मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021

मंडे स्पेशल: कोरोना के बाद जहरीला हुआ डेंगू का डंक

अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की तादाद 
रोजाना कोरोना से कई गुना आ रहे हैं डेंगू के मामले 
 ओ.पी. पाल.रोहतक। कोरोना का डर अभी गया भी नहीं था कि प्रदेश में डेंगू ने पांव पसार लिए हैं। मच्छरजनित धीरे-धीरे पूरे प्रदेश को चपेट में ले लिया है। डेंगू के डंक और बुखार से अब तक 70 से ज्यादा मौतों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें जिला नूहं में 18, पलवल में कब्बड़ी खिलाड़ी समेत 41, महेन्द्रगढ़ में तीन के अलावा जींद, पंचकूला, रेवाड़ी, पानीपत व सोनीपत में दो-दो के अलावा सिरसा व पंचकूला में एक-एक मौत शामिल है। हालात ये हैं कि रफ्ता-रफ्ता राज्यभर के अस्पताल बुखार पीडितों से भर रहे हैं। हालांकि डेंगू का डंक बढते ही स्वास्थ्य अमला सक्रिय तो हुआ है, लेकिन अभी बीमारी पर नियत्रंण होता नजर नहीं आ रहा है। राज्य डेंगू के करीब ढ़ाई हजार रोगी मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा खराब हालात पंचकूला की है, जहां सर्वाधिक 297 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। जबकि सिरसा में डेंगू मरीजों का आकंडा 200 के पार है, तो वहीं गुरुग्राम में 166 मरीज मिले हैं। ऐसे कई जिले हैं जहां 100 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पैर फूले हुए हैं। असल में सरकारी अमले के पास मच्छर से निपटने को पूरे अस्त्र-शस्त्र ही नहीं हैं। महज कुछ ही इलाकों में धुआं उडाकर मच्छर को खदेडने के प्रयास हो रहे हैं। इसी लिए जरूरी है कि आम आदमी इसके प्रति जागरूक हो और मच्छर को न पनपने दे। 
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हरियाणा में कोरोना के इस भयावह दौर में डेंगू के मामलों में कई गुना वृद्धि हो चुकी है। प्रदेश एक सितंबर को डेंगू के महज 40 मामले थे, जो 17 अक्टूबर तक पुष्टि किये गये 2381 तक पहुंच गये हैं, हालांकि प्रदेश में डेंगू मरीजों का आंकड़ा इससे भी कहीं ज्यादा बताया जा रहा है। मसलन राज्य में कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों से कई गुना रोजाना डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। डेंगू के डंक ने प्रदेश के जिलों पंचकूला, सिरसा, फरीदाबाद, नूहं, गुरुग्राम, सोनीपत, महेन्द्रगढ़, कैथल, करनाल, फतेहाबाद व अंबाला में अब तक डेंगू के 100 से ज्यादा डेंगू के मामलों ने कहर बरपा रखा है। हालांकि डेंगू और बुखार के कारण अब तक हुई 70 से ज्यादा मौतों में 42 पलवल और 18 नूंह जिले में हुई हैं। इसके अलावा जींद, महेन्द्रगढ़, पंचकूला, पानीपत, सोनीपत, रेवाड़ी फरीदाबाद में भी डेंगू से मौते हो चुकी हैं। प्रदेश में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के कारण स्वास्थ्य विभाग भी सक्रीय है, लेकिन इससे पहले कोरोना नियंत्रण करने पर फोकस के कारण स्वास्थ्य विभाग शायद वेक्टर जनित रोगों की योजना तैयार नहीं कर सका। हालांकि विशेषज्ञों की माने तो देरी से मानसून और जलवायु परिवर्तन भी प्रदेश में डेंगू के तेजी से पैर पसारने का बड़ा कारण हो सकता है। 
मोबाइल टीमें सक्रीय 
स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जहां सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त इलाज और सरकारी अस्पतालों में प्लेटलेट्स की मुफ्त प्रक्रिया शुरू की है। वहीं निजी अस्पतालों से प्लेटलेट्स की व्यवस्था के लिए दरें भी निर्धारित की हैं। वहीं जिलों में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीमें गठित की गई है, जो लगातार मच्छरों के प्रजनन और विकास की जांच करने के साथ मच्छरों को भगाने के मकसद नियमित फॉगिंग करा रही हैं। 
निजी अस्पतालों में मरीजों का आंकड़ा ज्यादा 
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की तुलना में बुखार के कारण लोग निजी अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं, जहां हर रोज आने वाले मरीजों का का आंकड़ा चौंकाने वाला है। इसका कारण भी साफ है कि सरकारी अस्पतालों में वह सुविधा नहीं है, जो निजी अस्पतालों में मौजूद है। प्रदेश के हलकान स्वास्थ्य विभाग भी मानता है कि उसके पास मच्छर से लड़ने की प्रर्याप्त व्यवस्था नहीं है, महज फोगिंग करने और डेंगू से सावधान करने और बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के अलावा। यहीं कारण है कि प्लेटलेट्स और अन्य इलाज के लिए मरीजों को दिल्ली या अन्य शहरों में ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
