बुधवार, 15 फ़रवरी 2023

मंडे स्पेशल: हरियाणा में यातायात पुलिस व्यवस्था की सूरत बदलने की तैयारी

राज्य में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने पर गंभीर हुई सरकार 
प्रदेश के हर जिले में अलग से नियुक्त होगा डीएसपी(यातायात) स्तर का अधिकारी 
ओ.पी. पाल.रोहतक। प्रदेश में बदहाल यातयात व्यवस्था के कारण बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक ऐसा खाका तैयार किया है, जिसमें महाराष्ट्र की तर्ज पर यातायात पुलिस व्यवस्था में बदलाव करने का प्रस्ताव है। सरकार ने मौजूदा साल 2023 में सड़कों पर होने वाले हादसों में 20 फीसदी करने का लक्ष्य तय किया है। यह सरकार भी मानती है कि यातायात नियमों का उल्लंघन हादसों का बड़ा कारण है और प्रदेश में वाहनों के चालकों द्वारा यातायात नियमों की अनुपालना कराने के लिए यातायात पुलिस की कमी है। अब प्रदेश में नई यातायात पुलिस व्यवस्था में सरकार ने पुलिस अधीक्षक(यातायात) स्तर के अधिकारियों और जिला स्तर पर डीएसपी(यातायात) की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। सवाल यह भी है कि महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रदेश की यातायात पुलिस व्यवस्था करने के लिए प्रदेश के नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे जैसे मार्गो पर जुटाए जाने वाले संसाधनों की व्यवस्था कैसे करेगी, जब कि प्रदेश में यातायात पुलिस बल की पर्याप्त संख्या तक नहीं है। हालांकि हरियाणा सरकार ने हाल ही में प्रदेश में पुलिस के नए पदों को सृजित करने की मंजूरी दी है, लेकिन उसमें यह नहीं बताया गया कि यातायात पुलिस व्यवस्था के लिए कितने पद होंगे। 
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हरियाणा सरकार ने प्रदेश में नेशनल हाइवे, एक्सप्रेस वे और राजमार्गो के विस्तार के साथ यातायात पुलिस व्यवस्था में बदलाव का निर्णय लिया है। प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने की दिशा में राज्य में अलग से यातायात एडीजी/आईजी तैनात है, जिसने राज्य सरकारो को महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रदेश में नई यातायात पुलिस व्यवस्था लागू करने के लिए एक रिपोर्ट दी है। उस रिपोर्ट के आधार पर ही गृहमंत्री अनिल विज ने हरियाणा की यातायात पुलिस व्यवस्था में बदलाव का ऐलान किया। इसका मकसद केवल प्रदेश में सड़कों पर हो रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाकर बढ़ रही मौतों को रोकना है। सरकार ने महाराष्ट्र की तर्ज पर यातायात पुलिस व्यवस्था बदलने के लिए प्रशासनिक स्तर का खाका तो खींच लिया है, लेकिन इस व्यवस्था में संसाधन जुटाने की जानकारी का खुलासा नहीं किया। 
क्या है नई यातायात व्यवस्था का खाका 
राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने राज्य में सड़क हादसों की चुनौती से निपटने के लिए पिछले महीने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और परिवहन अधिकारियों की बैठक में प्रदेश की यातायात की नई व्यवस्था के लिए तैयार खाका में प्रस्तावित योजना पर चर्चा की। प्रदेश की यातायात पुलिस प्रणाली को लागू करने के लिए आईजी यातायात प्रभारी होगा। और यातायात व्यवस्था में पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को लगाया जाएगा। इस योजना के तहत एक पुलिस अधीक्षक चार या पांच जिलों का नियंत्रण करेंगे और हर जिले में अलग से डीएसपी यातायात नियुक्त किये जाएंगें। जबकि डीएसपी के अधीन एसएचओ यातायात होगा। यही नहीं परिवहन विभाग सभी जिलों में अनुबंध के आधार पर रोड सेफ्टी एसोसिएट्स नियुक्त करेगा। 
इस साल 20 फीसदी हादसे कम करने का लक्ष्य 
हरियाणा की बेहाल होती यातायात व्यवस्था के कारण बीते 2022 में 9951 सड़क हादसों में 4516 लोगों की असामयिक मौत हुई और इससे करीब दोगुना 8447 लोग घायल हुए हैं। सरकार के परिवहन विभाग ने मौजूदा साल 2023 में 20 फीसदी दुर्घटनाएं कम करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए परिवहन विभाग सभी जिलों में अनुबंध आधार पर रोड सेफ्टी एसोसिएट्स अनुबंध आधार पर नियुक्त करेगा। राज्य सरकार ने सड़कों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के निर्देश दिये हैं। वहीं ट्रैक्टर ट्राली आदि वाहनों पर रिफ्लेक्टर और लावारिस पशुओं की सींगों पर रिफ्लेक्टिव टेप जल्द से जल्द लगाने को कहा गया है। 
संसाधन जुटाने की चुनौती 
रोड़ सेफ्टी विशेषज्ञों की माने तो महाराष्ट्र की यातायात पुलिस प्रणाली के तहत भले ही हरियाणा सरकार यातायात व्यवस्था को नया रूप देने का प्रयास कर रही हो, लेकिन राज्य में महाराष्ट्र की तरह यातायात पुलिस के लि संसाधन जुटाना भी एक चुनौती से कम नहीं होगा। मसलन इसके लिए हाइवे व एक्सप्रेसवे अथवा अन्य मुख्य सड़कों पर यातायात पुलिस वाहनों की ज्यादा जरुरत है। इन संसाधनों के बाद ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले अनियंत्रित चालकों पर अंकुश लगाना संभव हो सकेगा। महाराष्ट्र की तर्ज पर राज्य में यातायात पुलिस को इंटरसेप्टर वाहनों की आवश्यकता है। यातायात पुलिस बल को ऐसे वाहन भी हाइवे व एक्सप्रेस वे या अन्य प्रमुख राजमार्ग उतारने होंगे, जिनमें स्पीडगन माउंटिंग फैसिलिटी (ट्राइपॉड) प्रणाली स्थापित हो। ऐसे तकनीकयुक्त संसाधनों के साथ यातायात पुलिस पर स्पीड गन ऑपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ता है। ऐसे ऑपरेशन के लिए सीसीटीवी कैमरे, ब्रेथ एनालाइजर, ई-चालान की व्यवस्था भी करनी होगी। हाईवे पर यातायात योजना और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी यातायात पुलिस को ही देनी होगी। 
नियमों का उल्लंघन करने में नहीं आई कमी 
केंद्र सरकार ने 2019 में नया मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम लागू किया था, जिसमें यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों व उनके चालकों पर भारी भरकम जुर्माने और सजा जैसे कड़े प्रावधान भी किये गये। वहीं कानून की अधिसूचना में सड़कों पर रेसिंग करते हुए पकड़े जाने वालों के लिए शुल्क पहले अपराध के लिए 5000 और दूसरे अपराध और उसके बाद हर बार के लिए 10,000 रुपये तक का प्रावधान है। इसके अलावा गलत नंबर प्लेट, बिना लाइसेंस, बीमा, प्रदूषण जैसे दस्तावेजों के बिना वाहन चलाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई व जुर्माना लागू है। इसके बावजूद यातायात नियमों का आय दिन उल्लंघन करने वाले वाहनों में कोई कमी नहीं आई है। 
गडकरी ने की थी सिफारिश 
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर महाराष्ट्र की तर्ज पर पुलिस प्रणाली लागू करने की सिफारिश की थी। हरियाणा में आईजी (यातायात) ने महाराष्ट्र की तर्ज पर एसपी स्तर के अधिकारियों की यातायात पुलिस में तैनाती करने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा है। उसी के तहत हरियाणा में बढ़ते हादसों से चिंतित सरकार ने नई यातायात पुलिस व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर ली है। 
बेहाल है राज्य की यातायात व्यवस्था 
हरियाणा की यातायात व्यवस्था बहुत ढीली चल रही है, जो दिन पर बदहाल होती यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने आईजी ट्रैफिक का पद सृजित किया था, लिन उनके पास शक्ति न के बराबर है। मसलन ये आईजी एक एसएचओ का तबादला करने का भी अधिकार नहीं रखते, क्योंकि एसएचओ और डीएसपी जिले में पुलिस अधीक्षकों के अधीन आते हैं। पुलिस अधीक्षकों के माध्यम से ही आईजी को निर्देश देने पड़ते हैं। वर्तमान में राज्य के हालात कुछ ऐसे हैं कि सड़क हादसे रोकना चुनौती बन गया है। हाईवे पर लोग अंधाधुंध गाड़ियां चला रहे हैं। एक्सप्रेस-वे की तरह हाई स्पीड चालान की व्यवस्था नहीं है। पुलिस चालान करती है, तो लोग पुलिस से ही भिड़ने को तैयार जाते हैं। इसलिए सरकार चंडीगढ़ व दिल्ली जैसी ट्रैफिक पुलिस जैसी ही व्यवस्था को हरियाणा में लागू करने का प्रयास कर रही है। 
जल्द लागू होगी नई व्यवस्था: विज 
हरियाणा में यातायात की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने नई योजना बनाने का ऐलान किया। इसके लिए सरकार ने यातायात पुलिस व्यवस्था को नए स्वरुप में लाने के लिए पुलिस विभाग में कई तरह के बदलाव भी किये जाएंगे। प्रदेश में जल्द ही अलग से यातायात पुलिस अधीक्षकों को नई व्यवस्था लागू करने का प्रयास है। सरकार की मंशा यही है कि प्रदेश में सड़क हादसों पर अंकुश लगाकर सड़कों पर हो रही बेवजह लोगों की मौतों को रोका जाए। 
 13Feb-2023

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