सोमवार, 27 मार्च 2023

मंडे स्पेशल: गरीबों पर दयालु हुई राज्य सरकार

मुश्किल वक्त में आर्थिक मदद के लिए तैयार रहेगी सरकार 
ओ.पी. पाल.रोहतक। आखिरी पायदान पर बैठे गरीबों पर अब राज्य सरकार दयालु हो गई है। अंत्योदय के बाद भी ऐसे कई परिवार थे, जिन्हें न तो इस योजना का लाभ मिल पाया और न ही इन्हें इसकी श्रेणी में रखा गया। अब ऐसे परिवारों को मुख्यधारा में जोड़ने के उद्देश्य से सरकार ने दयालु योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री दयालु योजना का लक्ष्य उन परिवारों को संभालना है, जिसका कमाने वाला सदस्य या तो स्थायी विकलांग हो गया या फिर किसी भी कारण से उसका देहांत हो गया है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार उस परिवार को न केवल आर्थिक रुप से सहयोग करेगी, बल्कि पालन पोषण की व्यवस्था भी करेगी। इसका लाभ उन्हीं परिवारों को मिल पाएगा, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये या उससे कम होगी। 
-- 
हरियाणा सरकार ने प्रदेश के अंत्योदय यानी गरीब परिवार के लोगों के लिए एक विशेष स्कीम के रुप में हाल ही में मुख्यमंत्री दयालु योजना शुरू की है। इस योजना का एकमात्र उद्देश्य प्रदेश के अंत्योदय परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि उनके परिवार में किसी भी सदस्य की मृत्यु या फिर दिव्यांग होने की स्थिति में उन्हें आर्थिक संकट का सामना ना करना पड़े। इसी मकसद से सरकार ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना के तहत नई पहल करते हुए इसे दयालु योजना के नाम शुरू करने का फैसला किया है। मसलन हरियाणा सरकार द्वारा अन्त्योदय परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के मकसद से अन्त्योदय परिवारों के किसी सदस्य की मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। सरकार ने इस नई योजना का कार्यान्वयन भी हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास को सौंपा हैं, जो पहले से ही अंत्योदय परिवारों को सामाजिक सुरक्षा कवच देने के लिए मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना का संचालन करती आ रही है। दयालु योजना के तहत ऐसे गरीब परिवारों को सरकार परिवार पहचान पत्र में सत्यापित डाटा के आधार पर 1 से पांच लाख रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने इस योजना का ऐलान करते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि दयालु योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऐसे लाभार्थियों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से 3 महीने के भीतर आवेदन करना आवश्यक होगा। प्रदेश में चल रही बीमा योजनाओं को समेकित करने, मानकीकृत सुनिश्चित करने और दावों की प्रक्रिया को आसान बनाने तथा लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए पहले ही हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास की स्थापना की है। योजना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि दिव्यांग होने की स्थिति में दिव्यांग व्यक्ति को और प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में घर के मुखिया को आवेदन करना होगा। 
पीपीपी का डाटा होगा आधार 
प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की जा रही मुख्यमंत्री दयालु योजना (दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना हरियाणा) का लाभ उसे ही दिया जाएगा, जिसकी हरियाणा में परिवार पहचान पत्र के तहत वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये या उससे कम होगी। परिवार पहचान पत्र को इसलिए आधार बनाया जाएगा, क्योंकि इस योजना के तहत फ्रॉड होने की संभावना नगण्य है। अंत्योदय परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो चुकी है, तो सरकार की ओर से यह आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से उनके परिवार के किसी दूसरे सदस्य के बैंक खाते में जमा की जाएगी और जबकि दिव्यांगता के मामले में आवेदक के बैंक खाते में ही धनराशि जमा की जाएगी। 
न्यास के संचालन में शामिल ये योजनाएं 
सरकार द्वारा स्थापित हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास इससे पहले तीन योजनाओं का कार्यान्वय कर रहा है। इसमें उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले ग्रुप सी व डी कर्मचारी और सफाई कर्मचारियों के लिए भी वित्तीय मदद दी जा रही है। इनमें मुख्यमंत्री हरियाणा कर्मचारी दुर्घटना बीमा योजना, छोटे कारोबारियों के लिए दुर्घटना में या मृत्यु या स्थाई दिव्यांगता के लिए मुख्यमंत्री व्यापारिक समूह निजी दुर्घटना बीमा योजना शामिल है। अब न्यास द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं में चौथी योजना के रुप में मुख्यमंत्री दयालु योजना को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। 
किसे मिलेगा योजना का लाभ 
राज्य सरकार द्वारा शुरू गई दयालु योजना का लाभ केवल हरियाणा राज्य के मूलनिवासी नागरिकों को ही प्रदान किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत जिन अंत्योदय यानी गरीब परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख से कम है उसी को ही लाभ प्रदान किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत परिवार पहचान पत्र हरियाणा के डाटा अनुसार पात्र परिवारों को सुनिश्चित किया जाएगा। दीनदयालउपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना के तहत 5 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक की आयु वाले अंत्योदय परिवार के नागरिक ही दयालु योजना का लाभ लेने के लिए पात्र माने जाएंगे। 
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज 
गरीबों की आर्थिक मदद के लिए शुरू की गई दयालु योजना के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य है, जिसके लिए जरूरी दस्तावेजों के रुप में आवेदक को आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र (पीपीपी), मृत्यु की स्थिति में परिवार के अन्य सदस्य का आधार कार्ड, मृत्यु की स्थिति में मृत्यु प्रमाण पत्र, दिव्यांगता का प्रमाण पत्र, वार्षिक आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता नंबर, रंगीन पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ और मोबाइल नंबर शामिल है। हालांकि अंत्योदय परिवार दयालु योजना (दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना) के तहत ऑनलाइन आवेदन करने के लिए अभी इंतजार करना होगा, क्योंकि सरकार द्वारा अभी इस योजना के तहत आधिकारिक वेबसाइट को शुरू नहीं किया गया, जिसकी तैयारी की जा रही है। 
योजना के लाभ एवं विशेषताएं 
दयालु योजना हरियाणा के अंतर्गत हरियाणा राज्य के सभी अंत्योदय परिवारों को लाभ प्रदान किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत आयु वर्ग के हिसाब से अलग-अलग आर्थिक सहायता धनराशि प्रदान की जाएगी। सरकार ने इस योजना के लिए पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इस योजना का लाभ अंत्योदय परिवार के किसी भी सदस्य की मृत्यु या फिर दिव्यांगता होने की स्थिति में प्रदान किया जाएगा। दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना के तहत दयालु योजना की विशेष बात यह है कि इस योजना का लाभ लेने वाले लाभार्थी दयालु योजना के साथ-साथ प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ भी ले सकेंगे। 
क्या है दयालु योजना? 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसी माह 16 मार्च के दिन प्रदेश के अंत्योदय परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री दयालु योजना हरियाणा का शुभारंभ किया है। दयालु योजना हरियाणा के अंतर्गत अंत्योदय परिवार के किसी भी सदस्य की प्राकृतिक या फिर कुदरती मौत होती है अथवा किसी दुर्घटना की वजह से अंत्योदय परिवार का सदस्य दिव्यांगता की श्रेणी में है, तो ऐसे सदस्यों को हरियाणा राज्य सरकार एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। 
 --- 
टेबल 
दयालु योजना में किस आयु वर्ग को कितनी मिलेगी आर्थिक मदद 
आयु वर्ग        दयालु योजना धनराशि 
05 से 12 वर्ष    1 लाख रुपए 
13 से 18 वर्ष    2 लाख रुपए 
19 से 25 वर्ष    3 लाख रुपए 
26 से 40 वर्ष    5 लाख रुपए 
41 से 50 वर्ष    2 लाख रुपए 
51 से 60 वर्ष    2 लाख रुपए 
----- 
27Mar-2023

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें