बुधवार, 19 अप्रैल 2023

हैदराबाद के सौंदर्य को नया आयाम देगा तेलंगाना का नया सचिवालय

तीस अप्रैल को हुसैन सागर के तट पर नए भवन का होगा उद्घाटन 
ओ.पी. पाल 
हैदराबाद से लौटकर। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में विश्व में सबसे ऊंची 125 फुट की डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का रिकार्ड दर्ज करने के बाद ऐतिहासिक वास्तुकला के साथ बनाया गया तेलंगाना का नया सचिवालय इस ऐतिहासिक एवं खूबसूरत शहर की खूबसूरती को नया आयाम देने का तैयार है। हैदराबाद में इस नए सचिवालय 30 अप्रैल को होने वाले उद्घाटन के लिए तैयार है। खुद मुख्यमंत्री केसीआर कई बार नए सचिवालय के निर्माण का निरीक्षण कर चुके हैं। आंध्र प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आने के बाद तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद को ऐतिहासिक एवं खूबसूरती के रुप में विकसित हो रहा है। इसी खूबसूरती को नए आयाम देने के लिए हैदराबाद में हुसैन सागर के तट पर तेलंगाना का नया सचिवालय बनकर तैयार हो चुका है, जिसका उद्घाटन 30 अप्रैल को राज्य के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव करेंगे। इंडो-सरसेनिक शैली में 616 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह नया सचिवालय भवन देखने में इंद्रभवन की तरह नजर आ रहा है, जिसमें गंगा जमुनी तहजीब दिखती है। मसलन सचिवालय भवन के भीतर मंदिर, मस्जिद और चर्च के लिए अलग-अलग जोन तैयार कराए गये हैं। वहीं 26.98 एकड़ क्षेत्रफल में फैले सचिवालय में ऐतिहासिक चार मीनार और गोलकुंडा किले के साथ-साथ एक अद्वितीय वास्तुशिल्प भी आकर्षण का केंद्र होगा। सचिवालय के बगल में विश्व की सबसे ऊंची 125 फीट वाली संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा, भवन के उत्तर की ओर एनटीआर गार्डन तथा सचिवालय के ठीक सामने लुंबिनी पार्क देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। सबसे खासबात यह भी है कि हुसैन सागर के पानी में इस सचिवालय का प्रतिबिम्ब साफ नजर आता है। यह कहने में भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आइकॉनिक स्ट्रक्चर का हब के रुप में विकसित होते हुसैन सागर का तट हैदराबाद की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है। राज्य सरकार ने यह संरचना हैदराबाद में तेलंगाना की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतिबिंब के रूप में पूरी की है। सचिवालय भवन को 150 वर्षों तक चलने के लिए डिजाइन किया गया है। 
कैसा है सचिवालय 
तेलंगाना के नए सचिवालय का निर्माण नीलकंठेश्वर मंदिर, वनपर्थी पैलेस और सारंगपुर हनुमान मंदिर से प्रेरणा लेकर बनाया गया है। इस भवन पर कुल 34 गुंबद लगाए गये हैं। पूर्व और पश्चिम की ओर भवन के केंद्र में दो बड़े गुंबद हैं, जिन पर राष्ट्रीय चिन्ह स्थापित हैं। यही नहीं नए सचिवालय में तिरुपति की मूर्तियां भी लगाई जा रही हैं। इसके अलावा सचिवालय में गणपति, सुब्रह्मण्यस्वामी, अभयंजनयस्वामी, सिम्हा, नंदी और शिवलिंग की पत्थर की मूर्तियां भी लगाई जाएंगी। इन देवी-देवताओं की मूर्तियों को तमिलनाडु के कांची क्षेत्र की काली चट्टानों का इस्तेमाल करके बनाया जा रहा है। सचिवालय भवन को चेन्नई स्थित आर्किटेक्ट्स पोन्नी कॉन्सेसाओ और ऑस्कर कॉन्सेसाओ द्वारा सचिवालय भवन को 150 वर्षों तक चलने के लिए डिजाइन किया गया है, जो भवन की गुंबदों के साथ इंडो-इस्लामिक वास्तुशिल्प के मिश्रित संरचना से इंडो-सरसेनिक शैली में प्रतीत होता है। सचिवालय भवन में आगंतुकों के लिए सहायक भवनों, पुलिस कर्मियों, अग्निशमन विभाग, क्रेच, उपयोगिता भवन जैसे निर्माण को भी किया गया है। इसके अलावा लैंडस्केपिंग, पत्थर के फुटपाथ के साथ हार्डस्केप और लॉन, देशी पेड़, फव्वारे, वीवीआईपी, कर्मचारियों और अन्य लोगों के लिए पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह की योजना के तहत निर्माण किया गया है। 
अंबेडकर की प्रतिमा का नया किर्तिमान 
तेलंगाना सरकार ने नए सचिवालय के साथ स्थापित की गई डा. भीमराव अंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण पिछले सप्ताह 14 अप्रैल को राज्य के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव और डा. अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने किया है। 474 टन वजन की कांस्य की इस प्रतिमा की स्थापना और 26258 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाले इस परिसर के सौंदर्यकरण जैसे विकास पर 146.50 करोड़ खर्च किए गए हैं। इसी परिसर में बुद्ध प्रतिमा और शहीद स्मारक का भी निर्माण किया गया है। खासबात है कि डा. अंबेडकर की इस प्रतिमा ने ऊंचाई के हिसाब से नया कीर्तिमान बनाया है।
19Apr-2023

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