बुधवार, 1 सितंबर 2021

मंडे स्पेशल: गरीबो का निवाला डकार रहे अमीर!

हरियाणा में पाए गये 75 हजार फर्जी बीपीएल कार्ड सरकार पात्र लोगों के बनाएगी 82 हजार नए कार्ड 
ओ.पी. पाल.रोहतक। प्रदेश के अमीर गरीबों के राशन पर डाका डाल रहे हैं? ऐसे 75 हजार परिवार सामने आए हैं, जो अपनी पहुंच और प्रभाव से बीपीएल राशन कार्ड बनवाकर जरुरतमंदों का राशन डकारते रहे। जबकि 82 हजार परिवार दो जून की रोटी को मोहताज रहे। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई परिवार पहचान पत्र योजना से खुलासा हुआ कि ऐसे लोगों ने गरीब के निवाले को डकारने के मकसद से अपनी पहुंच का इस्तेमाल किया। सरकार अब इन 75 हजार परिवारों को बीपीएल सूची से निकालकर 82 हजार जरुरतमंदों को बीपीएल दायरे में शामिल कर रही है। सरकार प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत करीब 1.23 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं को मुहैया कराने के लिए ठोस कदम उठा रही है। हरियाणा खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता विभाग के रिकार्ड में प्रदेश में कुल 27,04,855 राशनकार्ड पर 1,22,51,366 लाभार्थियों को 9690 डिपो के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जा रहा है। इनमें गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले करीब 8,92,774 बीपीएल कार्ड धारक हैं जिनके परिवार के 41,00,546 सदस्यों को सरकार की और से मुफ्त राशन दिया जा रहा है। वहीं 2,48,134 अन्त्योदय अन्न योजना यानि एएवाई कार्ड पर 9,98,340 और 15,63,947 ओपीएच यानी खाकी कार्ड पर 71,52,480 सदस्य शामिल हैं। राज्य सरकार ने पिछले दिनों ही बीपीएल के दायरे में सालाना आय की सीमा को 1.20 लाख रुपये से 1.80 लाख रुपये से कम सालाना आमदनी वालों को बीपीएल श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है। इस बदलाव से परिवार पहचान पत्र योजना के तहत हुए आय सत्यापन सर्वे में अभी तक 82 हजार ऐसे परिवारों की पहचान की गई है, जिनकी सालाना आमदनी एक लाख 80 हजार रुपये से कम है। इन सभी के गरीबी रेखा से नीचे यानि बीपीएल राशन कार्ड बनाए जाएंगे। वहीं सर्वे में बीपीएल श्रेणी का राशन लेने वाले 75 हजार परिवारों की सालाना आमदनी 1.80 लाख रुपये से पाई गई है। गरीबों का राशन डकारने वाले ऐसे फर्जी बीपीएल परिवारों का नाम बीपीएल सूची से काटना शुरू कर दिया है। किस कार्ड पर कितना राशन 
देश में गरीबों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार राशन कार्ड धारकों को प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने पांच किलो गेहूं और चावल दो से तीन रुपये में उपलब्ध करा रही है। इसके लिए आम तौर पर तीन श्रेणी के राशन कार्ड बनाए गये है, जिनमें गरीबी रेखा के ऊपर रहने वाले लोगों को एपीएल(हरा), गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए बीपीएल(पीला) राशन कार्ड शामिल है। जबकि सबसे गरीब परिवारों के लिए अन्त्योलदय राशन कार्ड एएवाई (गुलाबी) राशनकार्ड बनाए गये हैं। एपीएल परिवार को हर महीने 15 किलो, बीपीएल परिवार को 25 किलो तथा एएवाई राशन कार्ड पर हर महीने 35 किलो राशन यानि खाद्य साम्रगी प्रदान की जाती हैं।
गरीब कल्याण अन्न योजना
हरियाणा सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एएवाई, बीपीएल और ओपीएच राशन कार्ड धारकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 5 किलोग्राम गेहूं प्रति सदस्य निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसमें एएवाई व बीपीएल कार्ड धारकों को हर माह चीनी का वितरण भी किया जा रहा है। इन दोनों कार्ड धारकों को एक किलोग्राम चीनी 13.50 रुपये के अनुसार प्रति परिवार वितरित की जा रही है, जिसमें इन दोनों राशन कार्ड धारकों को 20 रुपये प्रति लीटर की दर से दो लीटर हर माह वितरित करने का प्रावधान है।
प्रवासियों को भी राशन 
एक देश एक राशन योजना के तहत अंतर्राज्यीय राशन के ट्रांजेक्शन यानि पोर्टिब्लिटी के तहत प्रदेश में ताजा डाटा के अनुसार सबसे ज्यादा 78 फीसदी उत्तर प्रदेश था 17 फीसदी बिहार के राशनकार्ड धारक हैं। इसमें 53 फीसदी अंतर्राज्यीय राशन ट्रांजेक्शन फरीदाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला एवं पानीपत में किए जा रहे हैं। 
सरसों के तेल के बदले पैसा 
प्रदेश में बीपीएल परिवारों को हर माह दो किलो सरसों का तेल भी दिया जाता है, लेकिन सरकार के निर्णय के तहत तेल की कमी के कारण गत जून माह से सरसों के तेल की बजाए 250 रुपये प्रति परिवार प्रति माह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से उनके बैंक खाते में भेजे जा रहे हैं। हरियाणा में अभी तक करीब 4.88 लाख परिवारों के बैंक खातों में करीब 12.21 करोड़ रुपये की रकम सरसों तेल के बदले ट्रांसफर की है। जबकि 2.20 लाख परिवारों की सूची में आए करीब 2.20 लाख बीपीएल परिवारों के खातों में लगभग 5.50 करोड़ रुपये की राशि जल्द ही हस्तांतरित की जाएगी। 
कांग्रेस शासन में हुआ था सर्वे 
प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा बीपीएल राशनकार्ड के लिए हुए सर्वे से पहले 2006-07 में कांग्रेस सरकार के दौरान बीपीएल लिस्ट यानी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों में नाम जोड़ने के लिए सर्वे किया गया था। इस लंबे इंतजार के बाद फिर से परिवार पहचान पत्र के तहत किये गये सर्वे के बाद फर्जी बीपीएल राशन कार्ड धारकों का खुलासा हुआ। मौजूदा सरकार ने एक लाख नए बीपीएल राशनकार्ड बनाने का लक्ष्य रखा है, जिनमें अभी तक 82 हजार बीपीएल परिवारों की पहचान हो चुकी है। 
आसान नहीं प्रक्रिया 
प्रदेश में पात्र बीपीएल परिवारों के राशनकार्ड बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया के लिए सरल पोर्टल या फिर जिलों में लघु सचिवालय में सरल केंद्र स्थापित किये हैं। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए किये जा रहे सर्वे में स्थलीय निरीक्षण करके यह भी जांच हो रही है आवेदक वास्तव में गरीब है या नहीं।
सजा व जुर्माने का प्रावधान 
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गलत दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड बनवाने पर पांच साल की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। अधिनियम में पहचान पत्र के रूप में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड के जरिए पात्र लोगों की सुविधाएं लेकर गरीबों का हक मारना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल है। यही नहीं यदि गलत दस्तावेजो के बावजूद खाद्य विभाग का अधिकारी या कर्मचारी अपने स्वार्थवश राशन कार्ड बनाता है तो दोषी पाए जाने पर उसके लिए भी सजा व जुर्माने का प्रावधान है। 
30Aug-2021

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें