शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

बजट: भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने की बढ़ी उम्मीदें

राष्ट्रीय रेल योजना 2030 के लक्ष्य का खाका किया तैयार 
महत्वकांक्षी योजनाओं के साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर बल 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। केंद्रीय बजट में रेलवे को पूंजीगत व्यय के लिए बजट में आवंटित 2.41 लाख करोड़ रुपए की राशि अभी तक की सबसे अधिक राशि है। इस आवंटन से भारतीय रेलवे की राष्ट्रीय रेल योजना 2030 के लक्ष्य के तहत चल रही कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पंख लगने की उम्मीदें बढ़ी है, तो वहीं नए रेलवे ट्रैक, वैगन, ट्रेनें, रेलवे का विद्युतीकरण, सिग्नल जैसे बुनियादी ढांचा में परिवर्तनकारी बदलाव वाली परियोजनाओं में भी तेजी आना स्वाभाविक है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी बजट के बाद माना है कि रेलवे के इतिहास में पहली बार रेलवे को योजनाओं के प्रस्ताव के हिसाब से धनराशि का आवंटन हुआ है। रेलवे को आवंटित किये गये 2.41 लाख करोड़ रुपए के बजट में रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वहीं अब रेलवे को उम्मीद है कि भारतीय रेलवे यात्रियों की आकांक्षाओं को भी पूरा करते हुए रेलवे का कायाकल्प करने में तेजी से आगे बढ़ेगा। रेल मंत्री के अनुसार केंद्र से रेलवे को मिले बजट की राशि को यात्रियों को विश्वस्तरीय और बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इस्तेमाल करने पर फोकस होगा। इस दिशा में रेलवे ने राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, हम सफर और तेजस जैसी एक हजार से ज्यादा ट्रेनों के कोचों का नवीकरण करने की भी योजना है। 
इन परियोजनाओं पर फोकस 
केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी रेलवे परियोजना में बुलेट ट्रेन परियोजनाओं में शामिल मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का काम अधर में था, जिस पिछले कुछ महीनों में गुजरात के आठ जिलों और दादरा और नगर हवेली से गुजरने वाले समानांतर के निर्माण कार्य शुरू कराया गया है। रेलवे को मिले बजट से अब इस परियोजना को 2027 में पूरा होने की उम्मीद है। जब एक दशक से ज्यादा समय से चल रही रेलवे की उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना अंतिम चरणों में है, जिसके तहत चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्क रेलवे पुल का निर्माण अंतिम चरणों में है, जिससे कश्मीर घाटी को शेष भारत से रेल नेटवर्क के जोड़ा जा सकेगा। ऐसी परियोजनाओं में दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का चलाने का लक्ष्य है, जिसमें तीन खंडों में काम को पूरा करने के लक्ष्य के तहत साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबे पहले खंड पूरा हो चुका है, जिसे ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का काम पूरा होते ही आगामी मार्च में चालू कर दिया जाएगा। रेलवे की उन नई योजनाओं के लिए भी 75 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड दिया गया है, जो अगले वित्त वर्ष में शुरू की जाएंगी। 
पूर्वोत्तर में रेल नेटवर्क 
रेलवे की पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए बैराबी-सैरांग परियोजना में नई लाइन रेलवे परियोजना पर काम जारी है। पूर्वोत्तर भारत में अतिरिक्त 51.38 किमी रेलवे ट्रैक बनाने का लक्ष्य है। इस परियोजना से देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विशेष रूप से मिजोरम में संचार और वाणिज्य के मामले में एक नए युग की शुरूआत होगी। इसी प्रकार अरुणाचल प्रदेश में 10 हजार फुट से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर भालुकपोंग-तवांग लाइन पूर्वोत्तर के महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल है, इससे भारत चीन तनाव के बीच सेना की व्यापक जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। 
हरियाणा में भी बनेगी वंदेभारत 
रेलवे का अगले तीन साल में 400 वंदेभारत ट्रेन पटरी पर उतारने का लक्ष्य है। बजट में वंदे भारत एक्स्प्रेस के स्लीपर वर्जन हेतु 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसलिए भारत की स्वदेशी तकनीक आईसीएफ चेन्नई और रायपुर के अलावा अब वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण हरियाणा के सोनीपत, गुजरात के लातूर और यूपी के रायबरेली में भी होगा। रेल मंत्री का दावा है कि अगले अगस्त से देश में हर माह कम से कम सात या आठ वंदेभारत ट्रेन का उत्पादन किया जाए। अभी तक देश में आठ 8 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। 
अमृत भारत योजना 
रेलवे की अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के बड़े स्टेशनों समेत 1275 स्टेशनों का आधुनिकीकरण करने की योजना है। वहीं रेलवे लाइनों का होगा विद्युतीकरण करने के लक्ष्य पूरा करने के मुहाने पर खड़ा है। रेलवे ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में दो हजार किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाने की योजना है। । वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी। रेल मंत्रालय ने बजट में ढाई लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित करने की मांग की थी।
हैरिटेज सर्किट में दौड़गी हाइड़ोजन ट्रेन 
केंद्र सरकार के बजट में ऊर्जा के नए वैकल्पिक फोकस में रेलवे की हाइड्रोजन ट्रेन के निर्माण और उसे हैरिटेज सर्किट में चलाने की योजना का भी ऐलान हुआ है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बजट के बाद ऐलान किया कि भारत में डिजाइन और निर्मित हाइड्रोजन ट्रेन इसी साल दिसंबर 2023 तक आ जाएगी। रेलवे की हाइड्रोजन ईंधन से 35 ट्रेन चलाने की योजना है। इस ट्रेन को पहले कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलाने के बाद अन्य हैरिटेज सर्किट में चलाया जाएगा। हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बिजली के लिए रेलवे की अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट स्थापित करने की योजना भी है। 
माल ढुलाई पर जोर 
रेलवे का बजट में मिली संतोषजनक राशि मिलने के बावजूद माल ढुलाई में भी तेजी लाने जो रहेगा। कोयला, इस्पात, उर्वरक व खाद्यान्न के साथ अन्य सामान की एक कोने से दूसरे कोने तक ढुलाई के लिए सौ महत्वपूर्ण परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं की पहचान की गई है। इनके लिए 75 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इनमें से 15 हजार करोड़ निजी क्षेत्र से आएंगे। 
शताब्दी और राजधानी ट्रेनों की जगह लेंगी ये ट्रेनें 
दरअसल वंदे भारत ट्रेनों के चेयर कार संस्करण धीरे-धीरे शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों की जगह लेंगे और ट्रेन के स्लीपर संस्करण राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की जगह लेंगे. रेलवे के मुताबिक वंदे भारत एक्सप्रेस के स्लीपर वर्जन के कोच एल्युमिनियम के बने होंगे और इसे अधिकतम 220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने के लिए डिजाइन किया जाएगा. हालांकि सफर के लिए यह स्लीपर ट्रेन 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। 04Feb-2023

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