बुधवार, 31 जुलाई 2013

ठोस रणनीति के साथ सियासी जंग में उतरेगी कांग्रेस!

उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर पर राजनीतिक बिसात बनाने की तैयारी
ओ.पी. पाल

आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में जमीनी स्तर पर अपनी राजनीति बिसात को मजबूत करने की रणनीतियों को तेज कर दिया है। कांग्रेस की इस सियासी रणनीति में बूथ और ब्लाक स्तर तक संगठनात्मक ढांचा तैयार कराकर कांग्रेस हाईकमान ने सभी को पार्टी के काम में व्यस्त कर दिया और चुनावी तानाबाना बनाया जाने लगा है।
लोकसभा चुनाव की दृष्टि से सबसे ज्यादा संसदीय सीट वाले सूबे उत्तर प्रदेश पर वैसे तो सभी राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं, लेकिन इस राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव में फजीहत झेलने के बाद कांग्रेस हाईकमान ने संगठनात्मक रूप से जिस प्रकार आमूलचूल परिवर्तन किया है उससे कहीं ज्यादा उसने पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय करके आगामी लोकसभा चुनाव की जंग जीतने के लिए लक्ष्य साधा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की देखरेख में इस इस सूबे को चुनावी रणनीति में केंद्रित करके संगठन में जिस प्रकार की नीतियों का समन्वय किया गया है उसमें उत्तर प्रदेश के केंद्र में मंत्रियों, सांसदों के साथ विधायको को भी पार्टी के काम में सक्रिय कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी हाईकमान ने उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव के रूप में अनुभवी मधुसूदन मिस्त्री को बागडौर सौंपी है, जिनके नेतृत्व में मई माह में यूपी में आठ जोनल प्रभारियों के रूप में अनुभवी कांग्रेसियों को नियुक्त किया गया और हरेक को दस-दस संसदीय क्षेत्रों का जिम्मा ही नहीं सौंपा गया, बल्कि इस संसदीय क्षेत्रों में आने वाले जिलों और शहरों, तहसीलों, ब्लाकों, वार्डो व बूथों तक की कांग्रेस ईकाईयों का गठन करने का अधिकार दे दिया गया है, लेकिन पैनल की संस्तुति प्रदेशाध्यक्ष और प्रभारी महासचिव से लेना जरूरी होगा। कांग्रेस के एक जोनल प्रभारी का कहना है कि यह रणनीति प्रभारी महासचिव मधुसूदन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से विचार-विमर्श करके बनाई है, ताकि उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष के काम का बोझ भी कम हो सके। उनका कहना है कि कांग्रेस हाईकमान ने महसूस किया है कि स्थानीय स्तर पर जोनल या जिले के पदाधिकारी किसी भी कार्यकर्ता की कार्यक्षमता या उसकी सक्रियता का आकलन कर सकता है। इसी रणनीति का परिणाम है कि पूरे सूबे में कांग्रेस की जिला
और शहराध्यक्षों की नियुक्तियां करने का काम पूरा हो गया है।
जिला व शहराध्यक्षों की पाठशाला 
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि जोनल प्रभारियों के जरिए पूरे उत्तर प्रदेश में नियुक्त किये गये जिलाध्यक्षों और शहराध्यक्षों की एक बैठक बुधवार को लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में होगी, जिसमें प्रभारी महासचिव मधुसूदन मिस्त्री, प्रदेशाध्यक्ष निर्मल खत्री के साथ प्रभारी सचिव नसीब सिंह, प्रकाश जोशी, राना गोस्वामी व जुबेर खान के अलावा सभी जोनल प्रभारी और आठों समन्वयक की मौजूदगी रहेगी। इस बैठक में सभी जिलाध्यक्षों व शहराध्यक्षों को आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किस रणनीति से काम करना है और संगठन को मजबूत बनाना है जैसे पाठ पढाया जाना है। इससे पहले मंगलवार को जोनल प्रभारियों व समन्वयकों को कांग्रेस हाईकमान की रणनीति से अवगत कराया गया।
ऐसे सक्रिय होंगे कार्यकर्ता
उत्तर प्रदेश के प्रभारी महासचिव मधुसूदन मिस्त्री ने प्रदेशाध्यक्ष निर्मल खत्री के साथ मिलकर सभी जोनल प्रभारियों को एक प्रपत्र दिया है, जिसे आम कार्यकर्ता से भरवाकर उसकी कार्यक्षमता का आकलन किया जा रहा है। इस प्रपत्र में उस कार्यकर्ता का नाम, पिता का नाम, आयु, शैक्षिक योग्यता, घर का पता, व्यवसाय, राजनीतिक अनुभव, वर्तमान पद, जिला, संबन्धित संसदीय व विधानसभा क्षेत्र जैसे कालम भराए जा रहे हैं। वहीं इस प्रपत्र में इस बात की भी प्रतिबद्धता अनिवार्य की गई है कि वह पार्टी के लिए एक माह या उसमें से कितने दिन कार्य कर सकता है। जोनल प्रभारी का कहना है कि यह प्रतिबद्धता इसलिए है कि किसी कार्यकर्ता के रोजगार पर भी असर न पड़े।
राहुल तक जाएगी आवाज
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार किसी भी हर किसी कार्यकर्ता की समस्या और शिकायत को पार्टी प्राथमिकता के साथ सुनेगी। इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं को अपनी समस्याओं और शिकायतों को लिखित रूप में जोनल प्रभारियों को सौंपने के लिए कहा गया है, जिसे जोनल प्रभारी सीधे उत्तर प्रदेश प्रभारी को देंगे और प्रभारी महासचिव इन शिकायतों और समस्याओं को पार्टी हाईकमान में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपेंगे, जहां से इन शिकायतों व समस्याओं के समाधान के लिए क्षेत्र के सांसदों व विधायकों और जिला प्रशासन के समक्ष भेजने की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी कार्यकर्ता का मनोबल टूट न सके।
31July-2013

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