सोमवार, 7 अप्रैल 2025

चौपाल: सामाजिक व सांस्कृति क्षेत्र में कला का अहम योगदान: चेतना

अभिनय क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ अवार्ड ने दिलाई अभिनेत्री की पहचान 
        व्यक्तिगत परिचय 
नाम: चेतना सारसर 
जन्मतिथि: 25 अक्टूबर 1999 
जन्म स्थान: गांव तलाव, जिला झज्जर (हरियाणा)
शिक्षा: ग्रेजुएट, एक्टिंग एवं एडिटिंग कार्स (सुपवा) 
संप्रत्ति: अभिनय, लेखन 
 संपर्क: गांव तलाव, जिला झज्जर (हरियाणा)। मोबा. 9996523991 
BY-ओ.पी. पाल 
रियाणा की समृद्ध संस्कृति के संवर्धन के लिए समाज को सजग करने की दिशा में साहित्यकारों, लेखकों, लोक कलाकारों और गीतकारों जैसी शख्सियतों ने जिस रुप में अपना अहम योगदान दिया है, उससे हरियाणा की पहचान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनी है। ऐसे ही हरियाणा की युवा पीढ़ी भी यह साबित करती नजर आ रही है कि कला किसी की मोहताज नहीं है। ऐसी ही कहानी ग्रामीण परिवेश से निकलकर फिल्म जगत में एक अभिनेत्री के रुप में पहचान बनाकर हरियाणा की बेटी चेतना सारसर अपनी अभिनय कला के जुनून को अंजाम दे रही है। खास बात है कि वह केवल एक अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि कविताएं और कहानियां तथा फिल्मों की पटकथा लिखकर समाज को सकारात्मक संदेश भी दे रही है। हरिभूमि संवाददाता से हुई बातचीत में प्रतिभाशाली अभिनेत्री चेतना सारसर ने कुछ ऐसे पहलुओं को उजागर किया है, जिसमें कला सकारात्मक पक्ष समाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में अपना अहम योगदान दे सकता है और वहीं इसी सोच, लगन और मेहनत के बल पर हर इंसान के लिए अपना लक्ष्य को हासिल करना भी संभव है। 
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रियाणा की प्रतिभाशाली अभिनेत्री चेतना सारसर का जन्म 25 अक्टूबर 1999 को झज्जर जिले के तलाव गांव में रोहतास और सुमन लता के घर में हुआ। ग्रामीण परिवेश में लड़कियों के लिए परिवारिक माहौल अलग ही होता है, लेकिन उनके पिता दुकानदार हैं, जो सामाजिक कार्यो में सक्रीय हैं और एक सामाजिक कार्यकर्ता के रुप वे मजदूरों, किसानों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। घर परिवार में आर्थिक तंगी और हालातों के कारण चेतना के माता-पिता खुद ज्यादा पढ़ाई नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी चेतना को पढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किया। चेतना की प्रारंभिक शिक्षा झज्जर के एक सरकारी स्कूल में हुई। उन्होंने छठी कक्षा से ही खेलों खासकर ताइक्वांडो में रुचि लेना शुरू किया और बाद में वह राष्ट्रीय स्तर की ताइक्वांडो खिलाड़ी बनकर उभरी। उस समय वह अपने करियर में पुलिस अधिकारी या कोच बनने का सपना देखती थी। उन्होंने झज्जर के ही सरकारी कन्या सीनियर सेकैंडरी स्कूल से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की। बकौल चेतना, सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों यानी अंधविश्वास व कुरीतियों के खिलाफ सामाजिक चेतना जगाने के लिए कुछ कलाकार गांव में आकर नुक्कड नाटक करते थे, तो उनकी एक्टिंग को देखकर उसने भी अभिनय के क्षेत्र में एक्टिंग करने का सपना संजोया। गांव में नाटक मंडलियों के कार्यक्रमों से उनकी अभिनय जैसी कला के प्रति अभिरुचि इतनी गहराती गई कि उसने एक अभिनेत्री बनने का लक्ष्य तय करके जो सपना देखा था, वह आज अभिभूत होता दिख रहा है और वह एक अभिनेत्री के रुप में अपनी पहचान बनाती जा रही है। हालांकि उनके परिवार या सगे संबन्धियों में कहीं तक भी