सोमवार, 2 जनवरी 2023

मंडे स्पेशल: गरीबों के कैशलेस मुफ्त इलाज में वरदान बन रही है ‘चिरायु योजना’

प्रदेश में करीब 50 फीसदी अंत्योदय परिवारों को मिले चिरायु गोल्डन कार्ड 
ओ.पी. पाल.रोहतक। हरियाणा सरकार ने केंद्र की आयुष्मान भारत योजना को विस्तार देते हुए इसके दूसरे चरण में ‘हरियाणा चिरायु योजना’ शुरू की है, ताकि प्रदेश के हरेक अंत्योदय परिवारों तक कैशलैस मुफ्त इलाज की सुविधा पहुंच सके। योजना के विस्तार में राज्य सरकार द्वारा वार्षिक आय का दायरा बढ़ाकर 1.80 लाख तक करने अब इस योजना में करीब 28 लाख परिवारों के 1,10,85,346 सदस्य शामिल हो गये हैं। इन गरीब परिवारों के योजना का लाभ देने के लिए सरकार ने साल 2022 के अंत तक ‘चिरायु गोल्डन कार्ड’ देने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन लाख प्रयासों के बावजूद अभी तक यह लक्ष्य 50 फीसदी से आगे नहीं बढ़ाया जा सका। दूसरी ओर चिरायु योजना उन लोगो के लिए जी का जंजाल बनती नजर आ रही है, जिनके परिवार पहचान पत्र में विसंगतियों की वजह से आम लोगों को सरकार सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। मसलन पीपीपी में 1.80 लाख से ज्यादा आय दर्ज होने के कारण प्रदेश के ऐसे लोगों को पीपीपी में संशोधन करने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है। 
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प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गत 21 नवंबर को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना को विस्तार देकर हरियाणा चिरायु योजना शुरू की थी। इस योजना के दायरे में आने वाले अंत्योदय परिवारों के सभी सदस्यों को चिरायु गोल्डन कार्ड देने के लिए 31 दिसंबर 2022 तक का लक्ष्य तय किया था। इस योजना के तहत चिरायु कार्ड के आधार पर पात्र लोगो के इलाज के लिए प्रदेश में 729 अस्पतालों को सूचिबद्ध किया गया है, जिनमें 539 निजी अस्पताल और 176 सरकारी अस्पताल शामिल है। हालांकि हरियाणा के 22 जिलों के लगभग 32 अस्पतालों में जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ चिरायु योजना हरियाणा के माध्यम से दिया जा रहा है। इस योजना का विस्तार करके राज्य सरकार ने प्रदेश में 1500 से अधिक बीमारियों का कैशलेस 5 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज करने का रास्ता साफ किया। ऐसे लाभार्थी को कार्ड रजिस्टर करवाने के तुरंत उपरांत निशुल्क (ब्लैक एंड वाइट) कार्ड तथा 15 दिनों बाद पीवीसी कार्ड देने का प्रावधान किया। राज्य सरकार ने चिरायु योजना के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों को पात्र लोगों की पहचान करके चिरायु कार्ड बनवाने में सहयोग लिया। हालांकि सरकार का तय लक्ष्य भले ही करीब आधा पूरा हो पाया हो, लेकिन प्रदेश में लागू की गई हरियाणा चिरायु योजना गरीब परिवारों को किसी भी गंभीर बीमारी में कैशलेस मुफ्त इलाज कराने के लिए वरदान मानी जा रही है। सरकार का दावा है कि प्रदेश में आमजन के स्वास्थ्य से जुड़ी यह कल्याणकारी योजना 'गेम चेंजर' साबित हो रही है। 
किस जिले में कितने बने गोल्डन कार्ड 
हरियाणा चिरायु योजना के तहत अब तक 55,28,844 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके है, जो लक्ष्य का पूरा 50 फीसदी भी नहीं है। जबकि 28 लाख परिवारों के 1,10,85,346 सदस्यों के कार्ड बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। महेन्द्रगढ़ जिले में चिरायु योजना के तहत सर्वाधिक 58.15 फीसदी गोल्डन कार्ड बनाए गये हैं। इसके बाद भिवानी में 57.13, चरखीदादरी में 52.82, रेवाड़ी में 51.25, कुरुक्षेत्र में 49.88, हिसार में 49.35, करनाल में 48.97, अंबाला में 48.02, पानीपत में 46.20, झज्जर में 46.15, जींद में 45.37, सिरसा में 43.73, यमुनानगर में 43.52, सोनीपत में 42.82, फतेहाबाद में 42.33, कैथल में 42.06, गुरुग्राम में 39.09, रोहतक में 33.47, फरीदाबाद में 33.24, पंचकूला में 31.56, पलवल में 26.90 और मेवात में सबसे कम 20.78 फीसदी गोल्डन कार्ड बनाए गये हैं। 
ग्राम संरक्षक की भूमिका 
हरियाणा सरकार ने सरकारी योजनाओं से ग्राम उत्थान की दिशा बदलने की दिशा में ‘हरियाणा पंचायत संरक्षक योजना के तहत विभिन्न विभागों के जिन अधिकारियों को ‘ग्राम-संरक्षक’ के तौर पर नामित करके एक-एक गांव को गोद दिया था, उन्हें संबन्धित गांव में हरियाणा चिरायु योजना के तहत चिरायु कार्ड के बनाने व उनका आवंटन करने की जिम्मेदारी में अपनी भूमिका निभाने के निर्देश दिये हैं, ताकि कोई पात्र इस योजना से वंचित न रह सके। ग्राम संरक्षक के रुप में इन अधिकारियों ने सरकार की योजनाओं के तहत पिछले दिनों संपन्न ग्राम पंचायत चुनाव के निर्वाचितों को शपथ दिलाने और उससे पहले गांवों में परिवारों की आय का सत्यापन कर परिवार पहचान पत्र बनवाने में भी अपनी भूमिका निभाई है। 
