ओ.पी. पाल.नई दिल्ली। अठारहवीं लोकसभा के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर छठे चरण में 25 मई को चुनाव होगा। पिछले दस साल से यहां सभी सीटों पर भाजपा काबिज है, जिसे ‘क्लीन स्वीप’ करके हैट्रिक बनाने से रोकने के लिए दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी उसी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरी है, जिससे पिछले चुनाव में 36 का आंकड़ा था। विपक्षी गठबंधन इंडिया के तहत आप चार और कांग्रेस तीन सीटों पर भाजपा को चुनौती देने का प्रयास कर रही है। वहीं भाजपा ने इस गठजोड़ को चुनौती देने के लिए अपनी चुनावी रणनीति में व्यापक फेरबदल करते हुए छह लोकसभा सीटों पर नए चेहरों पर दांव खेला है। केवल उत्तर पूर्वी दिल्ली से ही मौजूदा सांसद मनोज तिवारी को जीत की तिगड़ी बनाने का मौका दिया है, जिसे चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने चर्चित कन्हैया कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है। बहरहाल इस बार दिल्ली में भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच दिलचस्प और कड़ा चुनावी मुकाबला होने के आसार हैं, जहां सभी की नजरें लगी हुई हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 10-10 विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी सात लोकसभा सीटों होने वाले चुनाव के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है और भाजपा के खिलाफ विपक्षी गठबंधन पूरी ताकत झोंके हुए है। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण दिल्ली में धर्म या जातीगत समीकरण ज्यादा मायने नहीं रखते, लेकिन विपक्षी गठबंधन के दल और अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरी बहुजन समाज पार्टी ने जातीय समीकरणों के आधार सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी तय किये हैं। भाजपा ने दिल्ली फतेह करने के लिए इंडी गठबंधन के खिलाफ जिस चुनावी रणनीति के साथ चुनावी मैदान तैयार किया है। चुनाव प्रचार में भाजपा के खिलाफ इंडिया गठबंधन में कांग्रेस से कहीं ज्यादा आप आक्रमक नजर आ रही है। किस दल ने कहां से किसे बनाया प्रत्याशी
एक जमाना था जब लोग अपने घरों के बाहर लिखते थे-अतिथि देवो भव: फिर शुरू किया-शुभ लाभ और बाद में लिखा जाने लगा-यूं आर वेलकम अब शुरू हो गया-......से सावधान!
बुधवार, 22 मई 2024
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली: भाजपा के ‘क्लीन स्वीप’ हैट्रिक के लक्ष्य इंडी गठबंधन की चुनौती
आप-कांग्रेस के खिलाफ भाजपा ने दिल्ली फतेह करने के इरादे से बदली चुनावी रणनीति
उत्तर पूर्वी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी की यह लोकसभा सीट इस बार ज्यादा चर्चा में है, जहां भाजपा ने भोजपुरी गायक और दो बार के मौजूदा सांसद मनोज तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाकर तीसरी बार भरोसा जताया है। इस सीट पर भाजपा के विजय रथ को रोकने की रणनीति से विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार को प्रत्याशी बनाया है। पिछले चुनाव में मनोज तिवारी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की थी। इस सीट पर बसपा ने भी अशोक कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर 28 प्रत्याशी अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं।
चांदनी चौक: राष्ट्रीय राजधानी की चांदनी चौक सीट का अधिकांश क्षेत्र कारोबारी हब के रूप में जाना जाता है। यहां भाजपा ने मौजूदा सांसद डा. हर्षवर्धन के राजनीति से सन्यास लेने की वजह से नए चेहरे पर दांव खेला है। यह क्षेत्र कारोबारी गढ़ माना जाता है तो भाजपा ने दिल्ली के प्रसिद्ध व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पिछले चुनाव में पराजित जयप्रकाश अग्रवाल को प्रत्याशी बनाकर भरोसा जताया है। जबकि यहां चुनाव मैदान में कूदे 25 प्रत्याशियों में बसपा ने मुस्लिम व दलित समीकरण साधने के लिए अबुल कलमा आजाद को चुनाव मैदान में उतारा है।
उत्तर पश्चिम दिल्ली: राजधानी की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद एवं गायक हंसराज हंस का टिकट काटकर उतरी नगर निगम के पूर्व मेयर योगेंद्र चंदोलिया को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस ने यहां दलितों की राजनीति करते रहे उदित राज को चुनाव मैदान में उतारा है, जो पिछले चुनाव में भाजपा से पराजित हो गये थे। जबकि उससे पहले साल 2014 के चुनाव में उदित राज भाजपा के टिकट पर जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे थे। इस सीट पर 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जहां बसपा ने विजय बौद्ध को अपना प्रत्याशी बनाया है।
