सोमवार, 27 दिसंबर 2021

मंडे स्पेशल: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिकॉन से दहशत में प्रदेश!

थोडी भी लापरवाहीं हर किसी के लिए पड़ सकती है महंगी 
ओ.पी. पाल. रोहतक। कोरोना की तीसरी लहर की चर्चाएं जोरों पर हैं। ओमिक्रॉन के रूप में कोरोना महामारी का नया वैरिएंट तेजी से पांव पसार रहा है। इससे निपटने के लिए प्रदेश सरकार चौकस दिखती है और रात्रि कफर्यू समेत कइ उपयों का ऐलान कर दिया है। बाजार भी सुनवान होने लगे हैं और आम आदमी का कोरोना का भय भी स्पष्ट दिखाई देने लगा है। लेकिन धरातल पर अभी भी वो व्यवस्थाएं नजर नहीं आती, जिनकी कमी दूसरी लहर के दौरान खली थी। हालांकि सरकार ने अनेक आक्सीजन प्लांट शुरू कर दिये हैं, लेकिन सरकार ढांचागत अस्पतालों की परिस्थितियों में बदलाव दिखाई नहीं दे रहा है। दूसरी लहर के दौरान पानीपत व हिसार में बनाए गये अस्थाई अस्पताल अफसरों की कार्यप्रणाली को दर्शाते हैं यानी पानीपत में तो कोरोना मरीजों के लिए बनाए गये अस्पताल का पूरा टैंट ही गायब हो चुका है। जबकि हिसार में टैंट तो है ल किन सुविधाओं का कुछ अता-पता नहीं है। राजकीय अस्पतालों में आक्सीजन व दवाईयां तो हैं लेकिन कर्मचारियों का रवैया देखकर डर लगता है कि कहीं तीसरी लहर में हालात वैसे डरावने न हो जाएं जैसे दूसरी लहर क दौरान थे।
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विश्वभर में दहशत फैला रहे कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने भारत के कई राज्यों के साथ हरियाणा में चार मरीजों के साथ दस्तक भी दे दी है। प्रदेश सरकार ने ओमिक्रॉन से निपटने के लिए सभी जिला प्रशासन को निर्देश देते हुए कई उपायों का ऐलान कर दिया है। रात्रि कफर्यू के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे आमजनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया है, जिन्होंने कोरोना रोधी वैक्सीन नहीं ली है। यही नहीं किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों, व्यवसायिक संस्थानों और किसी भी वाहन में वैक्सीन की डोज लिए के बिना सफर तक करने से वंचित रहना पड़ सकता है। देखने में आ रहा है कि लोगों में ओमिक्रोन का भय तो है, लेकिन वे बचाव के उपायों या सरकार के महामारी बचाव के लिए जारी हिदायतों को नजरअंदाज करते दिख रहे हैं। प्रदेश सरकार ओमिक्रॉन से निपटने के लिए टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया है, लेकिन प्रशासन की लगतार अपील के बावजूद भी आमजन सतर्कता बरतते नजर नहीं आ रहे हैं। ओमिक्रॉन को लेकर सरकार को उम्मीद है कि तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए पहले ही प्रदेशभर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा त्वरित तौर पर सक्रिय करने को लेकर की गई तैयारियों से ऐसे समय में विभिन्न कमियों को दूर करना मुश्किल नहीं होगा। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग सभी अस्पतालों में व्यवस्था का जायजा लेकर उन्हें दुरस्त करने में जुटे हुए हैं। 
नए साल से बढ़ेगी मुसीबतें 
प्रदेश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के लिए रात्रि कर्फ्यू लागू करने के अलावा एक जनवरी यानि नए साल से दूसरी लहर से भी ज्यादा सख्त उपायों का ऐलान किया है। मसलन नए साल से रिक्शा, कार, बस, ट्रेन या अन्य किसी वाहन में वहीं सफर कर सकेगा, जिसने कोरोना रोधी वैक्सीन की डोज लगवा रखी होगी। इसी प्रकार की पाबंदी, सरकारी व निजी कार्यालयों, अस्पतालों, होटलों, रेंस्तरों, रेस्टोरेंट या अन्य किसी भी सार्वजनिक जगहों पर प्रवेश करने के लिए अनिवार्य की गई है। नए साल से शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए भी 18 साल से ज्यादा उम्र वाले विद्यार्थियों को वैक्सीन की डोज लिए बिना प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। 
तैयारी के बावजूद बड़ी चुनौती 
प्रदेश में भले ही सरकार के निर्देश पर कोरोना के नए वैरिएंट से निपटने की तैयारी की जा रही है, लेकिन प्रदेश हर जिले में स्वास्थ्य विभागों में लैब टेक्नीशियनों और अन्य तकनीकी पदों की हजारों की संख्या में कमी बड़ी चुनौती बन सकती है। हालांकि तीसरी लहर से निपटने के लिए पूर्व में की गई तैयारियों के तहत सरकारी डॉक्टरों को वेंटिलेटर ऑपरेट करने, स्टाफ नर्सों को ऑक्सीजन कंसट्रेटर ऑपरेट करने और स्टाफ को लगातार संक्रमण कंट्रोल करने का प्रशिक्षण देने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया। निजी डिप्लोमाधारियों को भी सरकार इस प्रकार का प्रशिक्षण देने का दावा कर रही है। 
ऑक्सीजन की कमी नहीं 
हरियाणा सरकार के कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की आहट देखते ही जारी हुए आदेश के बाद राज्य में सभी 90 ऑक्सीजन प्लांटों को संचालित कर दिया गया है। प्रदेशभर के अस्पतालों में भी आक्सीजन और दवाईयों की कोई कमी नहीं है, लेकिन सरकारी अस्पतलों के कर्मचारियों के दूसरी लहर के दौरान देखे गये रवैये और निजी अस्पतालों के मनमानी वसूली को लेकर आम लोगों में ओमिक्रॉन वैरिएंट का भय बना हुआ है। हालांकि सरकार का दावा है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की जांच के लिए जीनोम सिक्वेंस की आवश्यकता को पूरा करने के लिए रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में भेंट की गई एक मशीन का संचालन भी शुरू हो गया है और इस मशीन के मार्फत जीनोम सिक्वेंसिंग का काम शुरू हो गया है। मसलन अब जीनोम सिक्वेंस के लिए कोरोना जांच के नमूने दिल्ली भेजने की जरुरत नहीं पड़ेगी। सरकार ने तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए पहले ही प्रदेशभर में स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से त्वरित तौर पर सक्रिय करने के लिए विभिन्न कमियों को दूर किया जा रहा है। 
अस्थाई अस्पतालों के उखड़े तंबू 
प्रदेश सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मची तबाही के मद्देनजर जहां ऑक्सीजन प्लांटों को दुरस्त कराया था, वहीं पानीपत में रिफायनरी के निकट ही प्रदेश में सबसे बड़े कोरोना केयर सेंटर के रूप में 504 बेड वाला अस्थाई अस्पताल इसलिए बनाया था, कि तीसरी लहर आने पर मरीजों के लिए व्यवस्था दुरस्त रह सके, लेकिन ओमिक्रॉन के प्रदेश में दस्तक के बाद देखा गया कि जहां यह अस्पताल बनाया गया था, वहां पूरा अस्पताल समतल मैदान बना हुआ है। इसी प्रकार दूसरा अस्थाई अस्पताल हिसार जिला मुख्यालय में बनाया गया था, जिसका ढांचा तो है, लेकिन उसमें की गई सुविधाएं गायब हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ओमिक्रॉन वैरिएंट को देखते हुए इस अस्पताल को फिर से बहाल करने का प्रयास कर रहा है। 