किसे मिलेगा चिरायु योजना का लाभ 
हरियाणा चिरायु योजना के लिए आवेदक को हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिक इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। आवेदक की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए से कम होनी चाहिए। इसके लिए आधार कार्ड, स्थाई प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण अनिवार्य है। लाभार्थी इस योजना का लाभ आनलाइन रजिस्ट्रेशन करके प्राप्त कर सकते हैं। 
चिरायु योजना कार्ड के लिए जरुरी दस्तावेज 
प्रदेश में चिरायु योजना में मुफ्त इलाज के लिए हरियाणा का मूल निवासी होना जरुरी है। गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड, स्थाकई प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता और पासपोर्ट साइज का फोटो जरुरी दस्तावेज के रूप में जमा कराने होंगे। हरियाणा चिरायु योजना के लिए ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया हेतु पहले अपने किसी नजदीकी सीएससी सेंटर से हरियाणा चिरायु योजना का आवेदन फॉर्म हासिल कर उसमें पूछी गई सभी जानकारी देनी होंगी। फार्म भरने के बाद उक्त सभी जरूरी दस्ताैवेजों की स्कैसन कॉपी लगाकर उसी सीएससी सेंटर पर जमा कराया जा सकता है। 
स्वास्थ्य सर्वेक्षण की तैयारी 
मनोहर सरकार लगातार कल्याणकारी योजनाओं के अलावा राज्य सरकार की योजना है कि हर जिले में एक मेडिकल कालेज खोला जाए ताकि आम जनता को उनके आस पास ही स्वास्थ्य लाभ मिल सके। इतना ही नहीं आने वाले समय में 2000 स्वास्थ्य सर्वेक्षण केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि हर नागरिक के स्वास्थ्य की जांच की जा सके। इसके लिए सरकार स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराकर ऐसे गरीब परिवारों की पहचान करेगी, जिन्हें चिरायु योजना के तहत फ्री इलाज की सुविधा मिल सके। 
प्रदेश में 1150 वेलनेस केंद्र 
हरियाणा में संचालित हो रहे 1150 आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं वेलनेस केंद्र यानी ‘हैल्थ एवं वेलनेस केंद्र‘ आयुष्मान भारत का एक प्रमुख घटक है। प्रदेश के इन केंद्रों में से 364 ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में, 684 उप केन्द्रों में तथा 102 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हैं। वहीं 200 उप स्वास्थ्य केंद्र भी इस योजना के लिए चिन्हित किए गए हैं। एस्पिरेशनल जिला नूंह में 16 ग्रामीण-पीएचसी और सरकारी भवनों में मौजूद 38 उप-केंद्रों को एचडब्ल्यूसी में बदला गया है। सभी जिलों में ई-संजीवनी टेली-परामर्श सेवाएं शुरू कर दी गई हैं। 62351 टेली-परामर्श दिए जा चुके हैं। वैलनेस केंद्रों के माध्यम से गैर-संक्रामक हाई बीपी, मधुमेह, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर जैसे रोगों के लिए आवश्यक दवाओं, डायग्नोस्टिक्स और उपचार व प्रबंधन तथा योग सहित वैलनेस गतिविधियां प्रदान की जा रही है। 
पहले चरण में 580.77 करोड़ का क्लेम 
सीएम ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अब तक 580.77 करोड़ रुपए से अधिक का क्लेम दिया जा चुका है। सिर क्लेम भुगतान के लिए वर्ष 2021 के दौरान हरियाणा को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण से प्रशंसा पत्र भी मिला है। हरियाणा देश का पहला आयुष्मान कार्ड को आधार से जोड़ने वाला राज्य है। 
क्या है आयुष्मान भारत योजना 
केंद्र सरकार ने 23 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत 2011 की जनगणना के अनुसार जिन लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, उनको पांच लाख रुपये का मुफ्त इलाज मुहैया करवाया जाना था। योजना के तहत आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए। इस कार्ड के आधार पर सभी सरकारी अस्पतालों व पैनल पर लिए गए अस्पतालों में लोगों का पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में होता है। इस योजना में एसईसीसी सूची में शामिल परिवार शामिल नहीं हैं। 
बीपीएल परिवारों की बढ़ी समस्या 
राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र में सत्यापित आय को उन लोगों के पीले व गुलाबी कार्ड नए बना दिए हैं, जिनकी आय पहचानपत्र में 1.80 लाख से कम है और उनके चिरायु कार्ड भी बन गए हैं। जिन लोगों के कार्ड में आय ज्यादा है, उनके पहले के कार्ड रद्द हो गए हैं। अब मसला यह है कि अधिकतर लोगों की आय पीपीपी में 1.80 लाख कम है, फिर भी उनके कार्ड कट गए और नए कार्डो के लिए उन्हें अपात्र होने के संदेश मिल रहे हैं। इसके पीछे कारण भी नहीं बताया गया कि परिवार पहचान पत्र में जब आय कम है तो वे अपात्र क्यों बने। मोबाइल पर संदेश मिलने पर लोगों में खलबली मची हुई है और इन्हीं कारणों को जानने व उसे ठीक करवाने के लिए चक्कर लगाने को मजबूर है। 
02Jan-2023

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