शनिवार, 14 अक्तूबर 2023

P-20 शिखर सम्मेलन: महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से संसदीय परंपरा भी समृद्ध होगी: मोदी

संयुक्त संसदीय प्रयासों से निकलेगा चुनौतियों का समाधान: ओम बिरला 
प्रधानमंत्री ने किया पी20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौवें जी20 देशों के संसदीय अध्यक्षों के पी20 शिखर सम्मेलन में कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधायी क्षेत्र में संतुलित नीति निर्माण के लिए आदर्श परिस्थिति सृजित कर महिलाओं के सम्मान को समग्र रूप में बल प्रदान करेगा। वहीं भारत जैसी लोकतांत्रिक देश की संसदीय परंपरा को कहीं ज्यादा समृद्ध की जा सकेगी। यहां नई दिल्ली में शुक्रवार को शुक्रवार को नौवें जी20 देशों के संसदीय अध्यक्ष सम्मेलन (पी20) के उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत हर क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता को बढ़ावा दे रहा है। संसद के विशेष सत्र में पारित किए गये नारी शक्ति वंदन कानून में महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई हिस्सेदारी देने के प्रावधान है, जिससे महिलाओं के सशक्त होने के साथ संसदीय परंपरा को और भी समृद्ध करने में मदद मिलेगी। उन्होंने काह कि भारत की स्थानीय स्व-शासी संस्थाओं में लगभग 50 प्रतिशत निर्वाचित प्रतिनिधि महिलाएं हैं। मोदी ने कहा कि सहभागिता वाले लोकतंत्र में महिलाओं की अधिक संख्या होना महत्वपूर्ण है। 
आतंकवाद दुनिया के लिए एक चुनौती 
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद जहां भी होता, किसी भी कारण, किसी भी रूप में होता वह मानवता के खिलाफ होता है। ऐसे में आतंकवाद को लेकर हम सभी को सख्ती बरतनी होगी। आतंकवाद की परिभाषा को लेकर आम सहमति ना बन पाना बहुत दुखद है और आज भी यूएन भी इसका इंतजार कर रहा है। दुनिया के इसी रवैया का फायदा मानवता के दुश्मन उठा रहे हैं। दुनिया भर के प्रतिनिधियों को सोचना होगा की आतंकवाद के खिलाफ हम कैसे काम कर सकते हैं। आतंकवाद को लेकर हम सभी को लगातार सख्ती बरतने की अपील करते हुए कहा कि भारत कई वर्षों से सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहा है और करीब दो दशक पहले आतंकवादियों ने हमारी संसद को उस समय निशाना बनाया था, जब संसद का सत्र चल रहा था। आज भी आतंकवाद दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसलिए दुनिया की संसदों और उनके प्रतिनिधियों को आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलकर लड़ाई लड़ने के लिए काम करने पर विचार करना होगा। 
आम चुनाव देखने का दिया निमंत्रण 
पीएम मोदी ने कहा भारत में हम लोग आम चुनाव को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। 1947 में आज़ादी मिलने के बाद से अब तक भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव ही नहीं कराता, बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 2019 का आम चुनाव मनाव इतिहास की सबसे बड़ी मानव कसरत थी। इसमें 60 करोड़ वोटर ने हिस्सा लिया। तब भारत में 91 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, जो पूरे यूरोप की कुल आबादी से अधिक है। भारत की यह लोकतंत्र प्रक्रिया यह दिखाती है कि भारत में लोगों का संसदीय प्रक्रियाओं में कितना भरोसा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत चुनावों के दौरान पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए 25 वर्षों से अधिक समय से ईवीएम का उपयोग कर रहा है। 2024 में, आम चुनावों के दौरान लगभग 100 करोड़ या एक बिलियन मतदाता अपना वोट डालने जा रहे हैं। वह सभी प्रतिनिधियों को अगले आम चुनाव देखने के लिए भारत आने के लिए आमंत्रित करते हैं। 
समकालीन चुनौतियों के समाधान पर मंथन का मंच 
पी20 शिखर सम्मेलन में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बिरला ने कहा कि यह सम्मेलन लोकतांत्रिक मूल्यों, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक महत्व के विषयों और समकालीन चुनौतियों के समाधान के लिए संयुक्त संसदीय प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसका यह भी कारण है कि भारत की अध्यक्षता में हाल ही में संपन्न हुए जी20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली लीडर्स डेक्लरैशन को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया, जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक दृष्टिकोण और सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों की वैश्विक मुद्दों पर प्रतिबद्धता और एकजुटता को दर्शाता है। बिरला ने कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता समावेशी, आकांक्षी, कार्य-उन्मुख, निर्णायक और जन-केंद्रित रही है। 
कोरिया की स्पीकर के साथ द्विपक्षीय भेंट 
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर कोरिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के स्पीकर किम जिन-प्यो से भेंट की। बिरला ने उन्हें बताया कि वर्ष 2023 भारत और कोरिया दोनों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत और कोरिया गणराज्य के बीच बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी है। राजनीति, व्यापार, निवेश, रक्षा, संस्कृति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हमारे संबंध मजबूत हुए हैं। बिरला ने इस बात का उल्लेख भी किया कि बौद्ध भिक्षुओं की यात्राओं और ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से बौद्ध धर्म ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने भारत और कोरिया गणराज्य के बीच संसदीय सहयोग को और बढ़ाए जाने पर जोर दिया। 
14Oct-2023

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