बढ़ी बकरी के दूध की मांग 
प्रदेश में डेंगू मच्छर का प्रकोप जिस प्रकार बढ़ रहा है, उसकी के साथ बकरी के दूध की मांग भी बढ़ने लगी है। जिलों से खबर आ रही है कि 50 रुपये लीटर मिलने वाला दूध अब 300 से 400 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से मिल रहा है। एक मान्यता है कि बकरी का दूध मानव शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने में फायदेमंद है, जबकि चिकित्सक इस बात को नकारते रहे हैं। 
अब तक सत्तर की मौत
-जींद के सफीदों में दो की मौत 
-महेंद्रगढ में तीन की संदिग्ध मौत 
-नूंह में इस साल अब तक 18 की मौत 
-पलवल में दो माह में बुखार से 41 मौत, डेंगू से पिछले सप्ताह कब्बडी प्लेयर विजेन्द्र की मौत 
-पंचकूला में दो महिलाओं की मौत 
-पानीपत में सितंबर को2 सगे भाइयों की मौत 
-रेवाडी मे एक बच्ची व दादी की मौत 
-सिरसा में दसवी की 15 साल की किशोरी की मौत 
-सोनीपत में 24 साल की डेंगूग्रस्त महिला की संदिग्ध मौत 
डेंगू बुखार के प्रकार 
क्लासिकल बुखार: बुखार होने पर उल्टी करने का मन करता है, जोड़ों में दर्द होने लगता है और शरीर तप जाता है। हालांकि यह बुखार सामान्य ही माना जाता है, लेकिन तीन दिन तक अगर बुखार में आराम न हो और स्थिति ज्यों की त्यों बनी रहे तो इंसान के लिए घातक सिद्ध होता है। बुखार होते ही डासॅक्टर से जांच करवाएं और सभी प्रकार के टेस्ट बिना किसी देरी के करवाएं। 
हेमरेजिक बुखार: यह बुखार होने पर शरीर पर लाल और गुलाबी निशान पड़ जाते हैं। डॉक्टर इस बुखार को डेंगू की खतरनाक स्टेज मानते हैं। प्लेटलेट्स कम होने पर नाक से खून बहना और खून की उल्टी होना इसके लक्षण होते हैं। सामान्य तौर पर डेंगू होने के कई दिन बाद यह स्थिति पैदा होती है, समय पर इलाज शुरू नहीं करवाने से यह स्टेज आती है। इसके बाद डॉक्टर्स द्वारा शरीर में खून के प्लेटलेट्स चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
डेंगू के लक्षण 
अचानक तेज बुखार सिर में आगे की और तेज दर्द आंखों के पीछे दर्द और आंखों के हिलने से दर्द में और तेजी मांसपेशियों (बदन) व जोडों में दर्द स्वापद का पता न चलना व भूख न लगना। छाती और ऊपरी अंगो पर खसरे जैसे दानें चक्कपर आना जी घबराना उल्टी आना
ऐसे करें बचाव 
-घर के आसपास पानी जमा न होने दें। इसी में मच्छर पैदा होते हैं। 
-घरों में सोते समय मच्छरदानी और मॉस्कीटो क्वाइन जलाकर सोएं। 
-मच्छरों से बचने के लिए दिन या रात में शरीर को पूरी तरह ढांपकर सोएं। 
 -घर में रखे गमलों में भी पानी जमा न होने दें, कूलर को भी साफ रखें। 
-इन मच्छरों की खास बात है कि ये इंसान के घुटनों से ऊपर ही काटते हैं। 
-ये मच्छर दिन में इंसान को अपना शिकार बनाते हैं। 
ऐसा होता है डेंगू फैलाने वाला मच्छर 
-डेंगू बुखार एडीज नाम के मादा मच्छर के काटने से होता है।
-इन मच्छरों के शरीर पर धारियां होती हैं। 
-इन मच्छरों की खास बात यह होती है कि इनकी आयु केवल दो सप्ताह ही होती है 
-चार तरह के फ्लेवीवाइराइड वायरस शरीर में जाने से डेंगू होता है और मादा एडीज मच्छर इस वायरस के वाहक होते हैं। 
-ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। 
-ये मच्छर आम मच्छरों के मुकाबले आकार में बड़े होते हैं।
मादा ही क्यों फैलाती है डेंगू 
मादा मच्छर को अंडे देने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है। ये प्रोटीन इंसान के शरीर से ग्रहण करते हैं। इसलिए मादा मच्छर ही इंसान पर हमला करतीं है। दूसरी बात यह कि नर मच्छर प्रोटीन की पूर्ति पौधो से कर लेते हैं। 
हरियाणा में डेंगू के मामले
जिला            डेंगू मामले 
अंबाला                102 
भिवानी                50
फरीदाबाद         159 
फतेहाबाद         155 
गुरुग्राम          166 
हिसार              68 
झज्जर            44 
जींद                67 
कैथल            111 
करनाल         106 
कुरुक्षेत्र           74 
महेन्द्रगढ़      103 
नूहं               136 
पलवल          17 
पंचकूला       297
पानीपत         30 
रेवाडी            56 
रोहतक         63 
सिरसा       200 
सोनीपत    112 
यमुनानगर 67 
चरखी दादरी 45
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कुल          2381
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18Oct-2021

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