गुरुवार, 28 नवंबर 2013

भारतीय ओलंपिक संघ की मान्यता पर भी संकट!

 आईओसी ने ओलंपिक संघ को दिया अंतिम अल्टीमेटम
ओ.पी.पाल

निलंबित चल रही भारतीय ओलंपिक संघ की मान्यता पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यदि नौ दिसंबर तक संविधान संशोधन करके निष्पक्ष चुनाव न कराए गये तो आईओए की मान्यता भी रद्द होने से कोई नहीं रोकी जा सकेगी। ऐसी स्थिति में अंतर्राष्ट्रीय  ओलंपिक समिति उसके स्थान पर एक तदर्थ समिति को स्थान देने के लिए मजबूर होगी।
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति यानि आईओसी ने निलंबित भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को अंतिम अल्टीमेटम देते हुए अपने संविधान में संशोधन करने और फिर से निष्पक्ष तरीके से संशोधित संविधान के अनुसार चुनाव कराने के लिए कहा है जिसके लिए आईओसी ने नौ दिसंबर तक की समयसीमा तय की है। आईओसी ने भारतीय ओलंपिक संघ को चेतावनी के रूप में लिखे पत्र में कहा है कि यदि आईओए इस समयसीमा में संविधान संशोधित करके चुनाव कराने में विफल होती है तो भारतीय ओलंपिक संघ की मान्यता बहाल होने का कोई सवाल नहीं है। हालांकि ऐसी स्थिति में आईओसी ने आईओए के स्थान पर एक तदर्थ समिति को शामिल करने की बात कही है। खेल विशेषज्ञ राकेश थपलियाल का कहना है कि पिछले एक साल से ज्यादा समय से भारतीय ओलंपिक संघ पर संकट के बादल छाए हुए हैं और आईओसी की बार-बार की चेतावनी के बावजूद ओलंपिक समिति संविधान में संशोधन करने के लिए किसी भी प्रकार गंभीर नहीं दिखी। हालांकि केंद्रीय खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह ने भारतीय ओलंपिक संघ का निलंबन निरस्त कराने के लिए अनेक प्रयास किये हैं। इसलिए यदि भारतीय ओलंपिक संघ भारतीय खिलाड़ियों के प्रति जरा भी गंभीर है तो उसे दी गई समय सीमा के भीतर इन सब कार्यवाही की औपचारिकताएं पूरी कर लेनी चाहिए। यह भी गौरतलब है कि भारतीय ओलंपिक संघ ने पिछले महीने अपनी विशेष आम बैठक में आईओसी द्वारा सुझाए गए प्रावधानों को मानने से इनकार कर दिया था, जिसके अनुसार आरोपित व्यक्ति खेल संघ में किसी भी पद पर नहीं बने रह सकते। आईओए ने इसकी जगह सिर्फ दोषी व्यक्तियों को आईओए का सदस्य बनने से प्रतिबंधित किए जाने का सुझाव दिया था। ऐसे में निलंबित आईओए की बहाली से संकट के बादल छंटना अभी आसान नहीं है।
आईओसी की कार्यबोर्ड करेगा सिफारिश
आईओसी के पत्र के बारे में सूत्रों ने बताया कि आईओसी चाहता है कि आईओसी कार्यकारी बोर्ड की आगामी दस या 11 दिसंबर को जुसाने में होने वाली बैठक से पहले भारतीय ओलंपिक संघ अपने निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव कराने का काम पूरा कर ले। वरिष्ठ खेल पत्रकार राजेश राय का कहना है कि आईओसी की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में ही भारतीय ओलंपिक संघ का भविष्य तय होना है जिसमें बोर्ड की इस बैठक में ही भारतीय ओलंपिक के निलंबन को रद्द करने या फिर उसकी मान्यता रद्द करने जैसी सिफारिश आईओसी परिषद को की जानी है। इसी के साथ बोर्ड आईओए की मान्यता रद्द करने की स्थिति में उसके स्थान पर किसी तदर्थ समिति को शामिल करने की सिफारिश भी करेगा। इन सिफारिशों पर आईओसी परिषद को फरवरी 2014 में होने वाली बैठक में अमल करके फैसला करना है।
तदर्थ समिति के अध्यक्ष होंगे मल्होत्रा
यदि आईओए के स्थान पर तदर्थ समिति को शामिल किया गया, तो उसमें आईओसी द्वारा आईओए के अध्यक्ष के रूप में मान्यता प्राप्त वी. के. मल्होत्रा और महासचिव रणधीर सिंह को शामिल किया जाएगा। इनके अलावा इस तदर्थ समिति में अनिल खन्ना, अभिनव बिंद्रा, मनीष मल्होत्रा, अश्विनी नचप्पा और राहुल मेहरा भी शामिल किया जाएगा। आईओसी के अनुसार तदर्थ समिति का गठन आईओए की मान्यता रद्द किए जाने के तुरंत बाद ही कर दिया जाएगा।
24Nov-2013

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