शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022

साक्षात्कार:साहित्य पढ़कर ही समय की नब्ज़ पर हाथ रखना संभव: डा. दिनेश दधीचि

कविता संग्रह, बाल कविता संग्रह और गजल संग्रह चर्चाओं में रहना उनकी लेखन विधा की कहानी के गवाह --ओ.पी. पाल 
व्यक्तिगत परिचय 
नाम: डॉ. दिनेश दधीचि 
जन्म: 15 दिसंबर 1954 
जन्म स्थान: कुरुक्षेत्र (हरियाणा) 
शिक्षा: बीए(ऑनर्स अंग्रेजी), एमए, एम.फिल, पीएचडी, उर्दू में सर्टिफिकेट कोर्स (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और पत्राचार माध्यम से (जामिया मिलिया इस्लामिया) संप्रत्ति:पूर्व प्रोफ़ेसर एवं अध्यक्ष, अंग्रेज़ी विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र। 
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हरियाणा के सुप्रसिद्ध साहित्यकारों में शुमार लेखक एवं कवि, गजलकार और कहानीकार जैसी विधाओं में सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. दिनेश दधीचि एक ऐसे व्यक्तित्व व कृतित्व के धनी रचनाकार है, जिन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में विभिन्न विधाओं में साहित्यिक पुस्तकें लिखकर सामाजिक सरोकारों को छुआ है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष एवं प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त डॉ. दिनेश दधीचि को हरियाणा साहित्य अकादमी ने वर्ष 2017 के लिए बाबू बालमुकुंद गुप्त सम्मान के पुरस्कार से नवाजा है। साहित्य क्षेत्र के कवि, गजलकार, कहानीकार और निबंधकार लेखक डा. दिनेश दधीचि ने अपने रचना संसार के सफर के अनछुए पहलुओं को विस्तार से हरिभूमि संवाददाता के साथ हुई बातचीत में साझा किया है। प्रदेश के कुरुक्षेत्र में 15 दिसंबर 1954 को जन्मे डा. दिनेश दधीचि के पिता डॉ. मदनलाल वर्मा भी एक शिक्षक और विद्वान लेखक और हिंदी व संस्कृत के गीतकार रहे हैं। मसलन उन्हें साहित्यिक एवं सांस्कृतिक तथा लेखन की विधाएं विरासत में मिली हैं, जो आज उन्हें एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार की पहचान दे रहा है। डा. दिनेश दधीचि का कहना है कि उनका एक शिक्षक और साहित्यकार के रूप में युवाओं, विशेष रूप से युवा साहित्यकारों से जीवनभर जुड़ाव रहा है और इसी अनुभव के आधार पर वे युवा पीढ़ी को लेकर बहुत आशान्वित है, कि उनमें भरपूर उत्साह और प्रतिभा की भी कोई कमी नहीं है। लेकिन फिर भी समाज को नई दिशा देने के लिए उनके लिए कुछ बाते महत्वपूर्ण हैं, जिसमें एक तो किसी भी क्षेत्र में किसी तरह के शॉर्टकट को अपनाना ठीक नहीं होता। दूसरे, आज की स्थिति में बहुआयामी जटिल यथार्थ को परत-दर-परत समझने के साथ-साथ अच्छा साहित्य ख़ूब पढ़ने के बाद ही समय की नब्ज़ पर हाथ रखा जा सकता है। लेखन में सुधार ज़्यादा पढ़ने से होगा, जिसमें चिंतन स्पष्ट होना चाहिए। अभिव्यक्ति की गुणवत्ता पर भी युवा पीढ़ी के कई साहित्यकारों का ध्यान कुछ कम रहता है। कहने का तात्पर्य, सामाजिक सोद्देश्यता और सार्थक जीवन मूल्यों तथा आदर्शों के लिए प्रतिबद्धता से ही उनके व्यक्तित्व का और उनकी प्रतिभा एवं सृजनशीलता का विकास होगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से 2014 में अंग्रेज़ी विभाग के अध्यक्ष एवं प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त हुए प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ० दिनेश दधीचि परिवारिक संस्कारों के कारण ही बौद्धिक गतिविधियां उन्हें बचपन से सक्रीय करती रही। इसी का परिणाम रहा कि उन्होंने विद्यार्थी जीवन में प्रत्येक परीक्षा में सर्वोच्च स्थान लेकर अनेक पदक व पुरस्कार हासिल किये। यही नहीं उच्च शिक्षा में भी उन्होंने अव्वल रहते हुए अनेक पुरस्कार हासिल किये। डा. दधीचि ने साहित्य के क्षेत्र में अपनी लेखन की विभिन्न विधाओं में हिंदी में ही नहीं, बल्कि अंग्रेजी में भी कई पुस्तके लिखी हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित उनकी आइडियाज एलो (निबंध के संकलन का संपादन) अंग्रेजी भाषा में लिखी गई पुस्तक तो हरियाणा के तीन विश्वविद्यालयों के बी.