सोमवार, 3 जुलाई 2023

मंडे स्पेशल: स्कूल में बच्चों को टैबलेट तो मिले, पेयजल का इंतजार

प्रदेश के 14,562 सरकारी स्कूलों में से 2651 में समय पर नहीं आता पानी 
प्रदेशभर के 185 स्कूलों में शैचालय तक की सुविधा नहीं
ओ.पी. पाल.रोहतक। गर्मी की छुट्टियों के बाद प्रदेशभर के सरकारी स्कूल खुल गए हैं। परीक्षा परिणाम आने के बाद बच्चों की क्लास पहले ही बदल चुकी है। अगर कुछ नहीं बदला है तो वो है सरकारी स्कूलों को ढर्रा। हालात जस के तस हैं। आज भी जहां बच्चों को हाईटेक बनाने के लिए सरकार टैबलेट तो को बांट रही है, लेकिन मूलभूत सुविधाओं का हाल बेहाल है। प्रदेशभर के 14,562 सरकारी स्कूलों में से 2651 तो ऐसे हैं जहां सुचारु रुप से पेयजल ही उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जबकि 131 स्कूलों में तो पेयजल की कोई व्यवस्था ही नहीं है। यह सुनकर हैरानी होगी, कि प्रदेश के 185 स्कूलों में बच्चों के लिए शैचालय तो नहीं है, लेकिन 82.7 फीसदी स्कूलों में बच्चों के पास टैबलेट है। स्कूलों में आधुनिक तकनीक पहुंचाने के दावों की कड़वी सच्चाई यह भी है कि महज 13.8 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में ही स्मार्ट क्लास रुम बन पाए हैं। प्रदेश के केवल 87 सरकारी स्कूलों में ही ई-लाइब्रेरी खुल पाई है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में बिजली की सुचारु व्यवस्था न होने के लिए वहां इसका उपयोग भी न के बराबर हो पा रहा है। 
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रियाणा सरकार प्रदेश को शिक्षा का हब बनाने के लिए कई योजनाएं पटरी पर लाने का दावा कर रही है, जिसमें स्कूली स्तर पर तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहन देना भी शामिल है। प्रदेश में कुल इसके बावजूद प्रदेश के स्कूल जहां शिक्षकों की कमी से नौनिहालों की बुनियादी शिक्षा मझधार में है, तो वहीं शौचालय, नल और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा बना हुआ है। संसद सत्र में राज्यसभा के एक सांसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट चौंकाने वाली है, जिसमें हरियाणा की स्कूली शिक्षा को लेकर सवाल खड़े होना इसलिए भी स्वाभाविक है, कि प्रदेश में चल रहे केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में क्लास रूम, पीने का पानी, लड़को और लड़कियों के अलग अलग शौचालय निर्माण और मरम्मत, रैम्प, बिजली उपकरण, फर्नीचर, बाउंड्री वॉल, सौलर पैनल, हेडमास्टर रूम, साइंस, कंप्यूटर लैब और उपकरण, आर्ट एंड कल्चर रूम, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायो और इंटीग्रेटिड लैब और उपकरण, लाइब्रेरी, फर्नीचर और विद्यार्थियों के बैठने के लिए डेस्क के साथ ही अन्य कार्य शामिल हैं। केंद्र सरकार ने इस अभियान के लिए राज्य सरकार को साल 2021-22 के लिए 517.10 करोड़ रुपये की राशि भी जारी कर दी है। 
मूलभूत सुविधाओं से जूझते स्कूल 
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को देखा जाए तो प्रदेश में सैकड़ो सरकारी स्कूल शौचालय, नल और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। प्रदेश में 14,562 सरकारी स्कूलो में 185 स्कूल ऐसे हैं, जहां शौचालय की सुविधा नहीं है। जबकि हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग का दावा है कि केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश में 2019-20 और 2021-22 के बीच 53,323 नए शौचालय बनाए गए हैं और 1,344 की मरम्मत की गई है। अभी प्रदेश में लड़कियों के लिए 535 शौचालयों समेत कुल 1585 शौचालयों के निर्माण की जरुरत है। संसद में पेश रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में लड़कों व लड़कियों के शौचालय का अनुपात 1.14 है। यानी लड़को के लिए 97.5 और लड़कियों के लिए 97.3 शौचालय की व्यवस्था है। इसी प्रकार स्कूलों में पेयजल की सुविधाओं को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट पर गौर की जाए तो हरियाणा के 2,651 स्कूल ऐसे हैं, जहां बैक्टीरिया से दूषित पानी का इस्तेमाल हो रहा है। प्रदेश में 131 सरकारी स्कूलों में तो पीने के पानी की काई भी व्यवस्था नहीं है, जिनमें 29 स्कूल प्रदेश के एक मात्र आकांक्षी जिले नूहं के शामिल हैं। नूंह जिले में 493 स्कूलों में नल का पानी उपलब्ध है। हरियाणा शिक्षा विभाग के मुताबिक प्रदेश में 236 स्कूल ऐसे हैं जहां बिजली कनेक्शन नहीं है। जहां तक बच्चों के लिए डेस्क का सवाल है उसमें प्रदेश में छह हजार डेस्क की जरुरत है। 
निजी स्कूलों से पीछे सरकारी स्कूल 