नई दिल्ली: यह लोकसभा सीट अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, जहां से दो बार पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा केसी पंत, लालकृष्ण आडवाणी, संघ के बलराज मधोक, यूपी की सीएम रही सुचेता कृपलानी और फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना भी सांसद रह चुके हैं। इस सीट पर भाजपा ने मौजूद सांसद मीनाक्षी लेखी की जगह भाजपा दिग्गज रही स्व. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि इंडी गठबंधन से यहां आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती चुनाव मैदान में हैं। इसी सीट पर 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे है, जिनमें बसपा राजकुमार आनंद को प्रत्याशी बनाया है।
पूर्वी दिल्ली: इस लोकसभा सीट को हॉट सीट माना जा रहा है। यहां भाजपा ने मौजूदा सांसद एवं क्रिकेटर गौतम गंभीर का टिकट काटकर हर्ष मल्होत्रा के रुप में नया चेहरा उतारा है। भाजपा के खिलाफ आप ने इस सीट से कुलदीप कुमार (मोनू) को अपना प्रत्याशी बनाकर दांव खेला है। पिछला चुनाव यहां आप की अतिशी पराजित हुई थी। इस सीट का यह भी इतिहास रहा है कि यहां से आज तक कोई महिला लोकसभा नहीं पहुंच सकी। बसपा ने इस सीट पर मौहम्मद वकार चौधरी पर दांव खेला है। इस सीट पर 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
दक्षिणी दिल्ली: राजधानी में वीआईपी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों को कवर करने वाली इस सीट पर भाजपा ने दो बार के मौजूदा सांसद रमेश विधूडी की जगह दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामबीर सिंह विधूडी को अपना प्रत्याशी बनाकर बड़ा दावं खेला है। जबकि इंडी गठबंधन से आम आदमी पार्टी ने सहीराम पहलवान को चुनावी मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े बॉक्सर विजेन्दर सिंह भाजपा के सामने चित्त हुए थे। जबकि बसपा प्रत्याशी के रुप में यहां अब्दुल बासित चुनावी जंग में हैं। इस सीट पर 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
पश्चिमी दिल्ली: दिल्ली की इस सीट पर भाजपा ने नए चेहरे के रुप में दक्षिणी दिल्ली की पूर्व मेयर महिला प्रत्याशी कमलजीत सहरावत पर दांव खेला है, जबकि दो बार के मौजूदा सांसद प्रवेश वर्मा का टिकट काट दिया गया है। इस सीट पर भी इंडी गठबंधन से आप का प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद महाबल मिश्रा चुनाव मैदान में है, जिन्होंने पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। इस सीट पर कुल 24 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें बसपा ने जातीय समीकरण साधने के मकसद से महिला प्रत्याशी के रुप में विशाखा को अपना प्रत्याशी बनाया है।
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निर्णायक होंगे युवा मतदाता
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर युवा मतदाता निर्णायक होंगे। दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर कुल 1,52,01,936 मतदाता हैं, जिनमें 8212794 पुरुष, 6987914 महिला और 1228 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। पिछले पांच साल में एनसीआर दिल्ली में 8,85,483 मतदाताओं का इजाफा हुआ है। इनमें से 18 से 39 आयुवर्ग के युवा मतदाताओं की संख्या 69,87,076 है, जिनमें से सबसे ज्यादा 12,06,036 उत्तर पश्चिमी दिल्ली सीट पर हैं। इन युवा मतदाताओं में 20-29 आयुवर्ग के भी 4.46 लाख मतदाता शामिल है। एनसीआर दिल्ली की लोकसभा सीटों पर 18-19 आयुवर्ग के 2,34,531 नए मतदाता पहली बार मतदान में हिस्सेदारी करेंगे, जिसमें सबसे ज्यादा 43,629 पश्चिमी दिल्ली सीट पर वोट करेंगे। वहीं 85 साल से अधिक आयु के 97 823 मतदाता पंजीकृत हैं। दिल्ली में 13637 मतदान केंद्र बनाए गये हैं, जिनमें 2891 संवेदशील श्रेणी के हैं।
किस सीट पर कितने युवा मतदाता
लोकसभा क्षेत्र आयु वर्ग18-19 आयुवर्ग 20-39 कुल मतदाता
उत्तर पूर्वी दिल्ली- 38,915 11,57,378 24,63,159
चांदनी चौक- 20,743 6, 63,606 16,45,958
उत्तर पश्चिमी दिल्ली- 41,663 11,64,373 25,67,423
नई दिल्ली- 20,673 6,21,822 15,25,071
पूर्वी दिल्ली- 32,586 9,46,311 21,20,584
पश्चिमी दिल्ली- 43,629 11,42,531 25,87,977
दक्षिणी दिल्ली- 36,422 10,56,524 22,91,764
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कुल 2,34,531 67,52,545 1,52,01,936
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22May-2024
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