मंगलवार, 27 जून 2023

मंडे स्पेशल: दम तोड़ने के कगार पर सड़कों के गड्ढे भरने वाली ‘हरपथ’ योजना

ऐप पर आने वाली शिकायतों का लगा अंबार 
बदहाल सड़को पर पिछले आठ साल में हुई 40 हजार से ज्यादा मौतें 
ओ.पी. पाल.रोहतक। प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है और यहां तक दावा किया जा रहा है कि हरियाणा की सड़के साल 2025 तक अमेरिका की तर्ज पर चमचमाती नजर आएगी, लेकिन हर साल प्रदेश में तेज रफ्तार और सड़को में गड्ढों की वजह से असामयिक मौतों के आंकड़ों में कमी लाने का लक्ष्य पूरा रही हो पा रहा है। हादसों के कारण जानकर राज्य सरकार ने सड़कों में गड्ढों को दुरस्त करने के लिए ‘हरपथ हरियाणा’ मोबाइल ऐप लांच करके नया तरीका निकाला, जिस पर आमजन के जरिए गड्ढो के फोटो के साथ शिकायते मंगा रही है। लेकिन हालात यहां तक हैं कि न तो सड़के ही दुरस्त हो रही और नहीं हादसों पर अंकुश लग सका, बल्कि आज खुद ‘हरपथ ऐप’ ही दम तोड़ने के कगार पर है। इसका कारण ऐप के प्रति जनजागरुकता की कमी और वहीं इस ऐप की जिस कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, वह कसौटी पर खरी नहीं उतर पाई। मसलन ऐप सड़को में गड्ढों के लिए आई शिकायतें ऐप पर फर्जी तरीके से गड्ढो वाली सड़को सही दिखाकर शिकायतों को बंद कर देती थी, जिस वजह से उसका टेंडर निरस्त होने से ऐप पर लंबित शिकायतों का अंबार लगा हुआ है और वह बंद होने के कगार पर खड़ा है। ऐसे में सरकार के सामने खस्ताहाल गड्ढों वाली सड़को को दुरस्त कराने की बड़ी चुनौती खड़ी हो रही है। 
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रियाणा सरकार द्वारा सड़क हादसों पर होने वाली असामयिक मौतों के आंकड़ो को इस साल 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। साल 2016-17 में सड़कों पर होने वाली मौतों का आंकड़ा पांच हजार पार पहुंचा, तो राज्य सरकार ने हादसों के कारणों की पहचान करके प्रदेश में क्षतिग्रस्त सड़कों के गड्ढे भरने व सुधारीकरण करने की दिशा में एक नई पहल की और 15 सितंबर 2017 को एक ‘हरपथ मोबाइल ऐप’ शुरुआत की। इस हरपथ योजना की जिम्मेदारी सरकार ने टेंडर के जरिए गुरुग्राम की सरगुण प्राइवेट कम्पनी को सौंप दी। इस योजना के प्रावधान के मुताबिक ‘हरपथ’ एप पर आने वाली शिकायतों पर सड़कों को इस कंपनी को 96 घंटों के भीतर सड़क को दुरुस्त किया जाना था। वहीं टेंडर में यह भी नियम बनाया गया कि यदि शिकायत मिलने पर कंपनी तय समय सीमा में सड़क को ठीक नहीं करती तो कंपनी को एक हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भरना होगा। इस एप पर लोगो को सड़कों के गड्ढे के फोटो भेजने पर 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान किया गया। इसके बावजूद सड़कों की हालत में कोई सुधार नहीं आया, तो पाया गया कि कंपनी इस योजना के प्रावधानों का उल्लंघन करती पाई गई। जबकि सरकार साल वर्ष 2020 के बजट में भी इस योजना को आगे बढ़ाने का ऐलान किया। इसके बावजूद कंपनी की कारगुजारी सामने आई तो सरकार ने इस टेंडर को पिछले साल 31 अगस्त 2022 को रद्द कर दिया। 
