सोमवार, 20 मार्च 2023

मंडे स्पेशल: प्रदेश में बढ़ती चोरियों की वारदातें बनी पुलिस की चुनौत

वाहन चोरो के नए ट्रेंड के सामने वाहन तकनीकी सिस्टम हुए फेल 
चोरो के गिरोह से पुलिस वालों के घर भी नहीं रहे अछूते
ओ.पी. पाल.रोहतक। प्रदेश में बढ़ते अपराधिक ग्राफ के बीच अलग अलग अंदाज में घरों, प्रतिष्ठानों, दुकानों में चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, इससे कहीं ज्यादा शातिर चोर वाहनों पर अपना हाथ साफ करके पुलिस को खुली चुनौती देते आ रहे हैं। बीते साल में प्रदेश में चोरी की घटनाओं में उससे पिछले साल की अपेक्षा डेढ़ गुणा से ज्यादा की बढ़ोतरी सामने आई। खासबात है कि घरेलू चोरी से कई गुणा मोटर साइकिल और कारों पर अपराधी हाथ साफ करने में नए नए तरीके अपनाकर वाहनों में तकनीकी सिस्टम को चुटकियों में तोड़ते नजर आ रहे हैं। वाहन चोर गिरोह के सदस्यों के पुलिस के हत्थे चढ़ने पर जिस प्रकार से खुलासे हो रहे हैं, उससे जाहिर है कि वाहन चोरियों में ज्यादा बढ़ोतरी हो रही है। प्रदेश में आतंक मचा रहे चोरो के गिरोह में महिलाएं भी शामिल हैं। हालात यहां तक है कि खुद पुलिस वाले भी चोरों के गिरोह से अछूते नहीं रहे। यही नहीं प्रदेश में हर दिन चोरी और छपटमारी की दर्जनों घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। प्रदेश में सक्रिय चोरों के गिरोह की वजह से अब घर की तालाबंदी करके अकेला छोड़ना भी किसी खतरे से कम नहीं है। विड़ंबना यह भी है कि ज्यादातर चोर सीसीटीवी कैमरों में कैद होने के बावजूद प्रदेश में चोरियों की ज्यादातर घटनाओं में पुलिस के हाथ भी खाली हैं, जिनका सुराग लगाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है। 
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प्रदेश में बढ़ते अपराधों के बीच हरियाणा राज्य अपराध ब्यूरो के आंकडो के मुताबिक साल 2019 से 2021 तक यानि पिछले तीन साल में चोरियों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। मसलन इन तीन सालों में प्रदेश में 1.47 लाख चोरियों की घटनाएं दर्ज की गई, जिसमें सबसे ज्यादा 50,354 वाहन चोरी, 22,885 घरेलू चोरी और 73461 सामान्य चोरी शामिल हैं। आंकड़ो के अनुसार साल 2019 के मुकाबले साल 2021 में चोरी की घटनाओं में करीब 25 फीसदी बढ़ोतरी हुई। जबकि कोरोनाकाल के दौरान 2020 में चोरियों बढ़ोतरी का यह आंकड़ा 30 फीसदी था। हालांकि साल 2020 के मुकाबले 2021 में चोरियों के इस आंकड़े में करीब साढ़े चार फीसदी की कमी दर्ज की गई है। लेकिन मौजूदा साल में वर्ष 2021 के मुकाबले डेढ़ गुणा से ज्यादा चोरी की वारदाते बढ़ने का अनुमान है। ब्यूरो के आंकड़ो के अनुसार पिछले साल जहां रात्रि के समय 7104 घटनाएं हुई तो वहीं 1285 घटनाएं दिन के उजाले में हुई हैं। कुरुक्षेत्र में कुछ माह पहले पुलिस के हत्थे चढ़े दो बाइक चोरो से बरामद चोरी की 22 मोटर साइकिल से संकेत साफ है कि प्रदेश में वाहन चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। जहां तक वाहन चोरियों का सवाल है, प्रदेश में वाहनों की चोरियां ज्यादातर एक दूसरे राज्य की सीमा पर लगे शहरों से ज्यादा हो रही है, जिसमें चोर वाहन चुराकर दूसरे राज्य में भाग जाते हैं और वाहनों को बेच देते हैं या फिर उन्हें कटवा कर मुनाफा कमा रहे हैं। प्रदेश में वाहन चोरी, घरों में सेंधमारी कर चोरी, पशु चोरी और धोखाधड़ी से दुकानों में चोरी करने जैसी घटनाएं आम हो रही है। प्रदेश के शहरो व गांवों में चोरो के नए नए गिरोह की वारदातों से लोगा भयभीत हैं। 
पुलिस के घर को भी नहीं छोड़ा 
पिछले साल दिसंबर के महीने में पानीपत के चांदनी बाग थाने के एएसआई कृष्ण कुमार और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात एएसआई बिजेंद्र सिंह के पानीपत पुलिस लाइन के सरकारी आवास में रात्रि के समय चोरों का गिरोह ताला तोड़कर लाखों की नकदी,जेवरात एवं अन्य कीमती सामान चोरी कर ले गये। दिलचस्प बात तो यह सामने आई, जब अपने घरों में चोरों का पता लगाने के लिए सदैव जन सेवा का दम भरने वाली हरियाणा पुलिस के ये दोनों कर्मचारी अंधविश्वास जैसी प्रथा में उलझ गये और सीधे मध्य प्रदेश स्थित पंडोखर दरबार पहुंचकर वहां गद्दीनशीन बाबा से अपने घरो में चोरी करने वाले चोरों का पता पूछा। इसके लिए बाबा का अच्छी खासी नकदी तक दे आए, लेकिन बाबा के दावे के मुताबिक दो महीने बाद दो चोर गुरुग्राम में सर्राफ की दुकान पर सोना बेचते पकड़े गये थे। 
सीमावर्ती इलाकों में ज्यादा चोरियां 
पुलिस के अनुसार वाहन चोरी की वारदातें ज्यादा तर राज्यों की सीमावर्ती शहरों से होती है, जिन्हें चोर चुराकर दूसरे राज्य में आसानी से भाग जाते हैं। यही कारण है कि दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में कार, मोटर साइकिल जैसे वाहनों की चोरियों में तेजी आई है। बहादुरगढ़ के साथ लगती दिल्ली में हर रोज औसतन 86 गाड़ियां चोरी का आंकड़ा है। इस कारण बहादुरगढ़ में दिल्ली की तरफ से कार चोर प्रवेश कर चुके हैं। वैसे दिल्ली पुलिस की तरफ से कई गैंगों का भंडाफोड़ किया है। कई गाड़ी चोर पकड़े हैं, लेकिन चोरी की वारदात रुकने का नाम नहीं ले रही है। 
वाहन चोरी का बदला ट्रेंड 
वाहन चारियों खासतौर से कार चोरी के मामले में पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि अब तक पकड़े गए वाहन चोर गिरोह का अलग-अलग ट्रेंड देखने को मिला है। कुछ गिरोह सुबह तड़के कार चोरी करते हैं, तब चोरी करते है जब लोग गहरी नींद में होते हैं। मॉर्निंग वॉक में दूर दराज में कार खड़ी करके जीम व पार्क में टहलने जाते हैं। कुछ गिरोह दोपहर जब ऑफिस टाइम पर रोड पर खड़ी गाड़ियों को निशाना बनाते हैं। कुछ गिरोह रात 11 से सुबह 4 बजे तक सन्नाटे में काम को अंजाम देते हैं। क्योंकि अब ऑटोमेटिक होने से चोरों के लिए अब गाड़ी उड़ाना आसान हो गया है। इसी माह दो मार्च की रात को रेवाडी के खोल व निमोठ गांव में चोरों ने स्कूल की खड़ी नौ स्कूल बसों की बैटरियां चोरी की, तो अंबाला में पिछले सप्ताह ही बिजली के तार चोरी करने वाले गिरोह से कुंतलो तार व तांबे के तार बरामद किये। इन चोरों में तीन चोर ऐसे निकले जो विभाग के साथ बिजली के तार लगाने का ही काम करते थे। 
इस चोर ने उड़ाए 5 करोड़ मोबाइल 
हरियाणा पुलिस ने पिछले साल 28 अक्टूबर को ऐसे एक वयक्ति को पकड़ा, जिसने 5 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन चोरी करना स्वीकार किया है। मध्य प्रदेश के देवास जिले का निवासी दीपक ने अपने साथियों के साथ 27 मई को रेवाड़ी जिले के बावल कस्बे में स्थित एक फर्म के कंटेनर ट्रक से मोबाइल फोन लूट लिया था। आरोपी ने पहले ट्रक चालक का अपहरण किया और फिर वारदात को अंजाम दिया। 
चोरों के निशाने पर रहे बैंक 
प्रदेश में पिछले साल अक्टूबर माह में सोनीपत जिले के गांव हुल्लाहेड़ी स्थित सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की शाखा की खिड़की को गैस कटर से काटकर घुसे चोर अलमारी खोलने में नाकाम रहे, लेकिन वे पांचवी बार बैंक से सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर ही चुराकरर चले गए। इससे पहले मार्च में करनाल जिले में घरौंडा कस्बे के कोहंड गांव स्थित पीएनबी बैंक की दीवार के नीचे से सुरंग बनाकर बदमाश अंदर दाखिल हुए, लेकिन स्ट्रॉन्ग रूम को नहीं तोड़ सके। जबकि फरवरी में जींद स्थित पीएनबी बैंक की दीवार तोड़कर कुछ चोर बैंक के स्ट्रांग रूम तक पहुंच गए, लेकिन चोरी करने में असफल रहने पर दीवार पर लिख गये कि ‘वादा रहा, फिर कोशिश करूंगा। जनवरी में मेवात के पिनगवां कस्बे स्थित सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक में कुछ चोरों ने बैंक में सेंध लगाकर बैंक के अंदर लाकरों को हथौड़े से तोड़ने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। 
अब एक क्लीक में खुलेगा अपराधी का चिट्ठा 
हरियाणा स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को अब केंद्र के इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को एग्जीक्यूट करना होगा। केंद्र का यह सॉफ्टवेयर एक डेटा, 1 एंट्री सिद्धांत पर काम करेगा। इस सॉफ्टवेयर के जरिए देश के क्रिमिनल्स का डाटा अपडेट किया जाएगा। मसलन किसी भी कोन में बैठकर एक क्लिक से हार्ड कोर क्रिमिनल का कच्चा चिट्‌ठा खुल कर सामने आ जाएगा। आईसीजेएस परियोजना यानी के इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के फर्स्ट फेज में अलग-अलग आईटी सिस्टम को लागू और व्यवस्थित किया गया है। इन सिस्टम को रिकॉर्ड को सर्च करने में भी सक्षम बनाया गया। वहीं सेकेंड फेज में ‘एक डेटा, एक एंट्री‘ के सिद्धांत पर तैयार किया गया है, जिसके तहत डेटा केवल एक कॉलम में केवल एक बार दर्ज किया जाएगा, फिर वही डेटा अन्य सभी कॉलम में दर्ज हो जाएगा। इसके लिए प्रत्येक कॉलम में डेटा की फिर से एंट्री करने की जरूरत नहीं होती है। 
अब तक 45 वाहन हो चुके ट्रेस 
हरियाणा पुलिस के अनुसार परियोजना को केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में प्रदेश में लागू किया गया है। हरियाणा पुलिस ने आईसीजेएस परियोजना का उपयोग करते हुए 45 वाहनों को ट्रेस करने में, 67 उद्घोषित अपराधियों व बेल जम्पर्स और 02 मोस्ट वांटेड अपराधियों को ढूंढने में सफलता प्राप्त की है। इसके अतिरिक्त उक्त डेटा पर ही 4 एफआईआर भी प्रदेश में दर्ज की गई हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि एक अपराधी कई राज्यों में वांछित होता है और किसी अन्य राज्य में जेल में बंद होता है। ऐसी स्थिति में इस सॉफ्टवेयर पर जो डाटा बेस उपलब्ध है उसकी सहायता से अपराधियों की वर्तमान लोकेशन को ढूंढा जा सकता है। इसके अलावा, सॉफ्टवेयर के माध्यम से चोरी हुए वाहनों का पता लगा सकते हैं।
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वर्जन 
नशे की लत चोरियों का कारण 
रोहतक में बढ़ती चोरी की वारदातों के पीछे ज्यादातर पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ और जांच में इस बात का खुलासा हो रहा है कि ज्यादातर अपराधी नशे की लत की पूर्ति करने के लिए चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल चोरी की वारदात बढ़ने के पीछे यही सबसे बड़ा कारण सामने आ रहा है। पुलिस चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार निगरानी कर रही है। खासतौर से जेल से जमानत या सजा काटकर आने वाले अपराधियों खास नजर रखी जा रही है। -उदय सिंह मीना, एसपी, रोहतक। 
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टेबल 
तीन साल में बढ़े 25 फीसदी चोरियों के मामले
वर्ष  सामान्य  चोरी  वाहन चोरी  घरेलू चोरी 
   (आईपीसी 379) 
2019  20658            14636          6022 
2020  27011           18322           8689 
2021  25792           17618           8174
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20Mar-2023

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