सोमवार, 15 मई 2023

मंडे स्पेशल: गाड़ियों से भर रहे शहर, पार्किंग-जाम-प्रदूषण संकट की ओर बढ़ रहे हम

हरियाणा में हर दूसरे व्यक्ति के पास है मोटर वाहन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने की जरूरत गुरुग्राम में सबसे ज्यादा वाहनों की भरमार, सर्वाधिक 23.2 फीसदी कॉमर्शियल गाड़ी 
ओ.पी. पाल.रोहतक प्रदेश में शहर मोटर गाड़ियों से अट गए हैं। वाहनों की बढ़ती संख्या से बाजार तो जाम हैं ही, वहीं मोहल्लों व गलियों का भी हाल बेहाल है। आधुनिकता की आंधी दौड़ में मोटर गाड़ी स्टेटस सिंबल बन गई है, जिस पर नियंत्रण न किया गया, तो सड़को पर दौड़ती अंधाधुध गाड़ियों से जहां वायु प्रदूषण की समस्या की चुनौतियां तो बढ़ेगी ही, वहीं एक घर में कई कई वाहन बढ़ रहे तो इसके लिए पार्किंग की व्यवस्था को दुरस्त करना होगा। सरकारी कार्यालय परिसरों की तर्ज पर बाजारों में मल्टी पार्किंग की व्यवस्था करने और वाहनों की ज्यादा खरीद को रोकने जैसी पहलें ही आने वाले समय में आमजन के सामने पेश आने वाली समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है। लेकिन प्रदेश के हालात तो यहां तक पहुंच गये हैं कि प्रदेश की 2.9 करोड़ की अनुमानित आबादी पर 1.2 करोड़ वाहन हो गये हैं यानी हर दूसरे इंसान के पास अपना वाहन है, जिनमें करीब साढ़े दस लाख कॉमर्शियल वाहन पंजीकृत हैं। जबकि एक दशक यानी दस साल पहले 2.3 करोड़ की आबादी पर प्रदेश में पंजीकृत वाहनों की यह संख्या इससे आधी करीब 59.79 लाख थी। वाहनों के पंजीकरण के मामले में प्रदेश का गुरुग्राम जिला सबसे आगे है, जहां सर्वाधिक 14.20 लाख वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 2.67 लाख कॉमर्शियल वाहनों के मामले में भी गुरुग्राम ही अव्वल है। प्रदेश में आबादी बढ़ने से तेज गति से बढ़ती वाहनों की संख्या से सड़कों पर बढ़ते दबाव के साथ वायु प्रदूषण की समस्या तो बढ़ ही रही है, वहीं शहरों और बस्तियों में पार्किंग की समस्या भी विकराल रुप धारण कर रही है। सबसे बड़ी समस्या बिना परमिट के कॉमर्शिल वाहन भी पैदा कर रहे हैं। हालांकि प्रशासनिक व पुलिस तथा आरटीए विभाग ऐसे वाहनों पर शिकंजा कसने का दावा करता आ रहा है, लेकिन ऐसी सड़को पर दौड़त वाहन दुघटनाओं को भी बढ़ावा दे रहे हैं। जहां तक पर्यावरण संरक्षण का सवाल है, उसके लिए राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहत कर रही है और सरकार की नई नीति के तहत 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़को से हटाने के निर्देश भी जारी कर चुकी है। हालांकि राज्य में अब तक करीब 26 हजार इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर आ चुके हैं, जिनमें ज्यादातर तिपहिया और दुपहिया वाहन शामिल हैं। देखने में यह भी आया है कि खासकर तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहन बिना पंजीकरण के भी सवारियों के साथ सड़को पर दौड़ रहे हैं। पिछले दस साल में प्रदेश में पंजीकृत वाहनों की संख्या दो गुणा हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा दुपहिया वाहन हैं। अब तक प्रदेश में कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या 1,19,97,808 पहुंच गई है, जो 31 दिसंबर 2012 को 59,78,110 थी। इस आंकड़े में जिला आरटीए, बीस उपमंडल पंजीकरण प्राधिकरण तथा वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए जिलों में तहसील स्तर पर प्राधिकरण में पंजीकृत वाहनों की संख्या भी शामिल है। गौरतलब है कि प्रदेश में वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए 70 भी ज्यादा आरटीए प्राधिकरण हैं। खासबात ये भी है कि वाहनों के केंद्रीकरण के मामले में हरियाणा देश के अन्य सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशो में पहले स्थान पर है। 
सरकारी खजाने में आया 336.35 अरब का राजस्व 
प्रदेश की सड़को पर भले ही वाहनों की संख्या बढ़ रही हो, लेकिन राज्य सरकार के सरकारी खजाने में पिछले पांच साल के दौरान नए वाहनों के पंजीकरण, परमिट और अन्य वाहन कर के रुप में रविवार यानी 14 मई 23 तक 336 अरब 35 करोड 13 लाख 47 हजार 737 रुपये राजस्व के रुप में जमा कर चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा पिछले साल 2022 के दौरान सर्वाधिक 3240.83 करोड़ रुपये के राजस्व का संग्रह हुआ। जबकि 2021 में यह राजस्व 2482.84 करोड़ से ज्यादा रहा। साल 2019 में नए वाहनों की खरीद की वजह से 2342.34 करोड़ रुपये का राजस्व मिला, लेकिन सरकार को साल 2020 में कोविड़ के दौरान इसके मुकाबले 20.38 फीसदी राजस्व का घाटा भी हुआ। जबकि मौजूदा साल के पहले साढ़े चार माह में सरकार अभी तक 2.99 लाख नए वाहनों के पंजीकरण से 14 मई तक 1379.58 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह प्राप्त हो चुका है, जिसमें 38,571 कामर्शियल वाहन परमिट की राशि भी शामिल है। 