बिना गड्ढा भरे ठी होती रही सड़के 
सरकार भी मानती है कि जिस उद्देश्य से हरपथ योजना को शुरु किया गया था, उसमें शिकायतों को तय समय में निपटान करने और शिकायतों का सड़क को बिना दुरस्त किये निपटान करने का मामला सामने आया। वहीं लोक निर्माण विभाग के अनुसार विभाग ने जिस प्राइवेट कंपनी को हरपथ ऐप का टेंडर दिया गया था, वह कंपनी अपना काम ठीक ढंग से ना करके ऐप पर फर्जी तरीके से गलत फोटो अपलोड करके गड्ढों को भरा हुआ दिखा कर शिकायत को बंद कर देती थी। इस कारण असल में तो सड़क के गड्ढे भरते ही नहीं थे, जिसकी उनके विभाग में लोग शिकायत लेकर भी आते रहे। इसमें सबसे बड़ी यह खामी भी रही कि पिछले 6 सालों से सरकार पीडब्ल्यूडी विभाग की सड़कों को इस ऐप के साथ लिंक नहीं कर सकी, यह भी सड़कों के दुरस्त न होने का बड़ा कारण रहा। हालांकि एप चल रही है, लेकिन टूटी हुई सड़कों का डाटा सरकार या विभाग को 24 घंटे के बजाए तीन चार दिन में मिल रहा है। 
सरकार को राजस्व का नुकसान 
हरियाणा के गुरुग्राम की एक सरगुण प्राईवेट कंपनी को पिछले छह सालों से हरियाणा की सभी सड़कों के गड्ढों को भरने के लिए सरकार द्वारा हर महीने कंपनी को करोड़ों रुपयों का भुगतान किया जाता रहा, परंतु अब यह कंपनी द्वारा फर्जी तरीके से सड़कों के गड्ढों का काम दिखाकर करोड़ों रुपए का चूना लगा चुकी है। इसका खुलासा भी पीडब्ल्यूडी विभाग कर चुका है। इस फर्जीवाडे को गंभीरता से लेते पीडब्ल्यूडी विभाग ने कंपनी को दोषी पाया है और कंपनी पर कई बार जुर्माना भी लगाया चुकी है। 
हरियाणा में सड़क नेटवर्क 
प्रदेश में सड़क नेटवर्क को बेहतर करने के प्रयास में जुटी राज्य सरकार सड़कों की आवश्यकता को देखते हुए हर शहर और गांव में सड़क तंत्र को और मजबूत करने व यातायात भीड़ को कम करने में जुटी है। शहरों के अलावा ग्रामीण सड़कों को भी अपग्रेड किया जा रहा है। हरियाणा में 42 हजार किमी सड़कों का विशाल नेटवर्क में लगातार हो रहे विस्तार के साथ 2,622 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। जबकि राजमार्गो की लंबाई 2494 किमी हो चुकी है। जबकि 22 जिलों में प्रमुख सड़कों की लंबाई 20,363 किलोमीटर से ज्यादा है। 2021 में मंजूर हुई 1216.95 किलोमीटर लंबी 120 सड़कों के निर्माण का काम चल रहा है। 
आठ साल में 40 हजार से ज्यादा मौतें 
हरियाणा की सड़कों पर हुए हादसों में पिछले आठ साल में 40732 मौतों का आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है, लेकिन हकीकत यही है कि प्रदेश में सड़कों की बदहाली और यातायाता नियमों के उल्लंघन की वजह से साल दर साल हजारों असामयिक मौते सड़कों पर ही हो रही हैं। प्रदेश में सड़क हादसों में मौत के मुहं में समा गये लोगों में वर्ष 2022 में 4516 मौते दर्ज की गई। जबकि साल 2021 में 5931, साल 2020 में 5191, साल 2019 में 5403, साल 2018 में 5,118, साल 2017 में 5,120, साल 2016 में 5,024 और साल 2015 में 4429 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं। 26June-2023

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