सोमवार, 5 फ़रवरी 2024

चौपाल: रंगशिल्पी के बिना अधूरी है कलाकारों व रंगकर्मियों की कला

वॉलीवुड से लेकर हरियाणवी फिल्मों व नाटकों में मेकअप मैन अनिल शर्मा ने बनाई अपनी पहचान                  व्यक्तिगत परिचय 
नाम: अनिल शर्मा 
जन्मतिथि: 12 दिसंबर 1978 
जन्म स्थान: ‍गोहाना, जिला सोनीपत 
शिक्षा: इंटरमीडिएट, अंडर प्रभाकर गॉड कॉलेज रोहतक।
संप्रत्ति: मेकअप मैन, अभिनय ,संगीत 
BY--ओ.पी. पाल 
साहित्य, लोक कला संस्कृति के क्षेत्र में फिल्म या नाटक की पटकथा लिखे जाने से लेकर पर्दे या रंगमंच पर प्रस्तुति के बीच की विभिन्न चरणों की प्रक्रिया में शामिल पात्रों की भी भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता, जिनके बिना किसी फिल्म एवं नाटकों के मंचन की प्रस्तुतियों को सफल बनाना असंभव है। ऐसे पात्रा में शामिल रंगकर्मियों या कलाकारों की पटकथा में किरदार के अनुरुप साज सज्जा करने की रंगशिल्प कला भी इसी प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हो जाती है। वॉलीवुड व हरियाणा फिल्मों, नाटकों और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में अनिल कुमार शर्मा की साज सज्जा की कला भी किसी से छिपी हुई नहीं हैं। यही नहीं वह फिल्मों और नाटकों में अभिनय यानी एक रंगकर्मी की भूमिका निभाने में निपुण हैं। ऐसे ही साज सज्जा के शिल्पकार और रंगकर्मी के रुप में अनिल शर्मा ने हरिभूमि संवाददाता से बातचीत के दौरान पिछले दो दशकों से अपनी कला के सफर को लेकर कई ऐसे पहलुओं को उजागर किया, जिसमें साज सज्जा के बिना किसी भी फिल्म या नाटक का रंगमंच अधूरा है। -- हरियाणा के रोहतक निवासी कलाकार एवं मैकअप मैन के रुप में पहचान बनाने वाले अनिल शर्मा का जन्म 12 दिसंबर 1978 को सोनीपत जिले के गोहाना शहर में श्रीराम राजेंद्र शर्मा और सावित्री देवी के यहां हुआ। उनका परिवार सामान्य रहा, हां किसी प्रकार की साहित्य या लोककला का कोई माहौल नहीं थी। अनिल की प्राथमिक शिक्षा गोहाना में हुई करीब तीन दशक पहले उनका परिवार रोहतक आकर बस गया, जहां उन्होंने इंटरमिडिएड और वैश्य कॉलेज से अंडर प्रभाकर किया। उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही डांस और एक्टिंग का शौंक था, लेकिन परिवार के तंगहाल को देखते हुए उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी कि वे कभी फिल्म या अन्य किसी लोक कला का हिस्सा बन पाएंगे। इसका कारण स्पष्ट इसलिए था कि परिवार या कोई अन्य उसे मदद या प्रोत्साहन देने वाला नहीं था। इसलिए उन्होंने ताई क्वांडो सीखना शुरु किया। इसमें उन्होंने जिला स्तर और पिऊर राज्य स्तर तथा फिर राष्ट्रीय स्तर पर भी द्वितीय पोस्ट तक पहुंचने के सफलता हासिल की। जब इसमें भी परिजनों का कोई सहयोग नहीं मिला तो उसे इसे छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और छोटे मोटे काम करना शुरु किया। कहते हैं किस्मत कब करवट ले लें यह किसी को भी पता नहीं होता और उसके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। एक दिन उसे एक व्यक्ति ऐसा मिला, जो उसे मुंबई ले गया, जहां बहुत दिनों तक भी कोई काम नहीं मिला, लेकिन उसी व्यक्ति की वजह से उसे किसी फिल्म की शूटिंग में लाइट मैन सहायक ब्वाय काम मिला। इसके बाद चाचा चौधरी के सेट पर उसे मेकअप सहायक का काम दिया गया। यानी साल 1994 से उसकी फिल्म क्षेत्र में रंगशिल्प का काम करने की शुरुआत हो गई। वे मेकअप के साथ अभिनय करने में भी निपुण है, इसलिए जहां कहीं कलाकारों के मेकअप के साथ किसी किरदार की जरुरत पड़ी तो उन्होंने उसे भी बखूबी निभाया है। बकौल अनिल शर्मा यह उनकी कठिनाई या परेशानी का दौर भी कहा जा सकता है, जब फिल्म लाइन में शुरुआत करने के समय उसके परिवार वाले भी उसके साथ नहीं थे। इसका कारण यह था कि लोग परिजनों को यह कहकर उकसाते थे कि उनका बेटा फिल्म लाइन में गया तो इतना बिगड़ जाएगा कि एक दिन वह घर वालों को भी दिन में तारे दिखाएगा? इसे लेकर अनिल का मानना है कि यदि नीयत साफ हो और मंजिल तक पहुंचने का जज्बा हो तो कोई भी कामयाबी हासिल कर सकता है। आज उनके इसी जज्बे और मेहनत का नतीजा है कि वह भजन सम्राट मुकेश शर्मा के सहयोग व प्रोत्साहन से अपना धार्मिक भजनों का जेबीके म्यूजिक यूट्यूब चैनल भी चला रहे हैं। 
यहां से मिली मंजिल 
फिल्मों या सीरियल अथवा नाटकों के पात्रों के लिए मेकअप मैन के रुप में हुई शुरुआत मे बाद हरियाणवी फिल्म पीहर की चुंदडी में उसे मुख्य मेकअप मैन का काम मिला, जिसकी शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात शशिभूषण शर्मा से हुई, जो सुविख्यात मेकअप आर्टिस्ट थे और उनको गुरु मानते हुए उसने फिल्म जगत के क्षेत्र में एक मैकअप मैन की सभी विधाओं का ज्ञान हासिल किया। उसके बाद फिल्म निर्देशक विश्व दीपक त्रिखा की हरियाणवी हास्य फिल्म गधे की बारात में मेकअप के साथ अभिनय भी किया। उन्होंने बताया कि हरियाणा कला परिषद की उषा शर्मा और लीला सैनी तथा बंजारा ग्रुप के विजय भटोटिया के सहयोग से उन्होंने हरियाणा सरकार के संस्कृति विभाग के सांस्कृतिक कार्यक्रमों व मुख्य साज सज्जा कार्यशालाओं में दस साल तक मेकअप तथा अभिनय की भूमिका भी निभाई। पिछले दो दशक से बॉलीवुड, हिंदी और हरियाणवी फिल्मों के अलावा थियेटर पात्रों के मेकअप करने वाले अनिल शर्मा ने इसे अपना कैरियर बनाया है। अनिल शर्मा ने हाल ही में रिलीज हुई बंजारा ग्रुप की लघु फिल्म ‘चन्दा’ के अलावा हरियाणवी फिल्मों पीहर की चुंदड़ी, कुनबा, माटी कहे पुकार, चन्द्रावल-2, भली करेंगे राम और वो चांद फिर निकला जैसी फिल्मों में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया है। वहीं उन्होंने गधे की बारात, अंधेरी नगरी चौपट राजा, सैया भैया कोतवाल, भोंदू बन के रह और संक्रमण जैसे थियेटर के कलाकारों का मेकअप करने के साथ अपने अभिनय किरदार को भी निभाया। उन्होंने गुरु गोरखनाथ का इतिहास, गोगा पीर का इतिहास, बावरियों का इतिहास, शीश के दानी खाटू श्याम जैसी फिल्मों में निर्देशक कुलदीप वत्स के साथ भी कई सालों तक मेकअप मैन के अलावा अभिनय की भूमिका में भी काम किया। यहीं नहीं उन्होंने लघु फिल्मों, एलबम सांग, सोनोटक, फाइन डिजिटल, सुपर टोन, सुपर लाइन, दहिया फिल्म्स के सीरियलों एवं वेबसीरिज में भी अपनी कला को रंग दिये। 
इन प्रमुख कलाकारों का किया मेकअप 
हरियाणवी कलाकार एवं मैकअप मैन अनिल शर्मा ने प्रमुख रुप से महाभारत के भीम प्रवीण कुमार के अलावा संगीतकार मिक्का महेंदी, वॉलीवुड के खलनायक की भूमिका निभाने वाले मोहन जोशी, अभिनेता महेन्द्र कपूर व विजय भटोटिया, हरियाणवी अभिनेत्री उषा शर्मा और सुप्रसिद्ध लोक कलाकार व नृत्यांगना लीला सैनी, सपना चौधरी, कालेखां, भजन सम्राट मुकेश शर्मा व नरेन्द्र कौशिक के अलवा नरेन्द्र बल्हारा, राजेश सिंहपुरिया, कर्मवीर फौजी, महेन्द्र सिंह(झंडू) जैसे सैकड़ो किरदारों का मेकअप करके अपनी पहचान बनाई। अनिल का कहना है कि रंगशिल्प के तहत वेशभूषा, श्रंगार जैसे कार्यो को केवल अधिक चमक-दमक दिखाने तथा दर्शकों को रोमांचित कर आकर्षित करने के लिए नहीं किया जाता, बल्कि उससे फिल्मी पटकथा या नाटक की भावदशा के अनुरूप किया जाता है। 
पुरस्कार व सम्मान 
लोक संस्कृति में रंग भरते मेकअप कलाकार अनिल शर्मा को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए नेशनल इंटीग्रेटिड फोरम और आर्टिस्ट एंड एक्टिविस्ट से विशेष सम्मान मिल चुका है। इसके अलावा उन्हें बंजारा ग्रुप के नाटक संक्रमण में रंगशिल्पी और अभिनय के लिए सम्मान मिला, तो रंगमंच मेला में उन्हें रंगकर्मी का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा अनेक सांस्कृतिक एवं अन्य मंचों से उन्हें सम्मानित होने का सौभाग्य हासिल है। 
05Feb-2024

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