शनिवार, 28 दिसंबर 2024

चौपाल: सामाजिक संस्कृति का संवर्धन करने में जुटे फिल्म अभिनेता हरिओम कौशिक

फिल्मों में अभिनय के साथ निर्माता-निर्देशक के रुप में बनाई पहचान 
      व्यक्तिगत परिचय 
नाम: हरिओम कौशिक 
जन्मतिथि: 7 जून 1989 
जन्म स्थान: गांव जाँट (महेंद्रगढ़) 
शिक्षा: एमए (कुरुक्षेंत्र विश्वविद्याल कुरुक्षेत्र), पासआउट सुपवा रोहतक। फिल्म अभिनय में ग्रेजुएशन
संप्रत्ति: निर्माता, निर्देशक, अभिनेता । 
संपर्क: गाँव जाँट, जिला महेंद्रगढ़ (हरियाणा) 
BY--ओ.पी. पाल 
देश-विदेशों तक हरियाणा की लोक कला, संस्कृति और सभ्यता को पहचान दिलाने के लिए सूबे के कलाकारों का अहम योगदान रहा है। ऐसे ही कलाकारों में रंगमंच, थिएटर और बॉलीवुड तक एक अभिनेता के रुप में लोकप्रियता हासिल करने वाले हरिओम कौशिक भी शुमार हैं। खासबात है कि सामाजिक और परिवारिक फिल्मों और उनमें अभिनय को तरजीह देना प्रमुख लक्ष्य रखा। उन्होंने सामाजिक और संस्कृति के संवर्धन की दिशा में कहानियां लिखने के साथ फिल्म निर्माता और निर्देशक के रुप में भी सिनेमा को नया आयाम देने में जुटे हैं। एक फिल्म अभिनेता हरिओम कौशिक ने अपने फिल्मी और अभिनय के सफर को लेकर हरिभूमि संवाददाता से हुई बातचीत में कई ऐसे अनछुए पहलुओं को भी उजागर किया, जिसमें उनका मानना है कि फिल्मों के माध्यम से सामाजिक संस्कृति का संवर्धन संभव है और इसके लिए वे युवा पीढ़ी को सिनेमा के गुर सिखाकर उन्हें अपनी संस्कृति से जोड़ने की मुहिम चलाने में जुटे हैं। 
फिल्म निर्माता, निर्देशक एवं अभिनेता हरिओम कौशिक का जन्म 7 जून 1989 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ शहर में कैलाश कौशिक और श्रीमती सुमन देवी के घर में हुआ उनके पिता का महेंद्रगढ़ में एकका निजी स्कूल है, जिसमें उनकी माता जी सुमन देवी भी उनके सहयोग करती है। हरिओम की धर्मपत्नी हेमंत कौशिक शिक्षा विभाग में सरकारी पद पर कार्यरत है। उनके परिवार में किसी प्रकार का सिनेमा या रंगमंच का कोई साहित्यिक व सांस्कृतिक माहौल नहीं था। हरिओम की शिक्षा पिता के अपने स्कूल में ही हुई, जहां होमवर्क न करने पर अन्य बच्चों से ज्यादा उनकी पिटाई होती थी। स्कूल में सुबह की प्रार्थना से शुरुआत होती थी और बालसभा के मंच से चुटकुले सुना कर उनकी रंगमंच की शुरुआत हुई। उन्होंने बाद में कॉलेज में यूथ फेस्टिवल से नाटक मंचन से अपनी कला का प्रदर्शन किया। बचपन में उन्होंने आरएसएस से वर्ग में नाटक बहुत किए और ज्यादातर भागीदारी रहती थी । फिर एनएसएस में खूब मंच की प्रस्तुति दी। बकौल हरिओम कौशिक, हरेक क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उतार चढ़ाव आता है। ऐसे ही मोड़ उनके फिल्मी एवं अभिनय के सफर में भी आए हैं। मसलन पोस्टर बॉयज़ फ़िल्म में हीरो के दोस्त के किरदार फाइनल हुआ और वर्कशॉप भी हुई, लेकिन शूट से एक दिन पहले उन्हें फ़िल्म से निकाल दिया गया। लेकिन उन्होंने हौंसले के साथ पीछे मुड़ना सही नहीं समझा। इसके बाद उन्होंने जोगी कास्टिंग में कास्टिंग असिस्टेंट के रुप में काम किया और स्टार्स के ऑडिशन लिये और जोगी जी उन्हें अपने सानिध्य में जाते से मुंबई घर लगने लगा। जहां तक फिल्मों में काम करने के विषयों का सवाल है, उन्होंने पारिवारिक फिल्म्स लिखना और बनाना ही प्रमुख लक्ष्य रखा है यानी समाज को साफ़ सुथरा सिनेमा देना ही उनके जीवन का लक्ष्य रहा है। कौशक ने बताया कि पिछले दिनों उनकी दो फ़िल्में 1600 मीटर और बहु काले की पारिवारिक कहानियों पर आधारित रही, जिन्होंने खूब नाम और पैसा दोनों कमाया है। फिल्म उद्योग में लोकप्रिय हुए हरिओम कौशिक सीबीएफसी दिल्ली के सदस्य होने के साथ आईएफएफआई 2022 की पूर्वावलोकन समिति के सदस्य तथा स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स के आईक्यूएसी के सदस्य भी हैं। ओम कौशिक फिल्मस के प्रेसिडेंट के रुप में हरिओम कौशिक मुंबई में ‘धर्मा प्रोडक्शन’, ‘राजमौली प्रोडक्शन’ तथा ‘सुजीत सरकार’ के साथ भी काम कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने ओम कौशिक फिल्म्स की ओर से हिसार के गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय के जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों को सिनेमा के क्षेत्र में ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और संयुक्त प्रोजेक्ट (लघु-फिल्म, वृत्तचित्र, सेमिनार, वर्कशॉप) आदि की सुविधा प्रदान करने के मकसद से हिसार के गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय के जनसंचार विभाग एवं ओम कौशिक फिल्म्स महेंद्रगढ़ के मध्य मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, ताकि विद्यार्थी प्री-प्रोडक्शन से लेकर पोस्ट-प्रोडक्शन तक की सारी बारीकियों को सीख पाएंगे। 
आधुनिक युग में बढ़ी पाश्चात्य संस्कृति 
इस आधुनिक युग यानी रील बनाने के प्रचलन से कला के क्षेत्र में विकट समय कहा जा सकता है, जहां युवा बहुत जल्दबादी में थिएटर या सिनेमा तक पहुंचने का प्रयास करते देखे जा रहे हैं। ऐसे में हम जैसे लेखकों और निर्देशकों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है, कि युवाओं को प्रेरित करने के लिए परिपक्वता के साथ फिल्म या नाटक लिखना आवश्यक है। दूसरा बड़ा कारण यह भी है कि सोशल मिडिया पर वीडियो बना रहे लोग गंदे कंटेंट ज़्यादा परोस रहे हैं, जो आने वाली युवा पीढ़ी के लिए भयावह है और वहीं सामाजिक विसंगतियां पनपने के ज्यादा आसार है। समाज में अपनी सभ्यता और संस्कृति के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए युवाओं को स्कूल की पढ़ाई के साथ थिएटर को जोड़ने से इस क्षेत्र में सुधार की गुंजाइश है। रंगमच पर नाटकों का मंचन संस्कारी, सभ्य, सामाजिक व्यवहारिक के रुप में होता है, जिससे हर कोई प्रभावित हो सकता है। आज लोककला, संगीत, अभिनय, रंगमंच जैसी सांस्कृतिक कलाओं में गिरावट आ रही है। बाजारीकरण के इस दौर में फिल्म्स में अभी मिलावट हो रही और फूहड़ता परोसी जा रही है। इस तरह के कंटेट स्थायीत्व नहीं दे सकते। इसलिए लोक कला या अभिनय अथवा रंगमंच में प्रसिद्धी हासिल करने के लिए सिद्धी करने की ज्यादा आवश्यकता है। तभी हम समाज में सभ्यता और अपनी संस्कृति को जीवंत रख सकते हैं। 
ऐसे मिली लोकप्रियता 
फिल्म निर्देशक एवं अभिनेता हरिओम कौशिक की यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है, कि उनका दो साल के लिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, दिल्ली क्षेत्र के सलाहकार के रूप में चयन हुआ है। यह उनकी फिल्म जगत में बढ़ती लोकप्रियता का ही परिणाम है, जो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और कहानी लेखक भी हैं। उन्होंने अपनी फिल्म निर्माण कंपनी 'ओम कौशिक फिल्म्स' की स्थापना भी की और अपनी पहली पहली फिल्म '1600 मीटर' का निर्माण किया। इसके अलावा हिंदी फिचर फिल्म 'तोता' को भी निर्देशित कर चुके हैं। इससे पहले उन्होने मुंबई फिल्म जगत की प्रसिद्ध जोगी फिल्म कास्टिंग में कई महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम किया। हरिओम ने हाल ही में रिलीज हुई फिचर फिल्म हरियाणा में अहम किरदार निभाया है और वर्तमान में मेवात, पहरा, फौजा और स्कैम जैसे प्रोजैक्ट्स पर काम कर रहे हैं। 
इन फिल्मों का किया निर्देशन 
फिल्म अभिनेता एवं निर्देशक हरिओम कौशिक ने जहां 1600 मीटर, वेब सीरीज बहू काले का निर्देशन किया, वहीं निर्देशन के साथ राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म फौजा के क्रिएटिव डायरेक्टर की भी भूमिका निभाई। उन्होंने फिल्म मेवात, बुरे लड़के भिवानी, टोटा, चिड़िया, वनवास जैसी वेबसीरीज फिल्मों का निर्माण किया। उन्होंने गंभीर आदमी, काठमांडू, हरियाणा, फौजा, बुरे लड़के, बहू काले की, ग्रुप डी, स्कैम और टोटा जैसी फिल्मों में एक अभिनेता के रुप में काम किया है। जबकि उधम सिंह, विक्रम बत्रा, गुलाबो सिताबो, गुंजन सक्सैना और आरआरआर में कास्टिंग सहायक की जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। 
23Dec-2024

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