ए. प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम में शामिल है। इसके अलावा उनकी कई रचनाएं हरियाणा विश्वविद्यालयों में स्नातक छात्रों के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। डॉ० दधीचि के व्यक्तित्व व कृतित्व के विषय में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में एक एमफ़िल छात्रा ने डॉ० रामपत यादव के निर्देशन में शोध कार्य भी किया है। उनके लिखे गये कविता संग्रह, बाल कविता संग्रह और गजल संग्रह चर्चाओं में रहना उनकी लेखन विधा की कहानी के गवाह हैं। डा. दिनेश दधीचि की ग़ज़लों में समसामयिक, व्यवस्था व राजनीति पर तीखा प्रहार, सामाजिक सरोकार भी हैं और उन्होंने समस्याओं तथा शोषण का चित्रण बड़े ही कलात्मक ढंग से हुआ है। अन्य कई विद्वान साहित्यकारों द्वारा संपादित काव्य संकलनों में भी डा. दधीचि की कविताएं शामिल की गई हैं, तो वहीं राष्ट्रकवि स्वर्गीय सोहन लाल द्विवेदी ने भी इनकी ‘प्रखर प्रतिभा तथा सहज सर्जना’ की सराहना की है। हरियाणा साहित्य अकादमी के कविता, कहानी एवं निबंध संकलनों में भी इनकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा 'कहूँ कहानी' में संकलित कहानी के आधार पर इन्हें सर्वश्रेष्ठ कहानीकार के रूप में पुरस्कृत किया गया। 
प्रकाशित पुस्तकें 
प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि एवं लेखक डॉ. दिनेश दधीचि की हिंदी के अलावा अंग्रेजी में खासी पकड़ है और उनकी प्रकाशित पुस्तकों में कई किताबे अंग्रेजी भाषा में भी प्रकाशित हुई हैं। उनकी अंग्रेजी भाषा में लिखी प्रमुख पुस्तकों में ट्रीटमेंट ऑफ आइडियाज इन द नॉवेल्स ऑफ सॉल बेलो (1993), आइडियाज एलो (निबंध के संकलन का संपादन 2004), द सिक्रेट ऑफ हेल्थ (योगा गुरु प्रो. भीम एस. दहिया की अंग्रेज़ी पुस्तक का अनुवाद(1993), हरियाणा विश्वविद्यालयो में स्नातक छात्रों के लिए अंग्रेजी में अनुवादित ‘गोदान’(1996), संपादित कविता की एक पाठ्यपुस्तक ‘सुगंध’(2015) और वन-एक्ट प्ले की एक पाठ्यपुस्तक ‘सेंटर स्टेज’ (2016) शामिल हैं। इसके अलावा कॉपी एडिट पैरेबल इंटरनेशनल इंग्लिश-हिंदी डिक्शनरी (2017), डॉ० सरूप सिंह: साहित्य और सियासत के बीच (प्रो. भीम एस. दहिया की अंग्रेज़ी पुस्तक का अनुवाद-2007) भी शामिल है। जबकि हिंदी भाषा में कविताओं व गजलों की इबारत हाशिए की 1983), कविता संग्रह बर्फ़ के ख़िलाफ़ (1996), बाल कविताओं पर फुहार (2004), लघु कविताएं मारीच बहुत हैं (2008) एवं काश! देख पाते हम (2015), हास्य व्यंग्य निबंध नींबू-पानी (1993) के अलावा गजल संग्रह शेष कुशल है (2019) सुर्खियों में हैं। 
पुरस्कार सम्मान 
हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2017 के लिए दो लाख रुपये के बाबू बाल मुकुन्द गुप्त सम्मान हासिल करने वाले साहित्यकार डॉ. दिनेश दधीचि को इससे पहले डॉ.जे.एस. यादव मैमोरियल अवार्ड (2016), पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के सर्वश्रेष्ठ कहानीकार के रूप में प्रेमचंद पदक (1971-72), उदय भानु हंस कविता पुरस्कार (2006), हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन का बलदेव कौशिक सम्मान (2009), फ़ोकस हरियाणा टीवी चैनल द्वारा 'फ़ोकस हीरो' का सम्मान, साहित्य सभा कैथल तथा कुरुक्षेत्र ज़िला प्रशासन से भी सृजनात्मक लेखन की उपलब्धियों का सम्मान मिल चुका है। डा. दधीचि ने हिन्दी विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में एमफ़िल की उपाधि के लिए स्वीकृत शोधप्रबंध, विषय: डॉ० दिनेश दधीचि: व्यक्तित्व एवं कृतित्व। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलगीत की शब्द-रचना (संयुक्त) जैसी उपलब्धियों का भी सम्मान हासिल किया है। इसके अलावा काव्य मंचों एवं अन्य साहित्यिक संस्थाओं द्वारा भी अनेक सम्मान देकर पुरस्कृत किया है। 
संपर्क:  ईमेल: dk.english@gmail.com
मोबाइल: +919354145291
ब्लॉग: www.burfkekhilaf.blogspot.com
31Jan-2022

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