सोमवार, 7 मार्च 2022

मंडे स्पेशल: हरियाणा सड़क निर्माण में देशभर में सबसे तेज

केंद्र भी प्रदेश सरकार की रफ्तार की कायल 
देश के कई राज्य प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक सडक योजना के पहले चरण में अटके 
हरियाणा में दो चरण पूर्ण, तीसरे का भी 47 फीसदी काम हो चुका 
500 की आबादी वाले गांवों को भी सडक से जोड़ने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य 
ग्रामीण क्षेत्र में सड़क तंत्र को मजबूत कर बनाई 1200 से ज्यादा सड़कें 
ओ.पी. पाल.रोहतक। 
ग्रामीण सड़क निर्माण में हरियाणा प्रदेश की रफ्तार देशभर में सबसे तेज हैं। केंद्र सरकार भी इस रफ्तार की कायल है। देश के कई राज्य जहां गांवों में सड़क तंत्र को मजबूत करने वाली ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना’ के पहले चरण में अटके हुए हैं, वहीं हरियाणा तीसरे चरण का भी 47 फीसदी कार्य पूर्ण कर चुका है। प्रदेश के करीब आधा दर्जन जिलों में तो इस योजना का शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। इसी को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार भी मेहरबान है। एक ओर जहां कई राज्यों को अभी तक दूसरे चरण की ही मंजूरी नहीं मिली, वहीं हरियाणा को तीसरे चरण न केवल इजाजत मिल गई, बल्कि इसके लिए धनराशि भी उपलब्ध करवा दी गई। हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि इस साल के मध्य तक राज्य में ऐसा कोई गांव नहीं बचेगा, जो अपने आसपास के गांवों से जुड़ा हुआ न हो। केवल इतना ही नहीं 500 की आबादी वाले हर गांव को सड़क से जोडने वाला भी हरियाणा देश का पहला राज्य होगा। 
पहले चरण में बनी सर्वाधिक सड़कें 
योजना के ने पहले चरण के तहत 9,130.45 कमी लंबी सभी 852 सड़कों का निर्माण कार्य 2,788.86 करोड़ रुपये का खर्च करके पूरा किया गया और दूसरे चरण में 36 पुलों के साथ सभी लक्षित 2,031.48 किमी लंबाई वाली सभी 176 सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया है, जिसमें 1,615.48 करोड़ रुपये खर्च किए गए। प्रदेश में दिसंबर 2020 में शुरु हुए योजना के तीसरे चरण में भी हरियणा में 406 में 2,923.87 किलोमीटर लंबाई वाली 192 सड़कों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। इसके लिए 1,273.79 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जा चुकी हैं। तीसरे चरण में प्रदेश के गुरुग्राम जिले को छोड़कर बाकी सभी 20 जिलों में 1,866.19 करोड़ रुपये के खर्च से 3,791.09 किमी लंबी ग्रामीण सड़के बनाने का लक्ष्य है। इस प्रकार हरियाणा में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीनों चरणों के लिए स्वीकृत 14,953.01 किमी लंबाई की 1,434 सड़कों में से अब तक 5,678.13 करोड़ रुपये की लागत से 14,085.80 किमी यानि 94.20 फीसदी लंबाई की 1,220 सड़कों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। गुरुग्राम,करनाल, पंचकूला,रेवाड़ी व यमुनानगर में योजना का शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया ह, जबकि मेवात इस लक्ष्य को पूरा करने के मुहाने पर आ चुका है। 
तीसरे चरण में 192 सड़कें पूरी 
ग्रामीण सड़क एवं आधारभूत विकास एजेंसी के अनुसार केंद्र ने हरियाणा के 20 जिलों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण में 406 सड़कें बनाने की मंजूरी दी है। इसमें अंबाला की 18, भिवानी की 34, फरीदाबाद की 4, फतेहाबाद की 28, हिसार की 28, झज्जर की 28, जींद की 24, कैथल की 14, करनाल की 12, कुरुक्षेत्र की 16, महेंद्रगढ़ की 2, पानीपत की 22, रोहतक की 38, सिरसा की 36, सोनीपत की 22, यमुनानगर की 12,चरखी दादरी की 22, पलवल की 24और मेवात की 22 सड़कें बनाई जानी हैं। इनमें से अंबाला की 10, भिवानी की 10, फतेहाबाद की 8, हिसार की 12, झज्जर की 10, जींद की 22, कैथल की 8, करनाल की 8, कुरुक्षेत्र की 6, पानीपत की 8, रोहतक की 30, सिरसा की 16,सोनीपत की 2, यमुनानगर की 12, चरखी दादरी की 20 और मेवात की 10 सड़कें बनाई जा चुकी हैं। 
खेतों तक सड़क कनेक्विटी 
पीएमजीएसवाई के अलावा राज्य सरकार ने गांवों में सभी छोटे मार्गों को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री किसान खेत सड़क मार्ग योजन-2022 शुरू की है। इस योजना के तहत अगले 5 साल में चरणबद्ध तरीके से गांवों खडांजा की सड़कों का निर्माण किया जाएगा। ग्रामीण इंटर कनेक्टिविटी के लिए सड़कों को मजबूत करने के लिए शुरु की जा रही इस योजना को ग्रामीण विकास विभाग कार्य कराएगा। योजना के प्रथम चरण के तहत प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के गांवों में 3 व 4 करम के 25 किलोमीटर मार्ग का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री किसान खेत सड़क मार्ग योजना 2022 का मुख्य उद्देश्य किसानों की कृषि भूमि को सड़क नेटवर्क से जोड़ना है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसानों की उपज को नए सड़क नेटवर्क के माध्यम से आसानी से बाजारों तक पहुंचाया जा सके। कृषि उपज के परिवहन की लागत कम होगी और किसानों को उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिलेगा। 
