शनिवार, 28 जनवरी 2023

साक्षात्कार: आंखों के प्रति लापरवाही खतरे से कम नहीं: डा. रोज

सर्दियों के मौसम में इसलिए बढ़ता है आंखों में बढ़ती है खुजली व सूखापन 
ओ.पी. पाल.रोहतक। वैसे तो इंसान के शरीर के सभी अंग महत्वपूर्ण हैं, लेकिन आंखों को बेहद संवेदनशील अंग के रुप में माना जाता है। सर्दियों में आंखो की देखभाल विशेष रुप से करने की जरुरत है। सर्द मौसम में ठंड का इंसानों की आंख पर कहीं ज्यादा प्रभाव पड़ता है। सर्दियों में आंखों की देखभाल कैसे की जानी चाहिए इसके लिए हरिभूमि से बातचीत करते हुए बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय की सेवा स्वास्थ्य सेवा में प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ डा. रविन्द्र रोज ने जहां सर्दियों के मौसम में आखों में सूखापन और खुजली बढ़ने की वजह बताई, वहीं उन्होंने ठंड में आंखों को स्वथ्य कैसे रख सकते हैं इसकी भी उपायों करने के तरीकों के साथ विस्तार से जानकारी दी। 
नेत्र विशेषज्ञ डा. रविन्द्र रोज ने सर्दी में आंखों की देखभाल कैसे हो के सवाल पर कहा कि आमतौर पर सर्दियों में आंखों में सूखापन, जलन, लालीपन तथा पानी गिरने जैसे लक्षण से दिक्कत होने लगती है। खुजली से आंखों में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है और प्रदूषण की वजह से ठंड के कारण दृष्टि धुंधली भी हो सकती है? ऐसे में आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आउटडोर गतिविधियां कम करें या बाहर निकलते समय आंखों पर सनग्लास का उपयोग करें, क्योंकि ठंडी हवाएं भी आंखों के लिए हानिकारक हैं। सर्दियों में हीटर व अलाव का इस्तेमाल ज्यादा होता है और गर्म हवा आंखों की नमी को सोख कर सूखापन व लालीपन पैदा करती है। ऐसे में आंखों को गर्म हवा से बचाना जरुरी है, ताकि आंखों में नमी कायम रहे। आंखों में नमी के लिए पानी पीते रहना चाहिए। डा. रोज ने बताया कि आंखों में खुजली होने पर उसे रगड़ने से परहेज करें, बल्कि दिन में एक या दो बार ठंडे पानी से धोने से आपको आराम लगेगा। 
गर्म हवा बेहद नुकसान दायक 
डा. रोज ने धुंध या कोहरे में ड्राइविंग करने पर आंखों की देखभाल को लेकर कहा कि वैसे तो यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए। गाड़ियों में सर्दियों के समय अक्सर हीटर का इस्तेमाल हो रहा है, जिसके कारण पलक झपकना कम हो जाता है और उसकी गर्म हवा सीधे आंखों में सूखापन बढ़ाती है। ऐसे में पलक झपकते रहना चाहिए और येलो ग्लास का इस्तेमाल करना भी बेहतर होता है। जहां तक रात्रि के समय ड्राइविंग करने की मजबूरी है तो ब्लूग्लास का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि आजकल ज्यादातर वाहनों में एलईडी लाइटें लगी होती है और इनकी रोशनी पड़ने से आंख के पर्दे को नुकसान पहुंचता है। 
सीजनल सब्जियों का सेवन बेहतर 
आंखो के बचाव के लिए सामान्य स्थिति में भी सावधानियां बरतने पर जोर देते हुए डा. रविन्द्र रोज ने कहा कि इसके लिए अच्छी डाइट हो, जिसमें अंडा, दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, आंवला, संतरा आदि विटामिनयुक्त पदार्थो का उपयोग करना चाहिए। जहां तक संभव हो बाहर के भोजन खासतौर से पैकेट फूड के सेवन से बचना जरुरी है। वहीं उन्होंने आउटडोर गतिविधियों को ज्यादा से ज्यादा करने के साथ पार्क में घूमना, योगा जैसी गतिविधियों को बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्वस्थ्य आंखों के लिए आंखों को बार बार पानी से धोने के लिए बचना चाहिए। इस इंटरनेट युग में मोबाइल अत्यधिक इस्तेमाल भी आंखों के लिए हानिकारक है। उनका कहना है मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए, खासतौर से अंधेरे में और लेटकर मोबाइल का इस्तेमाल आंखों के खतरे को बढ़ावा देता है। 
दृष्टि दोष कैसे दूर हो 
नेत्र विशेषज्ञ डा. रोज ने कहा कि आंखों की रोशनी कम होने पर दृष्टिदोष दूर करने के लिए चश्मा ठीक है या फिर लैंस, इसके लिए चश्मा सबसे बेहतर विकल्प है, क्योंकि आंख में लैंस की सफाई के लिए हर रोज निकाल और फिर लगाना पड़ता और इससे आंख की पुतली प्रभावित होती है, जिसमें ऑक्सीजन की कमी के साथ पुतली में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। जहां तक चश्मे से छुटकारा पाने का सवाल है उसके बारे में डा. रोज कहते हैं कि इसके लिए लेजर सर्जरी कराकर आंख में ही लैंस लगवा जा सकता है। लेकिन इसके लिए जांच के बाद ही पता चलेगा कि पुतली छोटी या बड़ है अथवा लैंस डाला जा सकता है या नहीं? इसलिए लेजर सर्जरी कराने के पहले इन तथ्यों की जांच कराना बेहतर होगा। 
बच्चों को मोबाइल से दूर रखें 
आधुनिक युग में मोबाइल बच्चों की आंखों पर गहरा प्रभाव ड़ाल रही है। आजकल घरों में छोटे बच्चों के हाथों में मोबाइल देकर हम बड़ी भूल कर रहे हैं, क्योंकि बच्चों को स्वस्थ्य के बारे में कोई समझ नहीं होती। इसलिए मोबाइल से बच्चों को दूर रखें, बल्कि उन्हें पार्क और ऐसी गतिविधियों में संस्कारित करें जिससे उनकी आंखों को सुरक्षित रखा जा सके। वैसे भी मोबाइल हमेशा मोबाइल का आई प्रोटेक्शन ऑन रखना चाहिए। इसी प्रकार डा. रोज ने ग्रामीण परिवेश के लोगों को सलाह दी है कि वे बिना चिकित्सक की सलाह से सीधे कैमिस्ट से दवाई न लें। शरीर मे चोट लगने से इस प्रकार बिना चिकित्सा परीक्षण के दवाई का इस्तेमाल आंखों की सुरक्षा के खतरे को बढ़ा सकता है। 
आईड्रॉप्स डालें 
सर्दियों में नमी की कमी की समस्या के कारण आंखों को काफी नुकसान होता है। ऐसी स्थिति में लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करना चाहिए. आप किसी भी मेडिकल स्टोर से ये आई ड्रॉप खरीद सकते हैं। सर्दियों में शरीर के बाकि अंगों की तरह आंखों का खास ख्याल रखना भी जरुरी होता है। आंखों का ख्याल रखने के लिए नमी बरकरार रखना जरुरी होता है। नहीं तो आंखें सूखने लगती हैं। जिसकी वजह से आंखओं में खुजली की समस्या हो जाती है। एक नेत्र विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी। कम नमी के कारण सर्दियों में आंखों में सूखापन, खुजली आम समस्या है।
23Jan-2023

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