सोमवार, 24 जुलाई 2023

मंडे स्पेशल: पानी के नाम पर जहर पीने को मजबूर प्रदेश के लोग

प्रदेशभर में 66 फीसदी पानी के नमूनों में मिले विषाक्त तत्व 
झज्जर समेत 13 जिलों की जलापूर्ति के 50 फीसदी से ज्यादा नमूने फेल 
ओ.पी. पाल.रोहतक। प्रदेश सरकार जल जीवन मिशन के तहत भले ही राज्य में 29 लाख घरों तक जल नल के जरिए पेयजल पहुंचाने का दावा कर रही हो, लेकिन यह जलापूर्ति आमजन की सेहत पर भारी पड़ रही है। गांवों ही नहीं शहरों में भी गंदे व दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। पब्लिक लगातार अफसरों से शिकायत भी कर रही है, लेकिन समाधान होने की बजाए हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। जल जीवन मिशन की रिपोर्ट भी कहती है कि प्रदेश में जांच के लिए भेजे गए पेयजल के नमूनों में करीब 66 फीसदी फेल हैं, जिनमें झज्जर जिले का पानी सबसे जहरीला पाया गया है। मसलन पानी में बीमारियों को बढ़ावा देने वाले जहरीले तत्वों का मिश्रण पाया गया है। इस पानी में पानी कैंसर से किड़नी तक की बीमारी देने फ्लोराइड जैसे कई विषाक्त तत्व घुले पाए जा रहे हैं। यानी लोग जल के नाम पर जहर पीने को मजबूर है। राज्य सरकार जलापूर्ति को घर घर तक पहुंचाने और दूषित जल के शुद्धिकरण के लिए करोड़ो रुपये खर्च कर रही है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश के लगभग सभी जिलों के पानी में फ्लोराइड जैसा खतरनाक जहर का मिश्रण है तो वहीं 16 जिलों में के जल में आर्सेनिकयुक्त जैसे तत्व बीमारियां बांट रहे हैं। यदि दूषित जल की रिपोर्ट पर गौर करें तो अधिकांश जिलों के लोग आर्सेनिक, यूरेनियम, कैडमियम, क्रोमियम और बैक्टिरियल कंटेमिनेशन जैसे विषैले जल का इस्तेमाल करने को मजबूर है। 
रियाणा में पेयजल के स्रोतों में सरकार की जलापूर्ति के अलावा हैंडपंप, ट्रयूबवैल भी शामिल है, लेकिन नल से घर घर पहुंचने वाला पानी अधिकांश नहरी पानी है। प्रदेशवासियों को स्वच्छ और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति का विस्तार करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों तक भी नई पाइप लाइन बिछाने का काम पर करोड़ो खर्च कर चुकी है। मिशन में दूषित जल के परीक्षण कर उसके शुद्धिकरण के लिए भी संयंत्र लगाए जा रहे हैं। मौजूदा वर्ष के लिए राज्य सरकार ने शुद्ध पेयजल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए राज्य के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को 5017 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जिसमें 200 करोड़ रुपये शहरों की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज सिस्टम स्थापित करने के लिए है। जहां तक घरो में दूषित जलापूर्ति का सवाल है इसका मुद्दा विधानसभा में उठा था, जिसके लिए सरकार ने एक समिति गठित की। जबकि जन शिकायत पर पानी के नमूने लेकर उनका परीक्षण करने की भी प्रदेश में व्यवस्था है। जल परीक्षण के नमूनों की जांच के अधिकांश नतीजे भी हैरान कर रहे हैं। जल जीवन मिशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों के विभिन्न क्षेत्रों से जल के 24712 नमूनों की जांच की गई, जिनमें 16218 नमूनों में खतरनाक तत्व पाए गये यानी 65.64 फीसदी पानी के नमूने ऐसे थे, जो पीने लायक नहीं हैं और बीमारियों को आमंत्रण देने वाले हैं। 
झज्जर में पीने लायक नहीं पानी 
जल जीवन मिशन की टीम ने ड्रिंकिंग वॉटर टेस्टिग के लिए हरियाणा के ग्रामीण जल आपूर्ति के स्रोतों, वॉटर सप्लाई पाइंट के साथ सार्वजनिक और निजी जल निकायों को मिलकार हरियाणा से 77 हजार से ज्यादा नमूने लिये थे, जिनमें अभी तक 24712 नमूनों की जांच के नतीजे सामने आ चुके हैं। इनमें से 16218 नमूनों में विषैले तत्वों का मिश्रण पाया गया है। इन नमूनों के नतीजों के अनुसार फरीदाबाद को छोड़कर बाकी सभी जिलों के पानी के नमूनों में बीमारी को दावत देने वाले खतरनाक तत्वों का मिश्रण पाया गया है। इसमें झज्जर जिले के पानी के नमूनों के परीक्षण के बाद 91.84 फीसदी नमूनों में विषाक्त तत्व पाए गये हैं। इसके अलावा जींद जिले में पानी के 80.25 फीसदी नमूने फेल हो गये हैं। इसके अलावा पंचकुला में 79.6, अंबाला में 78.3, यमुनानगर में 77.34, पानीपत में 77.1, सोनीपत में 76.55, हिसार में 74.82, फतेहाबाद में 71.89, रोहतक में 71.24, कैथल में 70.10 भिवानी में 68.34, करनाल में 66.75, रेवाडी में 57.92, कुरुक्षेत्र में 57.30 और सिरसा में 50.93 फीसदी पानी के नमूनों में आर्सेनिक, मरकरी, यूरेनियम की मात्रा अधिक पाई गई है। बाकी जिलों में 50 फीसदी से कम नमूने विषाक्तयुक्त पाए गये हैं, इनमें सबसे कम 6.67 फीसदी नमूने महेंद्रगढ़ जिले में फेल हुए हैं। 
