में पूर्व रणजी क्रिकेट खिलाड़ी शशिकांत खांडेकर ने कमला क्लब में कुछ अन्य पूर्व रणजी खिलाड़ियों के साथ मिलकर कमला क्लब क्रिकेट अकादमी की शुरूआत की थी. इन पूर्व खिलाड़ियों का उददेश्य था कि प्रदेश के युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें एक कुशल क्रिकेटर बनाना ताकि वह भविष्य में देश और प्रदेश का नाम रोशन कर सकें. इस अकादमी में उस समय प्रति खिलाड़ी केवल पचास रूपये महीना की फीस ली जाती थी और उन्हें क्रिकेट के गुर सिखाये जाते थे. अब यह फीस केवल 600 रूपये महीना मात्र थी जिसमें गरीब बच्चों को क्रिकेट का सामान भी उपलब्ध कराया जाता था.
खांडेकर ने बताया कि अब तक कमला क्लब की इस क्रिकेट अकादमी से करीब 150 युवा क्रिकेटर ऐसे निकल चुके है जो प्रदेश में अंडर 14, अंडर 19 और रणजी ट्राफी क्रिकेट तक खेल चुके है और अभी भी इस अकादमी में बहुत से ऐसे क्रिकेटर है जिनमें काफी प्रतिभा है और वह प्रदेश की रणजी टीम तक खेल सकते है लेकिन अब अकादमी बंद हो जाने से इन युवा खिलाड़ियों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है.
उत्तर प्रदेश जूनियर क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता खांडेकर कहते है कि इस अकादमी में आठ पूर्व रणजी खिलाड़ी युवा क्रिकेटरों को सुबह शाम नियमित रूप से कोचिंग देते थे और इस अकादमी का उददेश्य कभी धन कमाना नही रहा बस एक ही सपना था जिस क्रिकेट में हम क्रिकेटरों ने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी वह क्रिकेट के गुर यह युवा खिलाड़ी सीख जायें और एक अच्छे क्रिकेटर बनकर कमला क्लब और अपने प्रदेश और यूपीसीए का नाम रोशन करें.
उन्होंने बताया कि यूपीसीए प्रशासन ने कमला क्लब अकादमी को नोटिस दिया था कि क्रिकेट अकादमी बंद कर दी जायें और हमने यूपीसीए के आदेशों का पालन करते हुये अकादमी बंद कर दी. उनसे पूछा गया कि जो बच्चे वर्तमान समय में अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे थे उनका भविष्य क्या होगा इस पर उन्होंने कहा कि इस बाबत आप यूपीसीए के पदाधिकारियों से सवाल कीजिये.
यूपीसीए द्वारा अकादमी बंद करने के आदेश के बारे में जब निदेशक ज्योति बाजपेयी से बात करने की कोशिश की गयी तो बताया गया कि उनकी तबियत खराब है और वह किसी से कोई बात नही कर रहे है लेकिन यूपीसीए के उपाध्यक्ष एम एम मिश्रा ने कहा कि हम अगले साल तक यूपीसीए की अपनी क्रिकेट अकादमी खोलेंगे जिसमें बच्चों को प्रशिक्षण दिया जायेंगा. तब तक यह बच्चे क्या करेंगे इसका कोई जवाब मिश्रा के पास नही था
साभार-सहारा समय 

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