कोई कला या सांस्कृतिक माहौल नहीं था। चेतना ने स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब घर में एक्टिंग का कोर्स करने के लिए एक्टिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला लेने की इच्छा जताई, तो उनके माता-पिता ने कला के क्षेत्र में जाने के लिए उसका हौंसला बढ़ाया। परिवार के मिले प्रोत्साहन के बाद उसने साल 2017 में रोहतक स्थित पंडित लखमी चंद सुपवा में प्रवेश ले लिया। उन्होंने बताया कि उसे स्कूली समय से ही टीवी सीरियल्स देखना बहुत पसंद रहा और जब भी वह कोई अच्छा सीन देखतीं, तो बाद में आईने के सामने खड़े होकर उसी किरदार निभाने की कोशिश करती रही। धीरे-धीरे उन्हें एक्टिंग करने में अपना वह करियर नजर आने लगा, जो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा। सुपवा यूनिवर्सिटी, रोहतक प्रवेश लेने के बाद उनके अभिनय करियर की असली शुरुआत हुई। हालांकि उनका कहना है कि उसने एक्टिंग कोर्स के लिए सुपवा में प्रवेश लिया था, लेकिन कुछ कारणों से उन्हें कोर्स बदलकर एडिटिंग में प्रवेश लेना पड़ा। लेकिन उन्होंने मन में ठान लिया था कि वह अभिनय की कला को कतई नहीं छोड़ेंगी। खास बात ये भी है कि चेतना स्टूडेंट प्रोजेक्ट्स में लगातार अभिनय करती रहीं, जिससे उन्हें इंडस्ट्री में बाहरी प्रोजेक्ट्स में भी काम करने के मौके मिलने लगे और इसी लगन व मेहनत का नतीजा है कि अभिनय के प्रति जुनून के चलते वह आज उस मुकाम पर है, जो उनका लक्ष्य का रास्ता है।
हरियाणा सिनेमा में योगदान
हरियाणवी सिनेमा में योगदान देकर गौरवान्वित महसूस करती चेतना का कहना है कि वह अब पूरी तरह अपने अभिनय करियर पर फोकस कर रही है और भविष्य में फिल्मों व वेब सीरीज में अपने दमदार अभिनय के जरिए ऐसी सकारात्मक किरदार निभाने का लक्ष्य है, जिससे उनकी भूमिका समाज को अपनी संस्कृति के प्रति संदेशवाहक बन सके। इसके लिए चेतना सारसर सिर्फ एक अभिनेत्री के रुप में ही नहीं, बल्कि वह एक लेखिका के रुप में भी छोटी-छोटी कविताएं और कहानियां लिखती हैं। वहीं उन्होंने कई लघु फिल्मों की पटकथा भी लिखकर अपने करियर को फिल्म निर्देशक और प्रोड्यूसर तक बुलंद करने की योजना को भी आगे बढ़ाया है। 
यहां से मिली मंजिल 
हरियाणा की अभिनेत्री चेतना सारसर ने सुपवा में प्रवेश के दौरान ही फिल्म स्कूल के स्टूडेंट प्रोजेक्ट्स, शॉर्ट फिल्मों और गानों में काम करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे उसने अपने अभिनय कौशल को निखारने की मुहिम को आगे बढ़ाया। मसलन उसे हरियाणा के चर्चित मिर्चपुर कांड पर आधारित राजेश अमरलाल बब्बर ने निर्देशित वेब सीरीज 'कांड 2010' में अभिनय करने का मौका मिला, जिसमें उसने दलित युवती रीता का किरदार निभाया। सच्ची घटना पर आधारित यह वेब सीरीज खूब देखी गई, जिसमें चेतना की मुख्य भूमिका को दर्शकों ने खूब सराहा। 
बेस्ट एक्टिंग अवार्ड
हरियाणा की उभरती सिने तारिका चेतना को एक अभिनेत्री के रुप में ऐसी पहचान मिली, कि पिछले दिनो ही मुंबई में आयोजित 5वें बॉलीवुड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (बीआईएफएफ) में मशहूर अभिनेता मनोज जोशी और सीमा पाहवा के हाथों उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। इस अवार्ड को चेतना ने अपनी माता सुमन लता को समर्पित किया है। चेतना ने मेवात वेब सीरीज के केई एपिसोड में अभिनय करके अपनी कला का लोहा मनवाया है। उन्होंने वेबसीरीज अखाडा, क्राइम पेट्रोल में भी प्रमुख किरदार निभाया है। 
07Apr-2025

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