गुरुवार, 6 जून 2024

विश्लेषण: दागियो व करोड़पतियों से सराबोर नजर आएगी 18वीं लोकसभा

लोकसभा में इस बार सबसे ज्यादा बढ़े आपराधिक पृष्ठभूमि और करोड़पति सांसद 
महिलाओं की संख्या निचले सदन में फिर हुई कम, 214 दोबारा चुनकर आए सांसद 
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। देश में 18वीं लोकसभा के गठन की तैयारियां तेज हो गई है। इस बार लोकसभा के निर्वाचित 543 सदस्यों में पिछली लोकसभा चुनाव की तुलना में आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े और धनकुबेर सांसदों की संख्या में ज्यादा इजाफा दर्ज किया गया है। वहीं संसद में महिला आरक्षण संबन्धी विधेयक पारित होने के बावजूद इस बार महिला सांसदों की संख्या में भी कमी आई है। चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने की वजह से एक दशक बाद फिर गठबंधन सरकार बनने जा रही है। भाजपानीत राजग सरकार में नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेंगे। 
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने इस बार सबको चौंकाया है। भाजपा के 240 सदस्यों समेत राजग गठबंधन के 293 और कांग्रेस के 99 सदस्यों समेत विपक्षी इंडिया गठबंधन के 234 सदस्य ही लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। राजग गठबंधन में भाजपा के अलावा तेदेपा के 16, जदूय के 12, शिवसेना(शिंदे) के 07, लोजपा के 5, रालोद, जनसेना पार्टी और जद-एस के 2-2 के अलावा असम गण परिषद, हम, राकांपा, अपना दल(एस), सिक्किम क्रांति पार्टी, अजसू और यूपपीपीएल के एक 1-1 सदस्य निर्वाचित हुआ है। जबकि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के अलावा सपा के 37, तृणमूल कांग्रेस 29, डीएमके के 22, शिवसेना(उद्धव) के 9, राकांपा(शरद पवार)के 8, सीपीआईएम और राजद के 4-4,आईयूएमएल, आप और झामुमो के 3-3, जेकेएनसी, सीपीआई(एमएल), सीपीआई और वीकेओ के 2-2, केरल कांग्रेस, आरएलटीपी, एमडीएमके, आरएसपी और बीएपी के 1-1 सदस्य को जीत हासिल हुई है। 
महिला सांसदों में आई कमी 
संसद में महिला आरक्षण संबन्धी नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित होने के बावजूद इस बार लोकसभा में महिला सांसदों में गिरावट दर्ज की गई। चुनाव मैदान में उतरी 801 महिला उम्मीदवारों में से केवल 74 महिलाएं ही निर्वाचित हुई है, जिनकी संख्या साल 2019 के चुनाव में 78 थी, जो भारतीय लोकसभा के अभी तक हुए चुनाव में सबसे ज्यादा थी। यदि सभी लोकसभा चुनाव का विश्लेषण किया जाए तो आजादी के बाद पहले चुनाव में किसी महिला ने चुनाव नहीं लड़ा। दूसरी लोकसभा में 22, तीसरी में 31, चौथी में 29, पांचवी में 21, छठी में 19, सातवीं में 28, आठवीं में 43, नौवीं मे 29, दसवीं मे 38, ग्यारहवीं में 40, बारहवीं मे 43, तेरहवीं में 49, चौदहवीं में 45, पन्द्रहवीं मे 59, सोलवीं में 64 महिला सांसद निचले सदन में पहुंची हैं। 
दागियों की संख्या में इजाफा 
लोकसभा के नवनिर्वाचित 543 सदस्यों में से 251 यानी 46 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। राजनीति और चुनाव का विश्लेषण करने वाली गैरसरकारी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी (एडीआर) के अनुसार लोकसभा में इस बार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले सदस्यों की संख्या पिछले कई दशकों में सबसे ज्यादा है। इनमें 27 विजयी उम्मीदवारों ने अपने नामांकन के समय दोषसिद्ध होने की घोषणा की थी, वहीं चुनाव आयोग में दाखिल शपथपत्रों के अनुसार निर्वाचित चार सदस्यों के खिलाफ हत्या, 27 के खिलाफ हत्या के प्रयास, 15 सदस्यों के खिलाफ बलात्कार और महिलाओं के प्रति अत्याचार के अलावा चार के खिलाफ अपहरण जैसे संगीन मामले भी लंबित चल रहे हैं, जिनमें जिनमें दो सदस्यों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का आरोप है। गौरतलब है कि साल 2019 के चुनाव 233 यानी 43 फिसदी नवनिर्वाचित सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की थी। जबकि साल2014 में यह संख्या 185 यानी 34 प्रतिशत, 2009 में 162 यानी 30 प्रतिशत तथा 2004 में 125 यानी 23 प्रतिशत सदस्य दागियों की सूची में शामिल थे। इस विश्लेषण के तहत 2009 के बाद से आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा करने वाले सांसदों की संख्या में 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इन नवनिर्वाचित हुए 251 दागी सदस्यों में से 170 यानी 31 प्रतिशत के खिलाफ दुष्कर्म, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे संगीन आपराधिक मामले लंबित है, जिनमें इस बार 2009 के बाद 124 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। 
