रविवार, 12 जून 2022

पेंसिल से देश में सुधर सकता है बाल श्रम

विश्व बाल श्रम दिवस आज 
ओ.पी. पाल
नई दिल्ली। हर साल 12 जून को दुनिया भर में विश्व बाल श्रम दिवस मनाया जाता है। भारत में बाल श्रमिकों की संख्या 1.01 करोड़ है, जिसमें 56 लाख लड़के और 45 लाख लड़कियां हैं, जो दुनिया भर में सभी बाल श्रमिकों में से लगभग दस में से एक है। केंद्र सरकार ने भारत पेंसिल पोर्टल के जरिए बाल श्रम में सुधार करने की पहल की है। केंद्र सरकार द्वारा बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में वर्ष 2017 में प्लेटफॉर्म फॉर इफेक्टिव एनफोर्समेंट फॉर नो चाइल्ड एनफोर्समेंट (पेंसिल) पोर्टल लांच किया था, जिस अभी तक 197412 बच्चों की पहचान की गई है, जिसमें 124268 बच्चों को विशेष प्रशिक्षण केंद्र की मुख्यधारा जोड़ा गया है। इसके अलावा 39660 बच्चों का विशेष प्रशिक्षण केंद्र के लिए पंजीकरण किया जा चुका है। चिंताजनक पहलू ये है कि पिछले कुछ वर्षों में में गिरावट के बावजूद, बच्चों का उपयोग अभी भी बाल श्रम के बंधुआ मजदूरी, बाल सैनिकों और तस्करी जैसे कुछ गंभीर गतिविधियों में हो रहा है। भारत में ईंट भट्टों, कालीन बुनाई, परिधान निर्माण, घरेलू सेवा, भोजन और जलपान सेवाओं, कृषि, मत्स्य पालन और खनन जैसे उद्योगों में बाल श्रमिक काम करते हैं। 
बाल श्रम पर गंभीर सरकार 
भारत सरकार बाल श्रम को खत्म करने के लिए बहुआयामी रणनीति अपना रही है, जिसमें विधायी उपाय, पुनर्वास रणनीति, मुफ्त शिक्षा का अधिकार प्रदान करना और सामान्य सामाजिक-आर्थिक विकास शामिल हैं, ताकि बाल श्रम की घटनाओं को खत्म किया जा सके। वैधानिक और विधायी उपायों, पुनर्वास रणनीति और शिक्षा के उद्देश्य से ही सरकार ने बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 को भी 2016 में संशोधित कर कड़ा कया है। कानून के तहत बाल श्रम कराने वाले नियोक्ताओं के लिए कड़ी सजा प्रदान है यानी अधिनियम और अपराध को संज्ञेय बना दिया। देश में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की जारी रिपोर्ट के अनुसार 1.01 करोड़ बाल श्रमिकों में 5 से 9 साल की उम्र के 25.33 लाख बच्चे काम करते हैं। जबकि 10 से 14 वर्ष की उम्र के 75.95 लाख बच्चे कामगार हैं। रिपोर्ट के अनुसार बाल और किशोर श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत क्रमशः कैलेंडर वर्ष 2018, 2019 और 2020 के दौरान 464, 772 और 476 मामले दर्ज किए गए। 
संवैधानिक और कानूनी प्रावधान 
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 के अनुसार किसी भी प्रकार का बलात् श्रम निषिद्ध है। अनुच्छेद 24 के तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चे को खतरनाक काम के लिए नियुक्त नहीं किया जा सकता। जबकि अनुच्छेद 39 में श्रमिकों, पुरुषों और महिलाओं के स्वास्थ्य और ताकत और बच्चों की कोमल उम्र का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। 
श्रम दिवस का महत्व 
विश्व बाल श्रम दिवस का यह दिन मूल रूप से बच्चों की उन्नति के इर्द-गिर्द केंद्रित है, और यह बच्चों के लिए शिक्षा और सम्मानजनक जीवन के अधिकार को सुरक्षित करता है। इस दिवस को मनाने का महत्व तभी है जब हम बाल श्रम को खत्म करने में मदद करने के लिए अपने दायित्वों को निभाएं। निःसंदेह ऐसे बच्चे देश और दुनिया के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान देंगे। 
  12June-2022

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