ओम्मास से निगरानी
पीएमजीएसवाई के लक्ष्यों की पहचान करने और सड़क विकास के सभी चरणों की प्रगति की निगरानी के लिए ऑनलाइन प्रबंधन, निगरानी और लेखा प्रणाली या ओम्मास जीआईएस प्रणाली विकसित की गई है। इस प्रणाली में ई-भुगतान और विस्तृत रिपोर्ट जैसी उन्नत सुविधाएं हैं। यही नही ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लॉन्च किए गए एक मोबाइल ऐप डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक ई-गवर्नेंस पहल शुरू की गई है, जो किसी को शिकायत दर्ज करने या निष्पादित किए जा रहे कार्य के बारे में अपनी प्रतिक्रिया साझा करने में सक्षम बनाती है। 
क्या है पीएमजीएसवाई 
केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना यानी पीएमजीएसवाई को दिसंबर 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शुरू किया था। यह योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करती है। पीएमजीएसवाई का मूल उद्देश्य उन सड़कों को प्राथमिकता देना है जो एक बड़ी आबादी की सेवा करती हैं और मैदानी क्षेत्रों में 500 या उससे अधिक की आबादी के साथ योग्य असंबद्ध बसावटों को कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं। एक कोर नेटवर्क सभी पात्र बसावटों के लिए सामाजिक और आर्थिक सेवाओं तक बुनियादी पहुंच प्रदान करने के लिए आवश्यक सभी ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क है। इस योजना का पहला चरण 2001 में शुरु किया गया, जिसके तहत मुख्य फोकस नई कनेक्टिविटी विकसित करना और नई सड़कों का निर्माण करना था। सरकार ने 2013 में शुरु पीएमजीएसवाई के दूसरे चरण के तहत गांव की कनेक्टिविटी के लिए सड़कों का उन्नयन किया गया था। उन्नयन की कुल लागत में से 75 प्रतिशत केंद्र और 25 प्रतिशत राज्यों द्वारा वहन करने का प्रावधान किया गया। जबकि दिसंबर 2019 को योजना के तीसरे चरण के तहत प्रदेश में सड़कों को चौड़ा करने और सुधारने पर फोकस किया गया, ताकि गांवों, अस्पतालों, स्कूलों और ग्रामीण कृषि बाजारों से कनेक्टिविटी में सुधार किया जा सके। इस चरण की अवधि 2024-25 के लिए निर्धारित की गई। इस तीसरे चरण केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में लागत को वहन करना है। 
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में किस जिले में कितना विकास
जिला      सड़के     लंबाई (किमी)    काम पूरा(किमी)      खर्च (करोड़)   
अंबाला        72        602.91            579.28             241.30
भिवानी       70        799.53             746.02             275.65
फरीदाबाद     28        206.90             183.36            65.77
फतेहाबाद     64        787.14              657.75             191.47
गुरुगाम      32        282.82              282.82             104.18
हिसार       92        1,087.46           1,008.07           264.48 
झज्जर      108       1,045.22           1,015.86            500.65
जींद        86        1,101.23           1,069.95           527.73 
कैथल       60        762.95              726.88             280.44
करनाल      72        645.20              645.20             325.76
कुरुक्षेत्र      80        752.16               707.14            248.20
महेंद्रगढ़     42        408.54               408.54            134.95
पंचकूला     12        122.34               122.34             46.14
पानीपत     76        722.28               680.88            258.45 
रेवाडी       52        537.69               537.69           178.43
रोहतक      122       974.67               954.01          316.39
सिरसा       80       1,132.35              991.91         440.83
सोनीपत     84        926.63               841.40          462.61                
यमुनानगर   54        67.80                567.80         250.27
चरखी.दादरी  42        427.17              414.35          165.31
पलवल        54        568.47              455.95         198.72
मेवात (नूहं )  52      491.55               488.61         200.40
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कुल       1,434     14,953.01           14,085.80         5,678.13
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07Mar-2022

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