सोमवार, 3 अक्तूबर 2022

मंडे स्पेशल: प्रदेश में बुजुर्गों को भी नहीं बख्श रहे दरिंदे

वृद्धों के खिलाफ अपराध में 126 फीसदी का उछाल 
घर में अकेले रहना खतरे से खाली नहीं, बुजुर्ग महिलाएं नहीं हैं सुरक्षित 
एनसीआरबी की रिपोर्ट का खुलासा: बच्चों व महिलाओं से ज्यादा हो रहे जुल्म का शिकार 
ओ.पी. पाल.रोहतक। आपराधिक दरिंदे महिलाओं और बच्चों को तो क्या, बुजुर्गों पर भी रहम नहीं खा रहे हैं। प्रदेश में वृद्धों के खिलाफ होने वाले अपराधों में यकायद तेजी आई है। तेजी क्या इसे अपराध की आंधी कहें तो गलत नहीं होगा। बीते एक साल में जहां बच्चों के खिलाफ अपराध 31 फीसदी और महिलाओं के विरुध 28 फीसदी बढ़ोतरी हुई है, तो वहीं बुजुर्गो पर जुल्म 65 फीसदी बढ़ा है। यदि पिछले एक दशक के आकड़ों पर नजर दौड़ाए तो यह वृद्धि 126 फीसदी से भी ज्यादा है। साल 2021 में पहली बार अपराध के शिकार बुजुर्गो की संख्या चार अंकों तक 1072 पहुंच गई है। इसमें सबसे दु:खद तो यह कि एक साल में बुजुर्ग महिलाओं से दुष्कर्म के मामले भी बढ़कर दो गुणा हो गए। हालात ये हैं कि अदालतों में वृद्धों की खिलाफ होने वाले अपराधों की फाइलों का अंबार लगा है। इसमें 190 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। देश में हर साल एक अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की सार्थकता तभी मानी जाती है जब बुजुर्गो को सम्मान मिले और उनके साथ हो रही सामाजिक उपेक्षा पर अंकुश लगे। लेकिन इसके विपरीत बुजुर्गो की खासतौर से हरियाणा में क्या स्थिति है, इसका अंदाजा उनके खिलाफ लगातार बढ़ते अपराधों से लगाया जा सकता है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि प्रदेश में बच्चों और महिलाओं के प्रति अपराध के मामलों से भी कहीं ज्यादा बुजुर्ग यानी वरिष्ठ नागिरक पर हुए अपराध के जुल्मों का आंकड़ा चौंकाने वाला है। पिछले एक दशक में बुजुर्गो के खिलाफ हुए अपराध के मामले 126 फीसदी का उछाल आया हैं। शायद प्रदेश में यह पहली बार देखा जा रहा है कि अपराधिक जुल्म का दंश सहने वाले बुजुर्गो की संख्या एक हजार यानि चार अंकों का आंकड़ा छू गई है। बुजुर्गो के साथ जुल्म ढ़ाने में अपने सबसे आगे हैं। जिन्होंने संपत्ति के लिए माता पिताओं को अपराध का शिकार बना दिया। प्रदेश में जहां साल 2020 में वरिष्ठ नागरिकों के साथ अपराध के 650 मामले दर्ज हुए थे, वहीं साल 2021 में ऐसे मामलों की संख्या 1056 पहुंच चुकी गई, जिसमें 1072 बुजुगों को किसी न किसी तरह के अपराध का शिकार बनाकर उन पर जुल्म हुआ। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के साल 2021 के आंकड़ों में अपराधों के मामलों में हरियाणा 16वें स्थान पर था, जो वर्ष 2020 की तुलना में 8047 मामलों की वृद्धि के साथ 1,12,677 अपराधिक मामले दर्ज हुए। स्थानीय और विशेष मामले भी वर्ष 2020 के 89,119 मामलों की तुलना में वर्ष 2021 में बढ़कर 93,744 हो गये। 
हवस का शिकार भी बनी बुजुर्ग 
प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी के साथ ही ऐसे मामले भी दर्ज हुए, जहां वृद्ध महिलाओं को भी दुष्कर्म का शिकार बनाने में हवस के पुजारी पीछे नहीं रहे। एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि पिछले पांच साल में बुजुर्ग महिलाओं पर हमले व मारपीट के अलावा उनके साथ दुष्कर्म के मामले भी 33 फीसदी से ज्यादा बढ़े है। साल 2021 में 13 बुजुर्ग महिलाओं पर अत्याचार हुआ। जिसमें चार महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने के मामले दर्ज किए गए। जबकि साल 2020 में एक दर्जन वृद्ध महिलाओं पर अत्याचार हुआ, जिसमें दो के साथ बलात्कार हुआ। 
पांच साल में 3143 बुजुर्गो पर जुल्म 
प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों के पिछले पांच साल के आंकड़ो पर गौर की जाए तो 3143 बुजुर्गो पर अपराधों का शिकार बनाने के 3127 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 206 की हत्या तक कर दी गई। जबकि 1795 बुजुर्गो को किसी न किसी रुप से उत्पीड़न का शिकार बनाया। वहीं हत्या का प्रयास, मारपीट कर गंभीर चोट पहुंचाने के अलावा बुजुर्गो के साथ आपराधिक साजिश करके उनके साथ जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। साल 2021 में ही सबसे ज्यादा 47 की हत्या, 76 के साथ मारपीट करके उन्हें गंभीर चोटे भी पहुंचाने के माममले सामने आए हैं। इस दौरान जालसाजी व धोखाधड़ी के सर्वाधिक 87 मामलों में 58 मामले जालसाजी के हैं, जिनमें संपत्ति से संबंधित मामले भी शामिल हैं। 
डकैती, लूट, चोरी, अवैध वसूली का शिकार 
घरों में बुजुर्गो का अकेले रहना भी किसी खतरे से खाली नहीं है। पिछले पांच साल में बुजुर्गो के घर में डकैती के छह, लूटपाट के 11, अवैध वसूली के सात तथा हत्या का प्रयास के 28 मामले दर्ज किए गए हैं। सबसे ज्यादा बुजुर्गो के घरों में इन पांच साल के दौरान 269 चोरी के मामले सामने आए हैं, जिनमें साल 2021 में सबसे ज्यादा 135 चोरी के मामले दर्ज किए गए। अदालतों में लंबित मामलों का अंबार हरियाणा में वरिष्ठ नागिरकों पर जहां लगातार अपराध बढ़ रहे हैं, वहीं निपटान की धीमी गति के कारण विचाराधीन मामलों का अंबार खड़ा हो रहा है। प्रदेश की अदालतों में बुजुर्गो पर अपराध के जहां साल 2017 में 431 मामले लंबित थे, वहीं साल 2021 में इन लंबित मामलों की फाइलों की संख्या बढ़ने की दर 1218 यानी करीब 190 फीसदी जा पहुंची है। 
दोषसिद्ध से ज्यादा बरी 
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में अदालतो के पास 403 नए मामलों समेत 1285 मामले थे, जिनमें से 67 का ट्रायल पूरा करके निपटान किया गया और सात नए दोषसिद्ध समेत 20 को दोषी ठहराया, जबकि 87 को आरोपमुक्त कर बरी कर दिया गया। इस साल पुलिस ने मामले सही होने के बावजूद सबूत और साक्ष्य के अभाव में 329 मामलों में फाइनल रिपार्ट लगाई। जबकि 46 महिलाओं समेत 783 को गिरफ्तार किया और 40 महिलाओं समेत 711 के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किये। अदालत की कार्रवाही पर कोरोनाकाल का भी प्रभाव पड़ा, जिसकी वजह से साल 2020 में केवल छह आरोपियों को ही दोषी ठहरया गया, जिसकी वजह से लंबित मामलों की संख्या में भी इजाफा हुआ। 
रंजिशन फंसाने के मामले भी बढ़े 
प्रदेश में अपने विरोधियों को सबक सिखाने की नीयत से भी बुजुर्गो पर हमले या अन्य अपराधों के मामले दर्ज कराए गये। साल 2021 के दौरान ही पुलिस ने ऐसे 261 मामलों को निरस्त किया। पिछले पांच साल में पुलिस ने मामलों की जांच पड़ताल के बाद 1636 मामलों को फाइनल रिपोर्ट लगाकर निरस्त किया, जिनमें 757 मामले झूठे पाए गये और बाकी सही मामले होने के बावजूद सबूत और साक्ष्य सामने नहीं आ सके। 
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वर्जन 
बुजुर्गों का ध्यान रखना पुलिस की प्राथमिकता 
सभी पुलिस कर्मियों को वरिष्ठ नागरिकों का ख्याल रखने के निर्देश हैं। पुलिस अपनी बीट क्षेत्र में ऐसे बुजुर्गो की समय समय पर निगरानी करती है, जो अपने घरों में अकेले रहते हैं, यही नहीं ग्रामीण इलाकों में खेतो में काम करने वाले बुजुर्गो की सुरक्षा के लिए भी पुलिस गश्त करती है। डायल 112 पर आने वाली वरिष्ठ नागरिकों की कॉल पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। बुजुर्गो के साथ होने वाली किसी प्रकार की भी अपराध होने की सूचना पर पुलिस मामले की गहनता से जांच करके कार्रवाई की जा रही है। कानून व्यवस्था संबन्धित सभी बैठकों में एसएचओ, आईओ को बुजुर्गों से सम्बंधित शिकायतों को गंभीरता लेकर यह सुनिनिश्चत करने के आदेश है कि उनकी शिकायत पर सख्त कार्रवाई हो। यही नहीं इसके अतिरिक्त पीसीआर, राइडर के कर्मचारी सुनसान एरिया और अकेले रहने वाले बुजुर्गों का ध्यान रखा जाता है। 
 -उदय सिंह मीणा (आईपीएस), पुलिस अधीक्षक रोहतक। 
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टेबल 
पांच साल में बुजुर्गो पर बढ़े अपराध के 126 फीसदी मामले 
वर्ष दर्ज केस पीड़ित हत्या उत्पीड़न दुष्कर्म अपहरण धोखा गिरफ्तार चार्जशीट लंबित केस दोषी बरी दोषसिद्ध दर 
 2021 1056 1072     47      596        4         2          87      783        711        1218         20    87     19.4% 
 2020 650    650      46      355        2         9         65      496         480          882         06    61    11.8% 
 2019 384    385      36      218        3         6         23      297         268          671         23    84     21.5% 
 2018 571    572      50      331        3       18         30      463         447          597         23    72     24.2% 
 2017 466    477      27       295        3       47         13      399        348          421          31   427    12.8%
 वृद्धि% 126.6 124.7 74      102.3     33      -96      569    96.24    104.31    189.31     -35.5 -79.63 
  03Oct-2022

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