सोमवार, 18 जुलाई 2022

मंडे स्पेशल: भारतमाला परियोजना से बदल जाएगी हरियाणा की तस्वीर

राज्य की सड़कें पेरिस से करेंगी मुकाबला 
दो लाख करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं पर चल रहा काम 
राज्य के कई जिलों से होकर गुजरेंगे आर्थिक कॉरिडोर ओ.पी. पाल.रोहतक। अगले तीन सालों में प्रदेश की तस्वीर बदलने वाली है। राज्य में हाईवे का ऐसा जाल बिछ जाएगा कि हरियाणा ही पेरिस दिखाई देने लगेगा। इससे न केवल रोजगार बढ़ेंगे, बल्कि प्रदेश के एक से दूसरे छोर तक का सफर भी आधे से कम समय में तय होगा। भारतमाला परियोजना के तहत अकेले हरियाणा में दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राष्ट्रीय सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है। जिसमें आर्थिक कॉरिडोर, अंतर-गलियारे और फीडर मार्ग, सीमा और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी सड़कें, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय कॉरिडोर दक्षता कार्यक्रम के अलावा लाजिस्टिक पार्क और मैकेनाइज्ड वेयर हाउस व कोल्ड स्टोर विकसित होंगे। अभी तक धरातल पर करीब 60 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है, जिसमें कुछ परियोजनाओं का काम पूरा भी हो चुका है। 1.40 करोड़ के प्रोजेक्ट कागजों में फाइनल हो चुके हैं। जल्द ही जमीन पर काम शुरू होगा। जिससे न केवल सड़कों का जाल बिछ जाएगा, बल्कि सभी हाईवे आपस में भी मिल जाएंगे। खास बात यह कि हर जिले में बाईपास होगा। आर्थिक कॉरिडोर से न केवल युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि प्रदेश में उद्योगों की लंबी कतार होगी। जिससे सरकार के राजस्व में खासा इजाफा हो जाएगा। 
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हरियाणा को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना वरदान साबित होने जा रही है, जिसमें प्रदेशभर में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। इस परियोजना के तहत राज्य में 11 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे और 35 राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण का काम हो रहा है। इस समय प्रदेश में अब तक स्वीकृत 17 नए राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में 11 राजमार्गों पर काम चल रहा है और 6 पर जल्द निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। खासबात ये है कि भारतमाला परियोजना के तहत देश को चारो दिशाओं में सड़क कनेक्टिविटी से जोड़ने वाले हाईवे या आर्थिक गलियारे हरियाणा के केई जिलों, कस्बो व गांवों से होकर गुजरेंगे। इस परियोजना के तहत हरियाणा में दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की सड़क योजनाओं के तहत दिल्ली-बडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे राज्य के सबसे पिछड़े मेवात जिले के दर्जनों गांवों की सूरत बदलता नजर आने लगा है। इसमें 130 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में है जिसमें 3 फलाईओवर भी बनाए जा रहे हैं। फिलहाल प्रदेश में हरियाणा में 36 हजार करोड़ रुपये की लागत से 608 किलोमीटर के तीन एक्सप्रेसवे के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। इसके अलावा प्रदेश में करोड़ों की लागत से कई सड़क परियोजनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। प्रदेश में बिछाए जा रहे सड़कों का जाल से औद्योगिक निवेश के साथ रोजगार के अवसर सृजित होंगे। सरकार ने पांच वर्षों में पांच करोड़ रोजगार सृजन करने का लक्ष्य रखा गया है। 
जींद जिले की बदलने लगी तकदीर 
प्रदेश जींद जिला ऐसा था, जहां एक भी राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं था। लेकिन अब इस योजना के तहत जींद जिले को छह राष्ट्रीय मार्ग की पहली बार में बड़ी सौगात मिली है। जबकि दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे रोहतक, कैथल व जींद और अंबाला-कोटपुतली आर्थिक गलियारा आठ जिलों कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ की तस्वीर बदलने का सबब बनेगा। इसी प्रकार देश का उत्तर-दक्षिण आर्थिक कॉरिडोर दिल्ली के बाद रोहतक, हिसार व सिरसा से होकर गुजरेगा। जबकि प्रदेश में भारतमाला परियोजना के तहत इंटर कॉरिडोर के निर्माण में गुडगांव-सीकर, रोहतक–रेवाडी और रोहतक-पानीपत, फीडर रुट में भिवानी–नारनौल, रोहतक–जींद, गुरुग्राम पटौदी रेवाड़ी, करनाल-मेरठ, सिकंदरा रेवाडी, बिलासपुर दिल्ली, गुरुग्राम झज्जर, धारुहेडा सोहना, दिल्ली सिरसा मार्ग को शामिल किया गया है। इसके अलावा इन सड़क परियोजनाओं के तहत एलिवेटिड हाईवे, अंडरपास तथा फलाईओवर बनाए जा रहे हैं। 
ऐसे जुडेगा उत्तर से दक्षिण हरियाणा 
भारतमाला परियोजना के तहत अंबाला और जयपुर के बीच दूरी व समय को कम करने के मकसद से उत्तर-दक्षिण ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में 313 किलोमीटर के अंबाला-कोटपुतली आर्थिक गलियारे के हिस्से के रूप में विकसित किया जा रहा है। दक्षिण हरियाणा में नारनौल के साथ अंबाला के पास इस्माइलाबाद-गंगेरी को जोड़ने वाले मार्ग के रूप में 9200 करोड़ रुपये की लागत वाले छह लेन के निर्माणधीन 227 किमी ट्रांस-हरियाणा एक्सप्रेसवे (एनएच-152डी) एक्सप्रेसवे प्रदेश के महेन्द्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी, रोहतक, जींद, करनाल, कैथल व कुरुक्षेत्र यानि प्रदेश के 8 जिलों से होकर गुजरता है, जो उत्तर हरियाणा और दक्षिण हरियाणा को जोड़ेगा। यही नहीं यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पीलू खेड़ा या जींद के आसपास के इलाकों से इंटरकनेक्ट होगी। यहीं नहीं हरियाणा में पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर ट्रांस हाईवे डबवाली से पानीपत तक बनाने के कार्य को भी मंजूरी मिल गई है, जिसका निर्माण कार्य इसी वर्ष शुरू होने की उम्मीद है। 
छह शहरों में बनेंगे बाईपास 
केंद्र सरकार ने पिछले मार्च माह में हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र में भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत एनएच-152जी (शाहबाद-थोल फीडर रूट का हिस्सा) के ग्रीनफील्ड जलबेहरा-शाहबाद खंड के 4-लेन निर्माण कार्य को 927.22 करोड़ बजट के साथ स्वीकृति दी गई है। वहीं हिसार-जींद-कैथल व करनाल सहित 6 शहरों के बाईपास के निर्माण के लिए भी मंजूरी दी जा चुकी है। जबकि रेवाड़ी में बाईपास का निर्माण अंतिम चरण में है। उधर केंद्र सरकार ने पिछले दिनों ही पटियाला से कुरूक्षेत्र होते हुए यमुनानगर तक तथा हिसार से रेवाड़ी तक के हाइवे के निर्माण को भारतमाला परियोजना के दूसरे चरण में शामिल किया है। 
छह जिलों के 62 गांव होंगे आबाद 
भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस हाईवे का काम शुरू हो गया है, जो वेस्टर्न पेरिफल एक्सप्रेसवे से खरखौदा के निकट हरियाणा के झज्जर जिले के गांव निलौथी से शुरू होकर सोनीपत, रोहतक, जींद, करनाल व कैथल से होते हुए पंजाब की सीमा से गुजरेगा। इसमें प्रदेश के छह जिलों के 62 गांवों यानी झज्जर के दो, सोनीपत के 19, रोहतक के 11, जींद के 16 और कैथल के 14 गांवों समेत आस-पास के क्षेत्रों में विकास में बड़ी सहायता मिलेगी। इसी प्रकार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे नूंह जिले के तीन खंडों नूंह, नगीना और फिरोजपुर झिरका के करीब 47 गांवों के बीच से यह मार्ग गुजरेगा। 
करनाल में रिंग रोड़ 
प्रदेश के करनाल में भारतमाला परियोजना के तहत 34 किलोमीटर लंबा छह लेन का रिंग रोड का निर्माण शुरू हो चुका है। इस रिंग रोड से करनाल जिले के नीलोखेड़ी के साथ लगते गांव शामगढ़, दादूपुर, झंझाली, कुराली, दरड़, सलारू, ठपराना, दनियालपुर और नेवल तथा करनाल के गांव कुंजपुरा, सुभरी, छपराखेड़ा, सुहाना, शेखपुरा, रावर, गांजोगड़ी, बड़ौदा, कुटेल, ऊंचासमाना तथा घरोड़ा के गांव खड़काली, झीमरहेड़ी, सलाखा व बिजना सहित कुल 23 गांव गांव जुडेंगे। इस राजमार्ग निर्माण के दूसरे चरण में नेशनल हाईवे से पश्चिमी यमुना की पटरी पर बनी सड़क कैथल मार्ग को क्रॉस करती हुई बड़ौदा गांव तक जाएगी। वहां से खरखाली, झीमरहेड़ी से निकलते हुए एनएच 44 को पार करते हुए रिंग रोड से जा मिलेगी। परियोजना में करीब 50 हेक्टेयर क्षेत्र में गंजोगढ़ी गांव के पास लाजिस्टिक पार्क बनाना प्रस्तावित है, जिसमें मैकेनाइज्ड वेयर हाउस व कोल्ड स्टोर बनेंगे। 
आठ साल में हुए 1190 किमी हाइवे का निर्माण 
हरियाणा में वर्ष 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 2050 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर करीब 3,240 किलोमीटर हो गई है। राज्य में प्रति 1000 किलोमीटर में एनएच की 75 किलोमीटर सघनता देश के बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा है। भारतमाला परियोजना के चलते भविष्य में हाइवे के अलावा एक्सप्रेसवे और एक जिले से दूसरे जिले तथा अन्य प्रदेश से सीधे सड़क कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। 
जेवर एयरपोर्ट से जुड़ेगा प्रदेश 
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह ही हरियाणा को एक और तोहफा दिया है, जिसमें भारतमाला परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के डीएनडी फरीदाबाद-बल्लभगढ़ बाईपास केएमपी लिंक के जरिए दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को जोड़ते हुए जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक 2,414.67 करोड़ रुपए की लागत से ग्रीनफील्ड कनेक्टिविटी के निर्माण किया जाएगा। 
18July-2022

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