बुधवार, 12 जनवरी 2022

मंडे स्पेशल: कोरोना की तीसरी लहर बन सकती है बड़ा खतरा!

पहली लहर पर भ्रारी पड़ी थी दूसरी लहर, तीसरी लहर की रफ्तार सन्न करने वाली प्रदेश में सरकार के प्रबंधों की भी होगी कड़ी परीक्षा 
ओ.पी. पाल.रोहतक। देशभर में कोरोना की तीसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। हरियाणा भी इससे दो चार हो रहा है और इसकी वजह साफ है, क्योंकि प्रदेश में कोरोना महामारी की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर संक्रमण और उसके कारण हुई मौतों के मामले में घातक साबित हुई है। इन दो लहरों का दंश झेलने वाले हरियाणा में तीसरी लहर की रफ्तार से आम आदमी के साथ साथ प्रशासन में भी भय का माहौल है। हालांकि अभी के संक्रमण में दूसरी लहर जैसी चुनौतियों नजर नहीं आ रही है। अगर केस और बढ़ते है तो हालात विकट हो सकते हैं? इसी आशंका को देखते हुए सरकार ने टीकाकरण की रफ्तार तेज करने के साथ ही प्रबंधों को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है। खासकर किशारों को संक्रमण से बचाने के लिए 15 लाख 79 हजार को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में अब तक 6.04 लाख से ज्यादा किशारों को टीका लगाया जा चुका है। वहीं प्रदेश में अब तक टीकाकरण की संख्या 3.68 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई है। राज्य में पहली दो लहरों में 7,73,788 लोग संक्रमण के शिकार हो चुके हैं। जिनसे 98.51 फीसदी यानी 7,62,284 ठीक होकर घर जा चुके हैं। अब सरकार का लक्ष्य तीसरी लहर के दौरान न केवल लोगों को संक्रमण से बचाने का है, बल्कि संक्रमण के दौरान मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाना भी है।
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रियाणा में पहली व दूसरी लहर से सबक लेकर सरकार की इसी तैयारी के तहत सभी अस्पतालों, पीएचसी व सीएचसी में पर्याप्त ऑक्सीजन, वेंटिलेंटर, आईसीयू बेड, वेंटिलेंटर बेड सहित अन्य उपकरणों का रखरखाव करना शुरू कर दिया है। वहीं सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोविड एंटीवायरल ड्रग और अन्य आवश्यक दवाइयां खरीद के लिए विशेष रूप से निर्देश दिये हैं। इसके बावजूद सवाल ये है कि आमजन को तीसरी लहर के संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने जैसे प्रबंधों की मजबूती के लिए आमजन में कैसे विश्वास पैदा होगा? क्योंकि पिछली दो लहरों के दौरान स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामने आए अनुभवों को लेकर लोगों में भय बना हुआ है। प्रदेशभर में भले ही हर रोज कोरोना जांच और बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन भले ही चल रहा हो, लेकिन बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए सरकार के प्रबंधों की भी अग्नि परीक्षा होना तय है? इसके विपरीत प्रदेश में बढ़ते कोरोना और नए वैरिएंट के प्रति सावधानी के बजाए बाजारों और रोजमर्रा की जिंदगी में आमजन बेपरवाह नजर आ रहे हैं, हालांकि हर दिन जिला प्रशासन स्तर पर कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी बादस्तूर जारी है। वहीं ओमिक्रॉन और कोरोना संक्रमण बढ़ने से भयभीत लोगों में कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाने की होड़ भी लगी हुई है। 
पहली लहर पर भारी थी दूसरी लहर 
हरियाणा की कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण के बढ़ते आंकड़ो को चिंता जायज है, जिसके सामने पहली दो लहरों के अनुभव का सबक किसी चुनौती से कम नहीं है, जिससे निपटने के लिए सरकार लोगों को सुरक्षित रखने के लिए तमाम इंतजाम करने में लगी है। प्रदेश में दूसरी लहर की तबाही का मंजर के आंकड़े गवाह है। मसलन पहली लहर में जहां प्रतिदिन आठ मरीजों की मौत का औसत रहा, वहीं दूसरी लहर में रोजाना औसतन 44 मरीजों की जान गई। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में 5662 मरीजों की मौत हुई, जिसमें मई माह में प्रतिदिन भयावह 127 मौतों के औसत से सर्वाधिक 3962 मरीजों की संक्रमण से मौत हुई। जबकि इससे पहले मार्च 2021 में 105 और अप्रैल में 1052 मरीजों की मौत हुई थी। इस दूसरी लहर की तुलना यदि पहली लहर यानि वर्ष 2020 से की जाए तो उस साल कोरोना से 3050 लोगों की जान गई थी। इसी प्रकार यदि पिछले साल एक मार्च से दूसरी लहर की शुरूआत मानी जाए तो चार माह में ही प्रदेश में 4.91 लाख लोग हुए कोराना संक्रमित हुए थे। जबकि इससे पहले प्रदेश में यह संख्या करीब 2.71 लाख थी। यानी दूसरी लहर में संक्रमण इतनी तेजी से फैला कि चार माह में ही प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 7,62,291 हो गई थी, जिनमें अकेले मई में ही 2,55,069 लोग संक्रमित हुए थे। यही नहीं यह दूसरी लहर का ही समय था, जब अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की मांग को लेकर हा हाकार मचता देखा गया। अब तीसरी लहर में रविवार नौ जनवरी को प्रदेश में 5166 नए मामले आए, जबकि 29 दिसंबर को तीन अंकों में 126 केस आए थे। इससे पहले नए मामलों का पांच हजार से ज्यादा आंकड़ा पिछले साल 22 मई को दर्ज किया गया था। 
नए साल में बढ़ सकती हैं मुश्किलें 
प्रदेश में ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद नए साल के पहले आठ दिन में जिस प्रकार कोरोना संक्रमण का कहर लगातार बढ़ रहा है, वह आने वाले समय में आम लोगों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। यदि कोरोना संक्रमण के आंकड़ो पर गौर करें तो प्रदेश में 31 दिसंबर को कोरोना 1417 कोरोना मरीज थे, जिनकी संख्या नए साल के पहले नौ दिन में रविवार तक करीब 16,881 संक्रमित बढ़कर 18,298 पहुंच गई है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह से तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले सैकड़ा पार करते हुए अब तक चार अंकों तक पहुंच गये हैं। प्रदेश में हालांकि ठीक होने वालों की दर भी घटकर 96.42 प्रतिशत रह गई है। मसलन प्रदेश में अब तक 7,94 लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन करीब 7.66 लाख लोगों ने कोरोना को मात देकर जंग जीती भी है। जबकि संक्रमण के कारण 10,073 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि संक्रमण की दर इसी रफ्तार बढ़ती गई तो नया साल लोगों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी करके खतरा पैदा कर सकता है। प्रदेश में ओमिक्रॉन के भी 136 मामलों की पुष्टि की गई है। 
वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ी 
हरियाणा में अब तक 3.68 करोड़ से ज्यादा लोगों ने कोरोना रोधी वैक्सीन लेकर अपने आपको सुरक्षित कर लिया है, जिसमें 1.53 करोड़ से ज्यादा लोग दोनो डोज लेकर सुरक्षा कवच पहन चुके हैं। जबकि 2.15 लोगों को पहली डोज के बाद दूसरी वैक्सीन लेने का इंतजार है। दूसरी लहर के दौरान पिछले साल जून से 18 से 44 साल तक के 2.33 करोड़ से ज्यादा लोग भी टीकाकरण करा चुके हैं। वहीं नए साल में तीन जनवरी से शुरू हुए 15-17 साल के किशोरों के शुरू हुए वैक्कसीनेशन में उत्साह है और पिछले छह दिन में 6.04 लाख का टीकाकरण हो चुका है। जबकि अब तक 45-60 साल आयु वालों का प्रदेश मे अभी तक 76.25 लाख से अधिक वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। इसी प्रकार 60 साल से ज्यादा उम्र के 52.13 लाख लोगों ने टीकाकरण करा लिया है। कोरोना कवच पहने वालों में करीब 2.02 करोड़ पुरुष और 1.67 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। वहीं 7,782 थर्डजेंडर ने भी वैक्सीनेशन करा लिया है। 
ग्रामीण इलाको में भी बनेंगे कोविड केयर सेंटर 
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार ने प्रदेश शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड केयर एवं आइसोलेशन केंद्र बनाने के निर्देश दिये हैं। सरकार के दिशानिर्देशों के तहत प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों ने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता बनाए रखने के लिए समीक्षा करके ऑक्सीजन और दवाईयों की उपलब्धता की निरंतरता के लिए योजना बनाना शुरु कर दिया है। 
पंचकूला में भी लगेगी जीनोम सिक्वेसिंग मशीन 
हरियाणा में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने रोहतक में काम कर रही जीनोम सिक्वेसिंग मशीन के बाद अब पंचकुला में भी नई जीनोम सिक्वेसिंग लैब स्थापित करने की तैयारी कर ली है। सरकार का प्रयास है कि संक्रमण पर काबू पाने के लिए रोजाना कम से कम 50 हजार लोगों के नमूने जांच के लिए एकत्र किये जाएं। वहीं प्रदेश के सभी जिलों में आरटीपीसीआर लैब स्थापित की गई हैं। 
अस्पतालों में 138 पीएसए प्लांट चालू 
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार ने खासकर दूसरी लहर में ऑक्सीजन की परेशानी के मद्देनजर प्रदेश में 50 बेड से ऊपर वाले 84 सरकारी व 54 प्राइवेट अस्पतालों में पीएसए प्लांट स्थापित कराकर चालू करा दिये हैं। वहीं आइसोलेशन बेड, आक्सीजन बेड, आईसीयू, वेंटीलेटर और बहुत बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसटरेटर के अलावा कोरोना मरीज के इलाज हेतु सभी दवाईयों पर्याप्त स्टॉक के साथ व्यापक प्रबंध किये गये हैं। 
एंडीबॉडी में मजबूत प्रदेश 
सरकार ने प्रदेश में अब तक तीन कोविड-19 सीरो सर्वेक्षण कराए हैं, जिसकी तीसरी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के लोगों में एंटीबॉडी बनने की दर औसतन 76.3 प्रतिशत पाई गई है। इसमें शहरी क्षेत्र में 78.1 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र 75.1 प्रतिशत पाई गई। जबकि पहले सीरो सर्वेक्षण में 8 प्रतिशत तथा दूसरे सर्वेक्षण में लोगों में 14.8 प्रतिशत एंडीबॉडी की दर पाई गई थी। सर्वेक्षण रिपोर्ट पर गौर की जाए तो सीरो सर्वें के तीसरे चरण में पुरषों में 75.3 प्रतिशत, महिलाओं में 77.1 प्रतिशत, 6 से 9 वर्ष के बच्चों में 69.8 प्रतिशत, 10 से 17 वर्ष के बच्चों 73.2 प्रतिशत की एंटीबॉडी पाई गई। तीसरे सर्वे में लोगों एंटीबॉडी की ज्यादा दर टीकाकरण के बाद 81.6 प्रतिशत तथा बिना वैक्सीनेशन लगे यानि प्राकृतिक रूप से लोगों में एंटीबॉडी की 75.5 प्रतिशत की दर पाई गई। वहीं पहली डोज वालों में 79.5 प्रतिशत और दोनों डोज लेने वाले लोगों में 84 प्रतिशत एंटीबॉडी बनी है। 
10Jan-2022

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