पानीपत में प्रशासन सतर्क 
प्रदेश सरकार के आदेश के बाद पानीपत जिला प्रशासन कोरोना के नए वैरिएंट के प्रति सतर्क होकर तैयारियों में जुटा हुआ है। जिल में स्वास्थ्य विभाग ने प्रशासन के साथ मिलकर ऑक्सीजन प्लांट, सरकारी अस्पताल में 47 वेंटिलेटर, 687 ऑक्सीजन बेड, 569 नॉन ऑक्सीजन बेड, 150 आईसीयू बेड की व्यवस्था पूरी कर ली है। सभी सरकारी डॉक्टरों को वेंटिलेटर ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। स्टाफ नर्सों को ऑक्सीजन कंसट्रेटर ऑपरेट की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। स्टाफ को लगातार संक्रमण कंट्रोल करने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं 75 ऑक्सीजन कंसट्रेटर मशीने संचालन में हैं और 28 बेड का आइसोलेशन वार्ड भी तैयार है, 60 का बनना है। 10 एपिड्यूरल इन्फ्यूजन पंप (दवा को सही मात्रा में पहुंचाने का एक सिस्टम), 10 मल्टी पैरामीटर(ब्लड प्रेशर, धड़कन, आक्सीजन लेवल बताने वाला सिस्टम), 30 नेजल प्रान, 16 नेबुलाइजर हैं। 
बेहद खतरनाक है ओमिक्रॉन 
विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन ओमिक्रॉन कितना खतरनाक इसकी जानकारी स्वास्थ्य ऐजेंसियों को होना आवश्यक है। इससे पहले कोरोना वायरस का नया रूप डेल्टा आया, इसमें 13 म्यूटेशन थे, जिसने सीधे फेफड़ों पर असर किया। अब ओमिक्रॉन में 50 म्यूटेशन हैं। इसलिए ये तेजी से फैलेगा। ओमिक्रॉन वैरिएंट में 50 म्यूटेशन हैं, जिसकी वजह यह तेजी से फैलेगा। इस वैंरिएंट को लेकर वैज्ञानिक इस बात का अध्ययन करने में जुटे है कि इससे संक्रमित होने वलों को कितना नुकसान होगा और इसके बचाव के लिए कौन सी दवाई असरदार होगी? इस संबन्ध में पीजीआई में कोवैक्सीन ट्रायल के इन्वेस्टीगेटर और कम्यूनिटी मेडीसन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. रमेश वर्मा का कहना है कि इससे घबराने की जरुरत नहीं है, जिसने कोरोनारोधी वैक्सीन की डोज ले ली है, उसके लिए इस वैरिएंट का खतरा बेहद कम है। यदि ऐसा व्यक्ति इससे संक्रमित हो भी जाता है तो उसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति नहीं आएगी। लेकिन बच्चों के लिए यह ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है, जो ज्यादा चिंता पैदा करता है। हालांकि बच्चों को ज्यादा नुकसान नहीं होगा। 
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आयुर्वेद में ये इलाज 
ओमिक्रॉन वायरस से बचने के लिए हर व्यक्ति को शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लगातार प्रयास करना चाहिए। विटामिन-सी के रूप में आंवला, गिलोय खाने के अलावा एक चम्मच का चौथा हिस्सा हल्दी सबसे लाभकारी होगी। संक्रमित और स्वस्थ्य व्यक्ति दोनों ही इसे कर सकते हैं। फेफड़ों को बचाने के लिए बनस्पा का चूर्ण लें, खांसी हो तो मुलहैटी या शीतोप्लादी लें। च्यवनप्राश का सेवन करें, ये एंटी ऑक्सीडेट होता है। सबसे महत्वपूर्ण गर्म पानी की भाप जरूर लें। योग और व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें। डॉ. संजय जाखड़, आयुर्वेद विशेषज्ञ 27Dec-2021

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