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सांख्यिकी विभाग में डाइज यानी डिस्टिक्ट इंफार्मेशन ऑफ स्कूल एजुकेशन के वर्ष 2021-22 के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में प्राइमरी से हायर सकेंडरी तक कुल 23726 स्कूल हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या 14562 सरकारी सकूलों की है। जबकि सरकार से मान्यता प्राप्त केवल 16, गैरमान्यता प्राप्त 8261 तथा 887 अन्य निजी स्कल संचालित हो रहे हैं। तकनीकी तौर पर बच्चों को शिक्षा देने के मामले में सरकारी स्कूल संसाधनों की कमी से सबसे ज्यादा जूझने को मजबूर है। केवल 87 यानी 0.6 फीसदी सरकारी स्कूलों में ही अभी तक डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जा सकी है, जबकि गैर मान्यता प्राप्त स्कलों में सर्वाधिक 560 यानी 6.8 फीसदी ई-लाइब्रेरी हैं। जबकि 4009 यानी 27.8 फीसदी सरकारी स्कूल कंप्यूटर (डेस्कटॉप) की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन इस मामले में भी 6309 गैरमान्यता प्राप्त स्कूल 76.4 फीसदी अंकों के साथ सबसे आगे है। 
सरकारी स्कलों में टेबलैट की कमी नहीं 
प्रदेशभर के 13451 यानी 56.7 फीसदी स्कूलों में बच्चों की तकनीकी शिक्षा के लिए टैबलेट उपलब्ध हैं। इनमें सबसे ज्यादा 12047 यानी 82.7 फीसदी सरकारी स्कूलों में बच्चों के पास टैबलेट की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन लर्निंग पीसी ड्राइव के मामले में सरकारी स्कूल सबसे फिस्सडी है, जहां केवल 687 यानी 4.7 फीसदी स्कूलों में ही यह सुविधा है। जबकि 1945 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में इस सुविधा से बच्चों को तकनीकी शिक्षा की एबीसीडी सिखाने की सुविधा है। प्रदेश में 951 सरकारी स्कूलों में मोबाइल की सुविधा भी दी गई है। 
स्मार्ट क्लास का सपना अधूरा 
प्रदेश के स्कलों में स्मार्ट क्लास बनाने का सपना भी अभी तक अधूरा है। मसलन प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 95,363 क्लास रूम हैं, लेकिन प्रदेश के 2013 यानी 13.8 फीसदी सरकारी स्कूलों में ही स्मार्ट बोर्ड वाली क्लास की सुविधा है। जबकि इससे ज्यादा 25 फीसदी निजी स्कलों में स्मार्ट क्लासें चलाई जा रही है। इसी प्रकार प्रोजेक्टरों की सुविधा में भी सरकारी स्कूल पीछे चल रहे हैं, जहां केवल 2337 यानी 16.1 फीसदी सरकारी स्कूलों में ही प्रोजेक्टर मुहैया कराए गये हैं, जबकि यह सुविधा 45.8 फीसदी निजी स्कूलों में उपलब्ध है। 
इंटरनेट के अभाव में ठप आईटी लैब 
प्रयोगशालाओं को डिजिटल बनाने की दिशा में 2851 स्कूलों में आईटी लैब स्थापित की गई हैं, लेकिन इंटरनेट के अभाव में 2254 यानी 38.3 फीसदी चालू हालत में हैं। राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में 4022 आईटी लैब का अनुमोदन किया है, लेकिन सवाल है कि पहले से ही मौजूद लैब इंटरनेट की समस्या से जूझ रही है। सवाल है कि ऐसे में स्कूलों बच्चों को सूचना प्रौद्योगिकी प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल करने के लिए इंटरनेट की व्यवस्था कैसे की जाएगी। 
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तकनीकी शिक्षा की पहल की स्थिति  (2021-22)
संसाधन कुल      स्कूल (23726)  सरकारी(14562) मान्यता प्राप्त(16) गैर मान्यता प्राप्त(8261) अन्य(887) डिजिटल लाईब्रेरी 685(2.9%)        87(0.6%)           00(0%)                  560(6.8%)                    38(4.3%) 
कंप्यूटर/डेस्कटॉप 10820(45.6%) 4009(27.8%)    11(68.8%)              6309(76.4%)            491(55.4%) 
लैपटॉप      5628(23.7%)         261(1.8%)             3(18.8%)               4966(60.1%)           398(44.9%) 
टैबलेट     13451(56.7%)         12047(82.7%)         00(0%)                1299(15.7%)            105(11.8%) 
लर्निंग पीसी ड्राइव 2734(11.5%) 687(4.7%)           02(12.5%)             1945(23.5%)            100(11.3%) 
प्रोजेक्टर    6340(26.7%)          2337(16.1%)          08(50%)             3785(45.8%)             210(23.7%) 
स्मार्ट क्लास/बोर्ड 4171(17.6%) 2013(13.8%)        01(6.3%)             2068(25%)                 89(10%) 
मोबाईल      4208(17.7%)       951(6.5%)              02(12.5%)          2954(35.8%)              301(33.9%) 
आईटीसी लैब 5886              2254(38.3%)/2851(48.4%)      01(1.7%)/02(13.3%)
03July-2023

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