किस दल के सबसे ज्यादा दागी 
लोकसभा में निर्वाचित दागी सदस्यों में सबसे ज्यादा 94 सांसद भाजपा के हैं, जबकि कांग्रेस के 49, सपा के 21, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके 13-13, जदयू के 12, तेदेपा के 8, शिवसेना के 5, राजद के 4, शिवसेना (उद्धव) और आईयूएमएल, 3-3, राकांपा(शरद पवार), रालोद, लोजपा, सीपीआईएम, जनसेना पार्टी, सीपीआई(एमएल), जद-एस, सीपीआई, 2-2 के अलवा वाईएसआर, आप, झामुमो,वीसीके, यूपीपीएल, एजीपी, हम, केरल कांग्रेस, आरएसपी, आरएलटीपी, बीएपी, अपनादल (कमेरावादी), अपना दल (सोनेवाल), अजसू और एआईएमआईएम 1-1 सदस्य आपराधिक पृष्ठभूमि वाले सदस्यों की फेहरिस्त में शामिल हैं। वहीं सात निर्दलीय सांसदों में पांच के खिलाफ आपराधिक दाग है। 
सबसे ज्यादा करोड़पति सांसद निर्वाचित 
लोकसभा में इस बार करोड़पति सांसदों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यानी कुल 543में से 504 यानी 93 फीसदी विजेता उम्मीदवार करोड़पतियों की फेहरिस्त में शामिल हैं। ऐसे सांसदों में भी सबसे ज्यादा भाजपा के 240 में से 227 सांसद करोड़पति हैं। करोड़पति सांसदों के मामले कांग्रेस दूसरे पायदान पर है, जिसके 92 सदस्य करोड़पतियों की श्रेणी में हैं। करोड़पति विजेता प्रत्याशियों ने एक करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। लोकसभा चुनाव 2024 के हर विजेता उम्मीदवार के पास औसतन 46.34 करोड़ रुपये की संपत्ति है। दलवार आंकड़ों पर गौर करें तो भाजपा के 240 विजेता उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 50.04 करोड़ की है। 
तेदेपा का सांसद सबसे अमीर 
लोकसभा चुनाव में निर्वाचित होने वाले करोड़पति सांसदों में सबसे अमीर 5705 करोड़ की संपत्ति के साथ आंध्र प्रदेश की गंटूर लोकसभा से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे तेदेपा के डा. चन्द्रशेखर पेम्मासानी शामिल हैं। जबकि तेलंगाना की चेवेल्ला सीट से भाजपा के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी निर्वाचित होने वाले अमीर सांसदों में दूसरे पायदान पर हैं। हरियाणा के कुरुक्षेत्र सीट से सांसद निर्वाचित हुए भाजपा के नवीन जिंदल 1241 करोड़ की संपत्ति घोषित करके तीसरे पायदान पर हैं। वहीं सबसे गरीब सांसदों में पश्चिम बंगाल की पुरुलिया सीट से जीते भाजपा के सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो के पास केवल पांच लाख की संपत्ति है। जबकि पश्चिम बंगाल की आरामबाग सीट से निर्वाचित 7.84 लाख की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर है। तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश की मछलीशहर सीट से विजेता उम्मीदवार प्रिया सरोज ने अपनी संपत्ति 11.25 लाख रुपये घोषित की है। 
सबसे ज्यादा शिक्षित सांसद 
अठारहवीं लोकसभा के चुनाव में स्नातक या उससे ज्यादा शैक्षिक योग्यता वाले सांसदों की संख्या 420 यानी 77 प्रतिशत दर्ज की गई है, जिनमें 17 सांसद डिप्लोमाधारी और 28 डाक्टर हैं। जबकि 105 यानी 19 प्रतिशत निर्वाचित सांसदों की शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच है। निर्वाचित हुए सांसद ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर बताई है।
सबसे युवा सात सांसद 
लोकसभा चुनाव में निर्वाचित 543 सांसदों की आयु का विश्लेषण किया जाए तो, इसमें 25-30 आयु वर्ग के सात, 31-40 के 51, 41 50 के 114, 51-60 के 166, 61-70 के 161, 71-80 के 43 तथा 81-90 आयु वर्ग का केवल एक सदस्य ही निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचा है। मसलन इस बार 25 से 40 साल की आयु वर्ग के 58 यानी 11 प्रतिशत सदस्य निचले सदन में नजर आएंगे। 
06May-2024

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें