भाजपा की चुनावी रणनीति सत्तारुढ़ विपक्षी दलों के लिए बनी चुनौती
ओ.पी. पाल. नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर चार चरणों में होने वाले चुनाव के पहले दौर में 13 मई को चार सीटों पर मतदान कराया जाएगा। भाजपा ने इस बार राज्य में सभी लोकसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। वहीं कांग्रेसनीत विपक्षी गठबंधन भी लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए अपना सियासी जाल बिछाया है। यहां राजग और विपक्षी गठबंधन के बीच ही मुख्य चुनावी मुकाबला होने के आसार है। राज्य में सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद के सामने भाजपा नीत राजग की चुनावी रणनीति को चुनौती देने को तैयार है।
आदिवासी बाहुल्य 81 झारखंड लोकसभा की 14 सीटों पर ऐसे समय चुनाव हो रहे हैं, जहां सत्तारुढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भष्ट्राचार के मामले में पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जेल में हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव के लिहाज से झारखंड में राजग गठबंधन 12 सीटों के साथ सिरमौर है, जिसमें भाजपा का 11 और उसकी सहयोगी पार्टी आजसू का एक सीट पर कब्जा है। बाकी दो सीटों पर विपक्षी गठबंधन कांग्रेस और झामुमो काबिज है, लेकिन कांग्रेस की मौजूदा सांसद गीता कोडा पहले ही भाजपा का दामन थाम चुकी है। ऐसे में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेसनीत गठबंधन के सामने इस बार लोकसभा चुनाव में राजग गठबंधन के सामने पहले से भी ज्यादा सियासी चुनौती होगी। यही नहीं झारखंड विधानसभा में भी राजग गठबंधन 27 विधायकों के साथ प्रमुख विपक्षी दल के रुप में मौजूद है, जिसके भाजपा के 25 सदस्य हैं। लोकसभा चुनाव में राजग गठबंधन सभी 14 सीटों पर अपने उम्मीदवर उतारे हैं, जिनमें से 13 सीटों पर भाजपा और एक सीट पर उसकी सहयोगी दल ऑल झारंखंड स्टूडेंट्स यूनियन(आजसू) का प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। जबकि इंडिया गठबंधन से सात सीटों पर कांग्रेस, पाचं पर झामुमो और एक-एक राजद और सीपीआई(एमएल)एल के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे गये हैं। मसलन झारखंड में लोकसभा चुनाव की जंग राजग और इंडिया गठबंधन के बीच ही होगी। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपानीत राजग झारखंड में क्लीन स्वीप करने की चुनावी रणनीति के साथ रणभूमि में पूरी ताकत झौंक रहा है। जबकि राजग के मिशन को तोड़ने के लक्ष्य से विपक्षी गठबंधन में अपनी मजबूत रणनीति से चुनावी वैतरणी को पार करने में सभी दांव पेंच लगाने में पीछे नहीं है।
पहली चरण की चार सीटों का समीकरण
झारखंड में पहले दौर के चुनाव में चार लोकसभा सीटों खूंटी, लोहरदगा, सिंहभूम और पलामू में 13 मई को मतदान होना है, इनमें से तीन पर भाजपा और एक पर कांग्रेस काबिज है। लेकिन कांग्रेस की एक मात्र सांसद गीता कोडा लोकसभा चुनाव से पहले ही पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गई है। इस लिहाज से इन चारों लोकसभा सीटों पर बदले सियासी समीकरणों में इंडिया गठबंधन के सामने चुनौती होगी। खासबात है इंडिया गठबंधन ने खूंटी से अर्जुन मुंडा और लोहरदगा से भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव के खिलाफ कांग्रेस के उन्हीं प्रत्याशियों को क्रमश: कालीचरण मुंडा और सुखदेव भगत को चुनाव मैदान में उतारा है, जो साल 2019 के चुनाव में भाजपा से हार गये थे। अब इनके सामने पिछले चुनाव की हार का बदला चुकता करने की चुनौती होगी। जबकि सिंहभूम से इस बार भाजपा से चुनाव मैदान में उतरी गीता कोडा के खिलाफ झामुमो ने जोबा माझी और पलामू से भाजपा के मौजूदा सांसद विष्णु दयाल राम के सामने राजद ने ममता भुईयां पर दांव खेला है।
मतदाताओं का चक्रव्यूह
झारखंड की 14 लोकसभा सीटों के लिए चार चरणों में होने वाले चुनाव के राज्य में 2,55,18,642 मतदातओं का चक्रव्यूह तैयार है। इसमें 1,29,97,325 पुरष, 1,25,20,910 महिला और 407 ट्रांसजेंडर शामिल हैं। इनमें 18-19 साल की आयु वाले 8,08,371 नए युवा मतदाता पहली बार अपना वोट डालेंगे। राज्य में 80-85 साल के 3,22,709 बुजुर्ग और 85 साल से अधिक आयु वाले 1,39,445 मतदाता भी वोटिंग करेंगे, जिनमें सैकड़ो की संख्या में शतायु भी हैं। राज्य में चार चरणों के चुनाव के लिए 29,521 मतदान केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं।
क्या है जातीय समीकरण
झारखंड की सियासत में जातीय समीकरण अपना अलग ही महत्व रखता है। यहां सबसे ज्यादा 55 फीसदी आबादी ओबीसी है, जिसके बाद 28 फीसदी आदिवासी आबादी है, तो अनुसूचित जाति 16.33 फीसदी है। राज्य की आबादी में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी इन्हीं दोनों की है। आदिवासी 27 प्रतिशत और कुर्मी 25 प्रतिशत हैं।
इन चार सीटों पर महिलाएं निर्णायक
राज्य की चार लोकसभा सीट ऐसी हैं, जहां पुरुषों से ज्यादा महिला मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। इनमें सिंहभूम सीट पर 14.33 लाख मतदाताओं में 7.28 लाख महिला और 7.05 लाख पुरुष मतदाता हैं। इसी प्रकार खूंटी लोकसभा सीट पर 664311 पुरुष के मुकाबले 667946 महिला मतदाता हैं। लोहरदगा सीट पर जहां महिला मतदाताओं की संख्या 719616 है, तो पुरुष मतदाता 707402 ही हैं। इसी प्रकार राजमहल लोकसभा सीट पर कुल 16,82,219 वोटरों में 8,40,995 पुरुषों के मुकाबले 8,41,217 महिला मतदाता पंजीकृत हैं।
झारखंड में थीम आधारित बूथ
लोकसभा चुनाव में झारखंड इतिहास चुनाव आयोग ने सभी बूथों को थीम आधारित मतदान केंद्र स्थापित करने की पहल की है, जो भारत के चुनावी इतिहास में पहली बार हो रहा है। राज्य के सभी 29,521 मतदान केंद्रों को मॉडल बूथ के रुप में बनाया गया है। अभी तक जिला स्तर पर कुछ चुनिंदा बूथों को माडल बूथ की थीम दी जाती रही है। मसलन सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को संबन्धित जिले के पर्यटन स्थलों की झलक नजर आएगी। जिला स्तर पर धार्मिक और जातीय मुद्दों से हटकर पहली बार झारखंड की वन संपदा एवं पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों, वेशभूषा, कला संस्कृति, खेती और किसान, महिलाओं की जीवनशैली तथा युवा एवं प्रमुख खेल की थीम आधारित बूथों के रुप में मॉडल मतदान केंद्र बनाकर नया इतिहाहस रचने की तैयारी है।
चार चरण में होगा मतदान
पहला चरण(13 मई)- सिंहभूम, खूंटी, लोहरदगा और पलामू।
दूसरा चरण (20 मई)- चतरा, कोडरमा और हजारीबाग।
तीसरा चरण (25 मई)- गिरिडीह, धनबाद, रांची और जमशेदपुर।
चौथा चरण(01 जून)- राजमहल, दुमका और गोड्डा।
12May-2024
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें