सोमवार, 25 अप्रैल 2022

मंडे स्पेशल: सरकारी स्कूलों में वजीफा लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा

सरकार लगातार स्कूलों के हालात सुधारने और विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने में जुटी 
ओ.पी. पाल.रोहतक। सरकारी स्कूलों में घटती विद्यार्थियों की संख्या की चिंता के बीच आर्थिक रूप से कमजोर और पढ़ाई में होशियार विद्यार्थियों को वजीफा मुहैया कराने के लिए चलाई जा रही विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएं शायद अभिभावकों को प्रभावित करती नजर आ रही हैं। इसकी पुष्टि राज्य में चल रही राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल योजना के तहत पिछले चार साल में कक्षा नौ से 12वीं तक के विद्यार्थियों को मिलने वाले वजीफे की लगातार बढ़ती संख्या और रकम से हो रही है। मसलन पिछले तीन साल में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत हरियाणा के 98 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को 67 करोड़ रुपये से ज्यादा की छात्रवृत्ति दी गई है, जबकि अकेले वर्ष 2021-22 में इस योजना के तहत एक लाख से ज्यादा आवेदनों में से अब तक मंजूर किय गये 62,513 छात्र छात्राओं की संख्या के हिसाब से 45 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति की रकम राज्य के हिस्से में आने की संभावना है। ये हालात तब हैं, जब एनएसपी योजना में करीब 50 फीसदी विद्यार्थियों के आवेदन नामंजूर हो रहे हैं। राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के इन्हीं योजनाओं के सहारे लगातार प्रयास में जुटी है और हाल ही में शुरू हो रहे शैक्षिण सत्र में तीन लाख विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। इसके अलावा राज्य के स्कूलों, कालेजों और व्यवसायिक व तकनीकी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को आर्थिक मदद और मेधावी छात्रों कई प्रकार की छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रोत्साहन राशि दे रही है। 
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हरियाणा में सरकारी स्कूलों के हालात कुछ भी हों, लेकिन वजीफा लेने वालों विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदेश सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं से इतर साल सितंबर 2018 में केंद्र सरकार की शुरू हुई योजना राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल योजना प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रीमैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक के गरीब छात्र-छात्राओं के लिए आर्थिक मदद की दृष्टि से वरदान साबित होती आ रही है। सरकार का मकसद भी इस योजना के तहत प्रदेश के मेधावी और जरूरतमंद छात्रों खासकर गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए वित्तीय सहायता देना है। इस योजना के तहत प्रत्येक चयनित विद्यार्थी को 12 हजार रुपये सालाना सीधे उनके खातों में जमा कराए जाते हैं। इस योजना के लिए प्रीमैट्रिक यानि आठवीं कक्षा कम से कम 55 प्रतिशत अंको से उत्तीर्ण करना अनिवार्य है और उनके परिवार की सालाना आय डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा हरियाणा सरकार ने अब डा. अंबेडकर मेधावी छात्र योजना में संशोधन करते हुए अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग के साथ ही प्रदेश के अन्य सभी वर्गों के छात्रों को भी इस योजना में शामिल करने की पहल की है। वहीं राज्य स्तर पर किसी भी खेल में पहले तीन स्थान हासिल करने वाले खिलाड़ी छात्रों को भी छात्रवृत्ति देने का ऐलान किया गया है। 
वरदान बना एनएसपी 
प्रदेश में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के तहत वजीफा लेने के लिए साल 2021-22 के लिए 63,842 छात्राओं समेत 1,24,499 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है, जिनमें छात्रवृत्ति के लिए 62,513 आवेदन मंजूर किये जा चुके हैं और 58,750 विचाराधीन है। जबकि पिछले तीन साल के आंकड़ों पर गौर किया जाए, तो हरियाणा में साल 2020-21 में 52,561 आवेदकों में से चयनित 38,224 विद्यार्थियों के बैंक खातों में 30.88 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति भेजी गई। जबकि साल साल 2019-20 में 40,958 आवेदकों में से चयनित 29,240 विद्यार्थियों को करी 21.74 करोड़ रुपये तथा 2018-19 में पहली बार 53,988 आवेदनों में से चुने गये 30,200 विद्यार्थियों को 14.44 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। प्रदेश में इस योजना के तहत साल 2021-22 में वजीफा लेने के लिए दो गुना से भी ज्यादा बढ़े विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए यह बात तय मानी जा रही है कि हरियाणा के ऐसे छात्रों के खातों में आने वाली रकम 45 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो सकती है। 
ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा रुझान 
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत ऑनलाइन छात्रवृत्ति के लिए वर्ष 2021-22 में एक लाख से ज्यादा आवेदन करने वालों में ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों की संख्या 93865 है, ता शहरी क्षेत्र के 30633 विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किये हैं। जबकि सबसे ज्यादा 65,619 आवेदक अनुसूचित जाति और 58,880 ओबीसी वर्ग के विद्यार्थी हैं। इनमें से अनुसूचित जाति के 33157 और ओबीसी के 29484 विद्यार्थियों का छात्रवृत्ति के लिए योजना के तहत चयन किया गया है। इन आवेदकों में सर्वाधिक 12351 हिसार जिले और सबसे कम 996 पंचकूला जिले के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी शामिल हैं। 
छात्राओं से आगे छात्र 
प्रदेश में छात्रवृत्ति की इस योजना के तहत पहले तीन सालों के दौरान हरियाणा के विद्यार्थियो के हिस्से में आई कुल 67.05 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति की रकम 76,942 छात्रों में से 50,849 और 59,712 छात्राओं में से 42,552 के खातों में छात्रवृत्ति की रकम भेजी गई। छात्रों को 34.82 करोड़ रुपये तथा छात्राओं को 32.21 करोड़ रुपये की राशि दी गई। बाकी छात्रवृत्ति की रकम अन्य वर्ग के प्री और पोस्ट मैट्रिक के गरीब छात्रों और मेधावी छात्रों को वितरित की गई। 
उच्च शिक्षा में छात्राओं को वजीफा 
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल की प्रगति और सक्षम योजनाओं के तहत मेधावी छात्राओं और विशेष रूप से विकलांग छात्राओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। प्रगति योजना में छात्रवृत्ति की राशि फीस, पुस्तकों की खरीद, उपकरण, वाहन, परीक्षा शुल्क आदि के लिए कुल राशि के रूप में प्रदान की जा रही है। जबकि सक्षम योजना में छात्राओं को उनकी इच्छा के अनुसार उच्च अध्ययन के लिए अपने खर्चों को पूरा करने के मकसद से वित्तीय सहायता दी जाती है, जो पढ़ाई में उनकी वित्तीय बाधाओं को दूर करेगी। 
प्राइमरी से उच्च शिक्षा तक मदद 
प्रदेश में केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं के अलावा राज्य स्तर पर प्रदेश सरकार कक्षा एक से उच्च शिक्षा तक के लिए प्रोत्साहन देकर योग्य और जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं चला रही है। इसी दिशा में सरकार के 4 प्रमुख विभागों की 10 छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए हर-छात्रवृत्ति पोर्टल के रूप में एक केंद्रीकृत राज्य छात्रवृत्ति पोर्टल विकसित किया गया है, जिसे हरियाणा सरकार की परिवार पहचान पत्र योजना के साथ एकीकृत है। इसमें हरियाणा से बाहर पढ़ने वाले राज्य के छात्र भी शामिल किये गये हैं। नेशनल छात्रवृत्ति योजना के अलावा राज्य सरकार प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक के बीपीएल छात्रों के लिए मासिक वजीफा, ओबीसी छात्र/छात्राओं के लिए मासिक भत्ता, शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए राजीव गांधी छात्रवृत्ति, राज्य मेधावी प्रोत्साहन योजना, हरियाणा राज्य मेरिट छात्रवृत्ति, एससी छात्रों के लिए समेकित वजीफा योजना जैसी कई योजनाओं से आर्थिक मदद के लिए योजनाओं को अंजाम दिया है। यही नहीं राज्य सरकार छात्रों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत कक्षा 8 तक की मुफ्त पाठ्यपुस्तकें और कार्य पुस्तिकाएँ प्रदान कर रही है। 
25Apr-2022

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