प्रदेश में 170 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट 
दूषित जल का शोधन करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार प्रदेश में अब तक हरियाणा में 170 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का दावा कर रही है, जिसमें प्रतिदिन 1985 मिलियन लीटर अपशिष्ट जल उत्पन्न करते हैं। इस समय 187 एमएलडी उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग गैर-पेय उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। सरकार ने उन क्षेत्रों के लिए उपचारित अपशिष्ट जल के उपयोग के लिए टैरिफ भी अधिसूचित की है, जिसका किया है, जिसका जल हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा अनिवार्य से उपयोग करने का प्राविधान किया गया है। इसके बावजूद दूषित पेयजल की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। 
जलापूर्ति में सुधार के प्रयास 
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल में कहा है कि सरकार प्रदेश में जलापूर्ति में सुधार की दिशा में काम कर रही है। हर इंसान को शुद्ध पेयजल मुहैया हो सके इसके लिए सरकार ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से 271 नहर आधारित जल घर तथा 229 नलकूप आधारित जल घर स्थापित किये हैं। इसके अलावा 1457 करोड़ रुपये खर्च करके अन्य 4774 नलकूप और 1246 बूस्टिंग स्टेशन स्थापित किये। जबकि जलापूर्ति का विस्तार करने की दिशा में 3299 करोड़ रुपये की लागत से 19,515 किलोमीटर लम्बी पेयजल पाइप लाइनें बिछाई गई है, जिनके जरिए प्रदेश के करीब 29 लाख घरों में नल कनेक्शन के जरिए पानी पहुंच रहा है। दूषित जल का शोधन करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाए जा रहे हैं। 
भूजल में खुला ज्यादा जहर 
 हरियाणा में भूजल संकट इससे भी ज्यादा गहराता रहा है, जहां कुल 141 ब्लॉकों में से 85 ब्लॉक डार्क जोन में आ चुके हैं। वहीं हरियाणा में पानी के संकट की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि प्रदेश के 14 जिलों अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, हिसार, झज्जर, भिवानी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत, पानीपत और जींद का पानी पाताल में पहुंच गया है। 
 ----- टेबल 
हरियाणा में पेयजल की जांच 
जिला                जांच    पास    फेल ( प्रतिशत)
अंबाला:            1198    260     938 
भिवानी :          1118    354    764 
चरखी दादरी:   594     362     232 
फरीबादाबाद : 175      175    000 
फतेहाबाद :    1046    294    752 
गुरुग्राम :       676      483    193 
हिसार :       1128     284    844 
झज्जर :     1703     139   1564 
जींद :           1575     281  1264 
कैथल :        1077     322   755 
करनाल :    1594    530   1064 
कुरुक्षेत्र :      1431    611    820 
महेंद्रगढ़ :    1080   1008    72 
नूंह(मेवात): 566      413   153 
पलवल :      633     333    300
पंचकूला :    647    132    515 
पानीपत :   1570   361   1209
रेवाड़ी :       1281  539     742 
रोहतक :    379     109     270
सिरसा :     1127     553    574 
सोनीपत :  2384    559    1825 
यमुनानगर :1730  392    1338 
 ------------------------------------------------ 
कुल          24712  8494    16218 
-------------------------------------------- 
24July-2023

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें