बुधवार, 24 मई 2023

मंडे स्पेशल: मिशन एडमिश्न: सबको मिलेगा दाखिला, नौनिहालों के लिए कॉलेज तैयार

प्रदेश के उच्च संस्थानों में लड़को से ज्यादा लड़कियों की सीटे निर्धारित 
ओ.पी. पाल.रोहतक। प्रदेश में बाहरवीं का परीक्षा परिणाम आने के बाद बच्चों का उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए मिशन एडमिशन शुरू हो गया है। केवल बच्चें ही नहीं अभिभावक भी अपने लाडले के दाखिले को लेकर खासे सक्रिय हैं। ऐसे में सबसे बड़ा असमंजस बना हुआ है कि दाखिला लें कैसे और कहां लें। प्रदेश के एक लाख से ज्यादा बच्चों ने सीबीएसई और 2.10 लाख ने भिवानी शिक्षा बोर्ड से इंटरमिडिएट की परीक्षा पास की है। अब इनके उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग सपने हैं। जिसे पूरा करने के लिए वे किसी संस्थान में अपनी अपने मिशन को पूरा करने के मकससद से दाखिला लेने की तैयारी में जुटे हैं। इन बच्चों के लिए प्रदेशभर के सरकारी और प्राइवेट समेत कुल 643 शिक्षण संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग कोर्स के लिए 7,38,081 सीटें हैं। इसके अलावा अनेक आस पड़ोस के राज्यों के बच्चे भी यहां पढ़ाई करने आते हैं और प्रदेश के बच्चे भी विशेषकर दिल्ली समेत कई राज्यों की ओर उच्च शिक्षा पाने के लिए मुंह करते हैं। 
---- 
हरियाणा सरकार देश के मानव संसाधन विकास में कुशल जनशक्ति का निर्माण करके, औद्योगिक उत्पादकता बढ़ाकर और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उच्च शिक्षा को नई दिशा देने का प्रयास किया है। प्रदेश के बच्चों को देश में उच्च शिक्षा विभाग ने तकनीकी शिक्षा में इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, वास्तुकला, नगर नियोजन, फार्मेसी, अनुप्रयुक्त कला और शिल्प, होटल प्रबंधन और खानपान प्रौद्योगिकी जैसे कोर्स को प्रोत्साहन दिया है। इसी मकसद से बुनियादी ढांचे, और संकाय, शैक्षणिक सुधार, शासन में सुधार और संस्थागत मजबूती में निवेश करके शैक्षणिक संस्थानों और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कदम उठाए हैं, ताकि राज्य में शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित किया जा सके। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रदेश के सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों में विभिन्न कोर्स के लिए पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की सीटे निर्धारित की गई हैं। इसी माह सीबीएसई और हरियाणा शिक्षा बोर्ड के इंटरमिडिएट का परीक्षाफल घोषित हुआ है, जिसमें तीन लाख से ज्यादा उत्तीर्ण बच्चों ने उच्च शिक्षा में अपनी अभिरुचित के कोर्स में प्रवेश लेने की कवायद तेज कर दी है। हालांकि कुछ छात्र प्रदेश से बाहर भी उच्च शिक्षा के लिए रुख करते नजर आ रहे हैं, तो वहीं प्रदेश में अन्य राज्यों के बच्चे भी उच्च शिक्षा ग्रहण करने आ रहे हैं। 
विश्वविद्यालयों 2.35 लाख सीटे 
प्रदेश में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ 15 सरकारी विश्वविद्यालय समेत कुल 42 विश्वविद्यालय संचालित है, जिनमें 24 निजी, तीन डीम्ड और एक प्रतिष्ठित संस्थान के रुप कार्यरत है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में विभिन्न कोर्स के लिए कुल 234546 सीटे निर्धारित है, जिनमें 119497 महिलाओं और 31 ट्रांजेंडरों के लिए आरक्षित हैं। स्टेट यूनिवर्सिटियों में 1,49,555 सीटें, केंद्रीय विश्वविद्यालय में 3,058, निजी विश्वविद्यालयों में 56090, डीम्ड में 18343 तथा प्रतिष्ठा संस्थान में 7500 सीटे तय है। इसके अलावा 335 महाविद्यालयों में 405196 सीटों में जहां 169017 पुरुषों के लिए हैं, तो इससे कहीं ज्यादा 236170 लड़कियों के लिए आवंटित हैं, जबकि नौ सीटें ट्रांजेंडरों के लिए भी तय है। विश्व विद्यालयों और डिग्री कालेजों में तकनीकी और वैज्ञानिक शिक्षा के लिए हालांकि प्रदेश में विश्वविद्यालयों के अलावा इजींनियंरिंग और डिप्लोमा के लिए भी अलग से संस्थान हैं, लेकिन डीग्री कालेज भी बीए, बीएससी, बीकॉम और एलएलबी जैसे कुछ तकनीकी संकाय संचालित कर रहे हैं। 
इंजीनियरिंग कोर्स को भी बढ़ावा