डिफाल्टरों का आंकड़ा भी कम नहीं 
प्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं है, जहां हजारों की संख्या में वाहन मालिक टेक्स डिफाल्टर की सूची में न हो। प्रदेशभीर में ऐसे डिफाल्टरों की सूची में भी सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 189802 और उसके बाद फरीदाबाद में 105660 वाहन सरकार को राजस्वो चूना लगा रहे हैं। सबसे कम 2413 वाहन टेक्स डिफाल्टर चरखी दादरी जिले में हैं। बाकी सभी जिलों में 15 हजार से लेकर 35 हजार तक के वाहन इस सूची में शामिल हैं। 
पन्द्रह साल पुराने वाहनों पर खतरा 
हरियाणा सरकार ने हरियाणा में प्रदूषण फैलाने वाले पुराने और अपेक्षाकृत रूप से कम सुरक्षित वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए निर्देश जारी कर दिये हैं। एनजीटी के निर्देशों के बाद हरियाणा परिवहन आयुक्त पहले से ही 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को एनसीआर से वि-पंजीकृत करने के आदेश जारी कर चुका है। इस प्रकार एनसीआर में दायरे में शामिल 14 जिलों सोनीपत, पानीपत, करनाल, जींद, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद, भिवानी, चरखी दादरी, मेवात, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में ऐसे पुराने वाहनों के डि-रजिस्ट्रेशन का खतरा मंडरा चुका है। राज्य सरकार केंद्र सरकार की व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर पहले ही प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस नए नियम के प्रदेश में सरकारी कंपनियों, स्थानीय निकायों और सरकार के नियंत्रण वाले किसी भी संस्थान के 15 साल पुराने वाहनों का के पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं होगा। राज्य में 15 साल से पुराने वाहनों की संख्या 18 लाख से अधिक हैं। 
कोविड़ काल में आई थी कमी 
हरियाणा में साल 2019 में जहां करीब नौ लाख वाहन खरीदे गये थे, तो कोविड़काल में तेजी के साथ वाहनों की खरीद में 28.96 फीसदी गिरावट देखी गई और करीब छह लाख वाहन पंजीकृत हुए। इसके मुकाबले अगले साल 2021 में चार फीसदी, 2022 में 7.42 लाख यानी 17.01 फीसदी बढ़ोतरी के साथ नए वाहन प्रदेश की सड़को पर उतरे। इस मौजूदा साल 2023 में 14 मई तक 2.99 लाख वाहनों का पंजीकरण हो चुका है। 
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टेबल 
हरियाणा राज्य में पंजीकृत वाहन 
जिला         कु़ल पंजीकृत वाहन   कॉमर्शियल वाहन   दिसंबर 2012 तक पंजी. 
अंबाला :        3,73,920               39,224                   324898 
भिवानी :       2,88,797               45,890                   191837 
चरखी दादरी: 1,50,951               7735 ------- 
फरीबादाबाद : 9,77381              1,81,693                659454 
फतेहाबाद :    2,02,480             18,937                   151468 
गुरुग्राम :       14,19,771           2,66,694                653752 
हिसार :         2,06,453             48,605                   325106 
झज्जर :       1,99,770             41,922                   153283 
जींद :           1,82,135             27,184                   180851 
कैथल :        2,91,130              21,178                   175455 
करनाल :     4,55,524              38,154                  420838 
कुरुक्षेत्र :      2,39,422             19,939                  227805 
महेंद्रगढ़ :    2,92,977             33,040                  148243 
नूंह :           1,13400               32,663                  75442 
पलवल :     1,94,806              22,796                  50083 
पंचकूला :    2,26,357             29023                   174658 
पानीपत :    4,63,099             43,219                  253037 
रेवाड़ी :       3,61,113              48440                  190052 
रोहतक :    3,41,626               63,124                206113 
सिरसा :     3,58,515              23,612                 249592 
 सोनीपत :  2,78500              43,809                 268479 
यमुनानगर: 2,61,449           41,966                 256090 
प्रशासनिक प्राधि.20,92,684     -----                  5,84,573
नोट: (यह आंकड़ा 14 मई 2023 तक का है)
15May-2023

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