सोमवार, 16 जनवरी 2023

मंडे स्पेशल: हरियाणा में बीपीएल कार्ड कटने पर संग्राम

पीपीपी से लिंक होने व सर्वे के बाद बढ़े 12 लाख गरीब परिवार, नौ लाख से ज्यादा पर चली कैंची 
गरीबों के हक के लिए अंत्योदय योजना में सरकार की नीति बनी जी का जंजाल 
ओ.पी. पाल.रोहतक। हरियाण सरकार की गरीबी की रेखा से नीचे यानी बीपीएल परिवारों को सामाजिक व आर्थिक सुविधा देने की परिवार पहचान पत्र से लिंक होने और नए सिरे से हुए सर्वे के आधार पर प्रदेश में लाखों लोगों के बीपीएल कार्ड कट गये हैं। इस मुद्दे को लेकर प्रदेशभर में सियासी बवाल मचा हुआ है और बीपीएल के दायरे से बाहर हुए परिवारों के समर्थन में अनेक संगठन आंदोलन की राह पर हैं। हालांकि सरकार ने परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में सत्यापित आय के मापदंड में बदलाव करके बीपीएल परिवारों की सूची से बाहर हुए लोगों को राहत देने का प्रयास किया है। ऐसे शिकायतकर्ता लोगों के परिवार को दोबारा सर्वे कराने का भी सरकार ने भरोसा दिया है। सरकार के बीपीएल सर्वे की वजह से जहां प्रदेश में करीब लाखो गरीब परिवारों की संख्या भी बढ़ी है, तो वहीं नौ लाख से ज्यादा ऐसे बीपीएल कार्ड पर कैंची चलाई ई है, जिसमें सरकारी कर्मी, आयकरदाताओं और पेंशन लेने वालों के गलत तरीके से बीपीएल कार्डो से गरीबों के हक मारकर सुविधाएं ले रहे थे।
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हरियाणा सरकार ने प्रदेश में गरीबों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की दिशा में साल 2023 को अंत्योदय आरोग्य वर्ष के रुप में मनाने का निर्णय लिया है। गरीबों के हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने बीपीएल परिवारों की आय सीमा को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख किया है। हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने बीपीएल आय के मानदंड को बदला है। इस कारण अब राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़कर लगभग 29 लाख हो गई है। सरकार की इस नीति से प्रदेश में जहां करीब 12 लाख परिवार बीपीएल के दायरे में शामिल हो गये हैं, लेकिन वहीं सर्वे के आधार पर करीब 9.60 लाख परिवारों के बीपीएल राशन कार्ड कट गए हैं, जो निर्धारित मानकों के विपरीत बने हुए थे। इनमें 1.32 लाख परिवार आयकर रिटर्न भरने वाले भी शामिल हैं। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ देकर उनकी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चत करने पर बल दिया। इसके लिए सरकार ने पिछली सरकारों के बीपीएल सर्वे रद्द करके नए सिरे से बीपीएल परिवारों का सर्वेक्षण करवाया है। इसके लिए नागरिक सूचना संसाधन विभाग ने बीपीएल परिवारों के आंकड़ों का मिलान खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग से करवाया है। इन आंकड़ों को और ज्यादा सार्थक बनाने की दिशा में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के डाटा से मानदंडों के आधार सत्यापित किया गया है। हालांकि ऐसे बीपीएल कार्ड कटने का मामले से प्रदेशभर में मचे बवाल का संज्ञान लेकर खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऐसे लोगों को राहत देने के लिए सभी जिलों में अतिरिक्त उपायुक्तों को निर्देश दिये कि पीपीपी के मामले में संवेदनशीलता के साथ करें। सरकार ने यहां तक ऐलान किया कि पीपीपी में गड़बड़ियों को दुरुस्त करने को आवेदन करने वाले परिवारों को जनवरी का राशन मिलेगा, अगर नाम गलती से कटा है तो बीपीएल कार्ड बना दिए जाएंगे, अन्यथा आगे से यह सुविधा बंद कर दी जाएगी। 
बीपीएल से बाहर हुए ऐसे परिवार 
प्रदेश में सरकार ने ज्यादा से ज्यादा गरीबों को उनके हक देने के मकसद से पहले परिवार पहचान पत्र की योजना से परिवारों का ब्यौरा एकत्र किया और फिर परिवार पहचान पत्र में सत्यापित आय व अन्य मानदंडों आधार सर्वे कराया गया है। इस सर्वे में करीब 3.45 लाख लोगों की सालाना आय 1.80 लाख रुपये से अधिक पायी गई। इसलिए ऐसे लोगो व परिवारों को बीपीएल परिवारों की सूची से निकाला गया है। बीपीएल के दायरे से बाहर लोगों में 51,489 सरकारी और अनुबंधित कर्मचारी, 2100 सेवानिवृत पेंशनधारी, उद्योगों में लगे 1.80 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले उद्योगों में लगे हुए हैं। वहीं 7416 किसान ऐसे मिले, जिन्होंने चार लाख रुपये से अधिक की फसल बेची है। हालांकि ऐसे किसानों को राहत दी जाएगी, जिन्होंने ठेके पर जमीन लेकर फसल उगाई थी या फिर जिन्होंने फसल के लिए सहकारी बैंकों से कोई ऋण लिया है। इसके लिए जल्द ही कोई रास्ता निकाला जाएगा। बीपीएल परिवारों को प्रदेश सरकार हर साल करीब आठ हजार रुपये तक की सुविधाएं देती है। इसी प्रकार 2.27 लाख परिवारों का बिजली बिल वार्षिक नौ हजार रुपये पाया गया है। इसलिए ऐसे परिवारों को बीपीएल के दायरे में माना गया है। जिस कारण इन्हें भी बीपीएल परिवारों का पात्र नहीं माना गया। 
फरीदाबाद में कटे सर्वाधिक नाम 
प्रदेश में सर्वे के आधार पर फरीदाबाद में सबसे ज्यादा 38 हजार परिवारों के नाम बीपीएल परिवारों की सूची से कटे हैं। हिसार जिले में रिवार पहचान पत्र से राशन कार्ड लिंक होने के बाद तीस हजार राशनकार्ड बीपीएल के दायरे से बाहर हो गये हैं, जिनमें 13156 लोगों के नाम हांसी में काटे गये हैं। रोहतक में भी हजारों की संख्या में बीपीएल के दायरे से बाहर हुए लोग दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। मसलन प्रदेश हरेक जिले व कस्बे में अनेक परिवारों को बीपीएल के दायरे से बाहर किया गया है। 
इन परिवारों का दोबारा होगा सर्वे 
सरकार ने प्रदेश में बीपीएल सूची से ऐसे परिवारों का दोबारा सर्वे कराने का भी भरोसा दिया है, जिनकी शिकायत आएगी। इसके लिए सरकार ने शिकायत के लिए टोलफ्री नंबर 18001802087 और 1967 भी जारी किये हैं, जिन पर दर्ज नागरिकों की दर्ज शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। अभी तक ऐसी दर्ज शिकायते दो लाख से ज्यादा हो चुकी हैं। 
सस्ते राशन की सुविधा 
प्रदेश में अंत्योदय परिवारों को 35 किलोग्राम और बीपीएल, ओपीएच परिवारों को पांच किलोग्राम अनाज दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जा रहा है। कोरोना के समय शुरू प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण योजना इस महीने के अंत तक जारी रहेगी। अंत्योदय आहार योजना के अंतर्गत बीपीएल, एएवाई परिवारों को फोर्टिफाइड आटे का वितरण यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और पंचकूला जैसे जिलों में किया जा रहा है। 
क्या बीपीएल राशन कार्ड 
भारत सरकार और सभी राज्य सरकारें देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए कई सरकारी योजनाओं का लाभ देती है। देश के हर राज्य में निवास करने वाले नागरिकों के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा पात्रता के आधार पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत पात्र लोगों को बीपीएल राशन कार्ड जारी किया जाता है। बीपीएल राशन कार्ड केवल उन नागरिकों को ही प्रदान किया जाएगा, जिनकी सालाना आय मात्र 1.80 लाख रुपये तक होगी। 18 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले को ही बीपीएल कार्ड प्रदान किया जाता है, बेशर्ते वह भारतीय नागरिक हो। 
जरुरी दस्तावेज 
बीपीएल राशन कार्ड बनाने के लिए जरुरी दस्तावेजों में परिवार के मुखिया एवं परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड, निवास प्रमाण के लिए बिजली व पानी का बिल, ड्राइविंग लाइसेंस, निवास प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं। इसके अलावा श्रमिक कार्ड या जॉब कार्ड, ग्राम पंचायत या नगर पंचायत से अनुमोदन, तीन पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी, बीपीएल सर्वे क्रमांक, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जैसे दस्तावेज देना आवश्यक होगा।
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गरीबों को मिलेगा हक: मुख्यमंत्री
प्रदेश सरकार चाहती है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा गरीबों को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिले। इसके लिए सरकार ने बीपीएल परिवारों के लिए न्यूनतम वार्षिक आय 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये की है। वहीं पीपीपी के आधार पर प्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बीपीएल परिवारों की संख्या 11.50 लाख से बढ़कर 28.93 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि इससे पहले प्रदेश में पीले राशन कार्ड बनाने के लिए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था, सरकार ने राशनकार्डो को परिवार पहचान पत्रों से जोड़ते हुए सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया और नए पीले राशन कार्ड ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। मसलन अब गरीब परिवारों को इन कार्ड के लिए कहीं चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि बीपीएल कार्ड उन्हें सीधे घर पर ही मिलेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में अब नया राशन कार्ड ऑनलाइन प्रणाली शुरू की है। अब कोई भी व्यक्ति सरल पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के पात्र परिवारों को अंत्योदय अन्न योजना परिवार व प्राथमिक परिवार श्रेणियों में बांटा है।
16Jan-2023

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