प्रदेश में बच्चों को इंजीनियरिंग बनने के सपने को भी साकार किया जा रहा है, जहां बच्चे अलग अलग क्षेत्र में बीई या बीटेक करके अपने सपने पूरे कर सकते हैं। प्रदेश में सरकार के चार इंजीनियरिंग कालेज समेत कुल 79 इंजीनियरिंग कालेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें बाकी 75 निजी इंजीनियरिंग कालेज है, जिनमें 4015 महिलाओं समेत कुल 28244 सीटे निर्धारित हैं। जबकि सरकारी इंजीनियरिंग कालेज 224 महिलाओं समेत कुल 1869 सीटें है। इसके अलावा प्रदेश में डिप्लोमा इंजीनियरिंग करने वाले बच्चों के लिए 187 पॉलिटेक्निक संस्थान भी संचालित हो रहे हैँ, जिनमें 11865 महिलाओं समेत कुल 70 हजार से ज्यादा सीटें हैं। इनमें 37 सरकारी, तीन सरकार से मान्यता प्राप्त तथा 147 प्राइवेट पॉलिटेक्निक संस्थान हैं। 
बीटेक में बढ़ते कदम 
उच्च शिक्षा के लिए तकनीकी शिक्षा के लिए बच्चों की अधिक रुचित देखी जा रही है, जिसमें प्रदेश में करीब दस हजार से ज्यादा सीटे हैं, इनमें सबसे ज्यादा कंप्यूटर इंजीनियर की सीटें हैं। जबकि तकनीकी संस्थानों में सिविल इंजीनिरिंग, इलेक्ट्रानिक्स कम्युनेक्शन इंजीनिरिंग, सूचना तकनीकी, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, के अलावा फूड टेक्नोलॉली, पैकेजिंग तकनीकी, प्रिंटिंग तकनीकी जैसे प्रौद्योगिक कोर्स के लिए भी प्रेदश के संस्थानों में सीटे निर्धारित हैं। जर्नलिज्म कोर्स और बिजनेस कार्स के लिए बीबीए, बीसीए के अलावा बीएससी मेडिकल में प्रवेश लेने वाले बच्चों के लिए भी करीब सात हजार सीटे विभिन्न संस्थानों में निर्धारित हैं। इसके अलावा बी फार्मेसी के लिए 5360 तो डिप्लोमा फार्मेसी के लिए 5800 सीटे हैं। आर्चिटेक्चर और फाइन आर्ट में स्नातक करने वाले बच्चों के लिए प्रदेश के संस्थानों में 300-300 सीटे तय की गई हैं। 
कला व एक्टिंग में सुपवा की भूमिका 
हरियाणा की लोक कला एवं कलाकारों में रुचि रखने वालों के लिए पं. लखमी चंद सुपवा रोहतक अहम भूमिका निभा रहा है। इसमें विभिन्न कोर्स के लिए 285 सीटे निर्धारित हैं। इनमें आर्चिटेक्चर, फैशन डिजाइनिंग, फाइन आर्ट्स, ऑडियोग्राफी, कोरियोग्राफी, सिनेमाटोग्राफी, एनीमेशन और मल्टीमीडिया, विजुअल आर्ट्स एडिटिंग, एक्टिंग जैसे कोर्स करके डिग्रियां लेने में भी बच्चे आगे आ रहे हैं। 
धर्मकर्म शिक्षा कोर्स प्रदेश में कैथल के महर्षि संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत में रुचि रखने वालों के लिए धर्म कर्म के कोर्स के लिए 400 सीटे तय हैं। इसमें ज्योतिषम्, दर्शनम्, धर्मशास्त्रम्, योगा, वेद, व्याकरणम्, संस्कृत पत्रकारिता और साहित्यम् जैसे कोर्स के लिए 50-50 सीटें हैं। 
---- 
सर्वे में आया चौंकाने वाला आंकड़ा 
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा इसी साल जनवरी में अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण के आंकड़ों में यह खुलासा हुआ कि हरियाणा में उच्च शिक्षा के मामले में मुस्लिमों के नामांकन में 18.9 फीसदी की गिरावट आई है। सर्वे के अनुसार जहां प्रदेश में साल 2019-20 में 12,877 मुस्लिमों ने उच्च शिक्षा के लिए नामांकन कराया था, वहीं 2020-21 में यह संख्या घटकर 10,445 पर आकर रुकी, जिसमें 18.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मसलन राज्य में 2020-21 के दौरान उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों के लिए कुल 10.29 लाख नामांकन हुए, जिनमें मुस्लिम समुदाय के नामांकन की संख्या 10,445 रही, जो कि कुल नामांकन का करीब एक फीसदी है। जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार हरियाणा की आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 7.03 फीसदी है। सर्वे में यह भी जानकारी सामने आई कि पिछले पांच साल में मुस्लिम विद्यार्थियों के नामांकन में यह दूसरी बार गिरावट आई है। इससे पहले 2017-18 में राज्य में उच्च शिक्षा के लिए हुए इस समुदाय के कुल 7,607 नामांकन हुए थे, जो कि 2016 में हुए 17 8,447 नामांकनों से कम थे। 
22May-2023

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें